सरगुजा
घाटों में उमड़ा भक्तों का जनसैलाब, छठ गीतों से गुंजायमान रहा शहर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 30 अक्टूबर। सूर्य उपासना का महापर्व छठ जिले में आस्था के साथ मनाया गया। अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अघ्र्य अर्पित कर व्रती महिलाओं ने परिवार की सुख-समृद्धि की मंगल कामना की। इसके साथ ही शहर के अन्य तालाबों में लोगों का सैलाब उमड़ा पड़ा। सोमवार की सुबह उगते सूर्य को अघ्र्य देकर छठव्रतियां पारण करेंगी।
शहर के साथ जिले में आस्था के साथ छठ का महापर्व मनाया जा रहा है। पूरे शहर का वातावरण छठमय हो गया है। रविवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालु अघ्र्य देने के लिए दोपहर 1 बजे के बाद घाट पर पहुंचने लगे। छठव्रतियों ने घाटों पर अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य देकर परिवार के सुख-समृद्धि की कामना की।
छठ पर्व पर पूरा शहर सूर्यदेव की आराधना में लीन रहा। दोपहर बाद सडक़ों पर घाटों के लिए जाने वालों की काफी भीड़ थी। घर के पुरुष सदस्य कंधे पर गन्ना और सिर पर सूप लेकर आगे चल रहे थे। उनके पीछे व्रती महिलाएं छठ गीत गाते हुए चल रही थीं। इस दौरान परिवार की महिलाएं कांचे ही काठ के बहंगिया... बहंगी लचकत जाय... आदि गीत गा रही थीं।
छठ पर्व के तीसरे दिन शंकर घाट पर विहंगम दृश्य देखने को मिला। हर कोई छठ पर्व की आराधना और उल्लास से सराबोर था। इसके अलावा दर्रीपारा, महामाया मंदिर, मैरिन ड्राइव, गोधनपुर, गांधीनगर आदि क्षेत्र के तालाब में सूर्यदेव को अघ्र्य देने वालों की काफी भीड़ रही।
मौसमी फल और प्रसाद से भरे सूपों में जलते दीपक को दोनों हाथों में लेकर व्रतियों ने दूध और जल से अभिषेक किया। कई श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर या पूर्ण होने के बाद घर से दंडवत छठघाट तक पहुंचे। शहर की सडक़ों पर जाम की स्थिति बनी हुई थी।
इस अवसर पर विभिन्न संगठनों, समितियों ने घाट और पंडालों में रोशनी की व्यवस्था की थी। शंकर घाट पर इस महापर्व को सफल बनाने महामाया सेवा समिति के अध्यक्ष विजय सोनी, सचिव संजीव मंदिलवार, सदस्य रविशंकर पांडेय, सुनील दुबे, रत्नेश पांडेय, शैलेष पांडेय सहित अन्य सक्रिय रहे।
नदी का विहंगम दृश्य
शंकरघाट में जहां इस बार श्रद्धालुओं की भीड़ काफी कम पहुंची, किंतु शहर से आठ किलोमीटर दूर स्थित घुनघुट्टा नदी में छठ के लिए हजारों की संख्या में श्रद्घालु पहुंचे। यहां नदी का लंबा पाट होने एवं श्याम घुनघुट्टा छठ समिति की पुख्ता व्यवस्था के कारण लोगों को छठपूजन में आसानी हुई।