सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 31 अक्टूबर। चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन सोमवार को श्रद्धा, उत्साह, उमंग के साथ हुआ। सुबह से ही लोग नदियों के घाट पर पहु्ंचने लगे थे। इस बार शहर व आसपास के 12 छठ घाटों में हजारों लोगों ने सूर्य को अघ्र्य दिया और पवित्र जल में आस्था की डुबकी लगाई। संतान के जीवन में सुख की प्राप्ति और संतान प्राप्ति के लिए छठ का व्रत 36 घंटे निर्जला रखने के बाद उगते सूरज को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण श्रद्धालुओं ने किया। घाट पर ही हवन पूजन से माहौल भक्तिमय हो गया था।
नगर के शंकर घाट व घुनघुट्टा नदी तट पर विहंगम प्राकृतिक दृश्य के बीच आस्था व श्रद्धा में लोग डूबे रहे। छठ व्रत का पारण लोगों ने उगते सूर्य को अघ्र्य देने और इसके बाद व्रती महिलाओं ने प्रसाद बांटकर किया। इसके पहले कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन सूर्य को संध्या अघ्र्य देकर छठी मैय्या की पूजा की गई थी। नगर के शंकर घाट में मां महामाया छठ सेवा समिति के द्वारा व्यापक व्यवस्था की गई थी, यहां पूरी रात लोग ठहरे रहे और भजनों गीतों में लीन रहे।
शंकर घाट में समिति के अध्यक्ष विजय सोनी सहित सभी समिति के सदस्य व्यवस्था में लगे रहे। यहां श्रद्धालुओं एवं उनके भजनों के लिए चाय की भी व्यवस्था की गई थी। रात्रि जागरण करने वाले लोगों के लिए अलाव की भी बेहतर व्यवस्था थी। बाहर से आए कलाकारों के द्वारा पूरी रात यहां गीतों और भजनों का सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया जिससे लोगों को रात्रि जागरण में परेशानी नहीं हुई। अंबिकापुर के दूसरे सबसे बड़े घाट के रूप में विकसित घुनघुट्टा का नजारा अभूतपूर्व रहा।
यहां इस बार श्याम घुनघुट्टा छठ सेवा समिति के द्वारा व्यापक व्यवस्था की गई थी। वाहन पार्किंग के लिए दो अलग-अलग क्षेत्रों में जगह दी गई थी वहीं टोकन सिस्टम बनाकर सभी को घाटों में प्रवेश दिया गया था।
यहां चौड़े पाट पर इस बार सर्वाधिक संख्या में लोगों ने सूर्योपासना की। शहर के इन दो बड़े घाटों के साथ खैरबार रोड स्थित सिंचाई बांध, शिवधारी तालाब गोधनपुर, बिशुनपुर स्थित तालाब, जेल तालाब, गांधीनगर तालाब, महामाया तालाब, मौलवी बांध में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने सूर्य उपासना की।
इस बार के छठ महोत्सव में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से अंबिकापुर का हर परिवार शामिल रहा। यही नहीं छठ मनाने वालों के साथ छठ पर्व को देखने वालों की भी संख्या दोगुनी रही। घुनघुट्टा नदी तट पर तो आधा दर्जन गांव के लोग सुबह से ही नदी के किनारे छठ महोत्सव देखने पहुंचे थे। यही नहीं अपने इष्ट मित्र के परिवार के सदस्य जो छठ व्रत कर रहे थे उनके साथ सभी धर्म, समाज के लोग उत्साह से शामिल हुए। अन्य धर्म व समाज के लोगों ने भी पूरी तरह सहभागी बनकर सूर्य उपासना की। विशेष तौर पर दूसरे धर्म को मानने वाली महिलाएं भी सुहाग रूपी सिंदूर एक दूसरे को लगाते नजर आईं। कुल मिलाकर सूर्य उपासना के छठ व्रत ने हर धर्म व समाज को जोडऩे का संदेश भी दिया।
घुनघुट्टा नदी पर बनेगा भव्य सूर्य मंदिर, लिया संकल्प
नगर से लगे घुनघुट्टा नदी तट पर अपार जनसमूह के बीच गंगा आरती के दौरान श्याम घुनघुट्टा छठ सेवा समिति के संरक्षक व जिला पंचायत सदस्य राकेश गुप्ता ने सभी को नदी के तट पर भव्य सूर्य मंदिर बनाने का न सिर्फ संकल्प दिलाया बल्कि अपनी ओर से इसकी घोषणा की। आरती से पहले सभी ने सूर्य देव का जयघोष करते हुए इस संकल्प में साथ देने की हामी भी भरी। बता दें, इस स्थल पर भव्य सूर्य मंदिर बनने के बाद इस स्थल की आस्था और भी बढ़ जाएगी।