रायपुर
केंद्र सरकार से मिल गया 52. 84 करोड़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 21 जुलाई। भाजपा विधायक पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने आज विधानसभा में राज्य कैंसर संस्थान बिलासपुर की स्थापना का मामला उठाया।
श्री अग्रवाल ने पूछा कि राज्य कैंसर संस्थान बिलासपुर की स्वीकृति कब दी गई। संस्थान हेतु कितनी राशि कब कब दी गई। सरकार से कितनी राशि कब कब प्राप्त हुई। क्या केंद्र सरकार से भी राशि प्राप्त हुई, यदि हां तो कब व कितनी राशि प्राप्त हुई । राशि का किस किस मद में कितना कितना खर्च किया जा रहा है। संस्थान की स्थापना के लिए अब तक क्या-क्या कार्यवाही कब कब की गई। कितनी राशि अब तक भुगतान किया गए हैं। क्या भवन निर्माण प्रारंभ हो गए हैं यदि हां तो कब कितना प्रतिशत निर्माण हुआ है नहीं तो क्यों? भवन एडमिनिस्ट्रेटिव परमिशन कब जारी की गई है।
स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने उत्तर में बताया कि केंद्र प्रवर्तित योजना अंतर्गत राज्य कैंसर संस्थान बिलासपुर स्थापना हेतु 19 नवंबर 2019 को अनुबंध निष्पादित किया गया था। वित्तीयवर्ष 2020-21 में राज्य शासन के बजट में 5 करोड़ का बजट प्रावधान था जिसमें तीन करोड़ केंद्रसरकार व 2 करोड़ राज्य सरकार का अंश था। वित्तीय वर्ष 22- 23 में ?1 करोड़ का बजट प्रावधान रखा गया है। भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में 10.23 करोड़ व वित्तीय वर्ष 2020-21 में /41.61 करोड़ कुल 51.84 करोड़ का केंद्र जारी किया है।
योजना की कुल लागत 115.20 करोड़ रूपये है। इसमें भवन निर्माण हेतु 34.50 करोड़ तथा चिकित्सा उपकरण करने हेतु ?80.70 करोड़ खर्च होना है । भवन निर्माण हेतु प्रशासकीय स्वीकृति 3 साल बाद 18 मई 2022 को प्राप्त हुई है । टेंडर के लिए कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
श्री अग्रवाल ने कहा है कि केंद्र सरकार पर लगातार आरोप लगाने वाले इस सरकार को राज्य कैंसर संस्थान के लिए 2019 में अनुबंध किया गया है। केंद्र सरकार ने 51 . 84 करोड़ की राशि जारी भी कर दी है पर राज्य सरकार के आर्थिक कंगाली व कुव्यवस्थाओं, अव्यवस्थाओं के चलते आज 3 साल बाद भी भवन निर्माण प्रारम्भ नहीं हो पाया है। स्वास्थ्य सेवाओ के प्रति राज्य सरकार का सोच इससे दिखता है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में कैंसर के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं महंगी इलाज होने के कारण गरीब इलाज नहीं करा पा रहे हैं और छत्तीसगढ़ सरकार कैंसर संस्थान के निर्माण के लिए आंख मूंदकर बैठी है जनता के बीच यह बात आनी चाहिए की भवन निर्माण के प्रशासनिक स्वीकृति के लिए 3 साल का समय क्यों लगा दो-तीन साल में भवन नहीं बनाया गया।