रायपुर

दैवेभो वन कर्मियों की मशाल रैली, सरकार में व्याप्त अंधकार को दूर करने की कामना की
15-Sep-2022 5:34 PM
दैवेभो वन कर्मियों की मशाल रैली, सरकार में व्याप्त अंधकार को दूर करने की कामना की

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 15 सितंबर। छत्तीसगढ़ दैवेभो वन कर्मचारी संघ ने अपने आंदोलन के 26 वें दिन बुधवार को विशाल मशाल रैली निकाली। 20 अगस्त से चल रहे आंदोलन के बाद सरकार ने सभी विभागों से दैवेभो और अनियमित, संविदा  कर्मचारियों की जानकारी  मंगाई है।  संघ के महामंत्री राम कुमार सिन्हा एवं प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के संरक्षक विजय कुमार झा ने बताया है कि मशाल रैली में 500 से अधिक  कर्मचारियों ने भाग लिया। मशाल रैली धरना स्थल से स्मार्ट सिटी कार्यालय तक तथा पुन: स्मार्ट सिटी कार्यालय से वापस बुढ़ेश्वर मंदिर चौक होते हुए धरना स्थल में समाप्त हुई। मशाल रैली का नेतृत्व प्रांतीय अध्यक्ष कमल नारायण साहू, उपाध्यक्ष अरविंद शर्मा, राजकुमार चौहान, कोषाध्यक्ष प्रीतम निषाद, नरेश पटेल, रोहित पटेल, शुभम जयसवाल, गिरधर जैन, आकाश, हारून दास मानिकपुरी, बिंदेश्वरी, काशीराम देवांगन एवं काशीराम ध्रुव ने किया।

कलेक्टर के प्रभाव में प्रभारी मंत्री असहाय

रायपुर, 15 सितंबर। रायपुर जिले सहित प्रदेश के अनेक जिलों में छत्तीसगढ़ शासन के आदेश का खुलेआम मख़ौल उड़ाया जा रहा है।यह भी प्रतीत हो रहा है कि कलेक्टर के प्रभाव में जिले के प्रभारी मंत्री भी असहाय हो गए हैं, इसीलिए शासन के तबादला नीति के पालन में जिलों से समय सीमा 10 सितंबर 22 तक जारी होनेवाले आदेश आज दिनाँक तक जारी नहीं किये  जा सके हैं और अब सारे आदेश पिछली तारीख में जारी करने की कवायद की जा रही है। तबादले के इछुक लोग लगातार आदेश के इंतजार में परेशान हो रहे हैं और न चाहते हुये अब आदेश के लिये दलालों के चक्कर में फंसते जा रहे हैं।उक्त जानकारी जारी विज्ञप्ति में छत्तीसगढ़ राज्य कर्मचारी संघ के पूर्व प्रांताध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर्स फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने दी है।  जारी विज्ञप्ति में आगे बताया गया है कि छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 12 अगस्त 22 को जारी  तबादला नीति में सभी जिलों में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का जिले से जिले के भीतर स्थानांतरण करने का अधिकार प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद जिला कलेक्टर के हस्ताक्षर से जारी करने का अधिकार दिया गया है। इस प्रक्रिया में विभागों में प्राप्त आवेदनों के आधार पर विभाग से जानकारी प्राप्त कर कलेक्टर द्वारा स्थानान्तरण प्रस्ताव पर प्रभारी मंत्री से अनुमोदन उपरांत तबादला आदेश 10 सितंबर तक हर हाल में जारी हो जाना था, परन्तु अबतक रायपुर सहित अनेक जिलों में ऐसा हो नहीं हो सका है।

इस बारे बताया जा रहा है कि आदेश को विलम्ब करने के पीछे लम्बा खेल हो रहा है कुछ माहिर लोग इस काम अपना भविष्य बनाने में लगे हैं। इसमें कहीं जिला प्रशासन के आगे प्रभारी मंत्री और कहीं पर प्रभारी मंत्री के आगे जिला प्रशासन नतमस्तक होकर इस खेल में सहभागी बनें हुए हैं।

नामदेव ने जारी विज्ञप्ति में आरोप लगाया तबादले के इस दलदल में मंत्री से लेकर सन्तरी तक अपनी  हिस्सेदारी को लेकर तनाव में है और स्थानांतरण चाहने वाले लोग जिसमें निकट भविष्य में रिटायर होनेवाले,पतिपत्नी,बीमार,लाचार प्रकरण के लोग शामिल हैं जो इस दलदल में धंसने के लिये मजबूर हो गये हैं।

 जारी विज्ञप्ति में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ट्वीट कर इसे संज्ञान में लेकर तबादला आदेश करने में विलम्ब करने कारणों की जांच कर जिम्मेदार लोगों पर कार्यवाही करने की मांग की है।

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