सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 29 अक्टूबर। लोक आस्था के महापर्व छठ के दूसरे दिन शनिवार को व्रतियों ने तालाबों, जलाशयों, नदियों में स्नान करने के बाद प्रसाद बनाया। शाम में शांत वातावरण में खरना का धार्मिक अनुष्ठान पूरा कर प्रसाद ग्रहण किया।
व्रतियों के प्रसाद खाने के बाद परिवार के अलावा पास पड़ोस, नाते रिश्तेदारों का प्रसाद खाने का दौर शुरू हुआ, जो देर रात तक चलता रहा। इसके साथ ही करीब 36 घंटे का व्रतियों का निर्जला उपवास शुरू हो गया।
रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य दिया जाएगा। इसके लिए व्रती तालाब, नदी, डैम में स्नान कर शाम में अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को पहला अघ्र्य देंगी। फिर सोमवार को सुबह जल में उतरकर भगवान सूर्य की आराधना करेंगी। साथ ही उगते सूर्य को अघ्र्य देंगी। इसके साथ ही चार दिवसीय महा छठ की पूर्णाहुति होगी।
खरीदारी का सिलसिला जारी
इधर शनिवार को बाजार में काफी रौनक रही। लोग पूजन सामग्री, फल अन्य सामान की खरीदारी करने में व्यस्त रहे। शहर के गुदरी बाजार में जगह-जगह गन्ना, सूप-दउरा, पूजन सामग्री आदि की स्टॉल लगाए गए थे। छठ को लेकर हर ओर भक्ति और उत्साह का माहौल है। बाजार मैं खरीदारी करने लोगों की भीड़ लगी रही।
खीर बनाने शुद्धता का रखा पूरा ध्यान
खीर प्रसाद बनाने के लिए नदियों और कुएं के पानी इस्तेमाल किया। नये चूल्हे पर आम की लकड़ी को जलावन में इस्तेमाल करते हुए पीतल के बर्तन में खरना के लिए प्रसाद बनाया गया। प्रसाद के लिए खीर व रोटी पकाई गई। शाम ढलते ही छठ व्रतियों ने छठ गीतों के बीच प्रसाद ग्रहण किया।