जशपुर

नए साल पर 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ
02-Jan-2023 2:38 PM
नए साल पर  24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ

कलश यात्रा में जीवंत झांकियां रही आकर्षण का केंद्र

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जशपुरनगर, 2 जनवरी।
जशपुर जिले के बगीचा में अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का भव्य आयोजन किया गया है।
कार्यक्रम की शुरुआत भव्य कलश यात्रा के साथ हुई, जिसमें भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करती जीवंत झांकियां प्रस्तुत की गई। इसके साथ ही लगभग ढाई हजार मात्र शक्तियों ने अपने सिर पर कलश धारण किया वहीं देव कन्याओं ने वेद पुराण उपनिषद रामायण गीता को धारण कर पूरे नगर में शक्ति का संचार किया।

उल्लेखनीय है कि 1 से 4 जनवरी तक गायत्री प्रज्ञा पीठ बगीचा के मंगल भवन प्रांगण में 24 कुंडीय नवचेतना जागरण गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया गया है। उक्त कार्यक्रम की शुरुआत में कलश शोभायात्रा गायत्री मंदिर प्रांगण से निकलकर नगर के मुख्य मार्ग में होते हुए डोडकी नदी पहुंची जहां मातृशक्ति ने कलशों में जल भरकर कलशों को यज्ञशाला में स्थापित किया।

शांतिकुंज हरिद्वार से पधारे ब्रम्हवादिनी महिला टोली में श्यामा जीजी, अरुंधति जीजी, द्रौपदी जीजी, सविता जीजी,  आरती जीजी, लक्ष्मी जीजी, रामेश्वर सुखवाल, मनीष शामिल हैं। जिनके द्वारा कलश धारण किए मातृशक्तियों की आरती की गई। तिलक लगाकर टोली का स्वागत वरिष्ठ परिजन कलावती सोनी, समाजसेवी  गीता सिन्हा, जिला पंचायत अध्यक्ष रायमुनि भगत, प्रमुख यजमान अमृता अग्रवाल, महिला मंडल प्रमुख ममता यादव ने किया।

ब्रह्मवादिनी टोली प्रमुख  श्यामा जीजी ने मातृशक्ति को संबोधित करते हुए कहा कि मनुष्य जीवन को सफल बनाने के दो ही रास्ते हैं आवश्यकताएं कम करें और परिस्थितियों से तालमेल बिठाए। उन्होंने बताया कि मनुष्यता और धर्म संस्कृति की रक्षा के लिए माता गायत्री और पिता तुल्य यज्ञ अत्यंत आवश्यक है। हम सभी को यज्ञ के साथ माता गायत्री का अनुसरण करना चाहिए अपने जीवन को धन्य बनाना हो तो माता गायत्री से सद्बुुद्धि की कामना करें, क्योंकि गायत्री अर्थात सद्बुद्धि यज्ञ अर्थात सत्कर्म। आज व्यक्ति और विश्वासी हो गया है। क्योंकि उसके विचार बिगड़ गए हैं और परम पूज्य गुरुदेव पंडित राम शर्मा आचार्य ने युग निर्माण के माध्यम से विचार क्रांति का अभियान चलाया है। गायत्री सद्बुद्धि का मंत्र है हर कोई इसका जाप कर सकता है। लोग भ्रमित रहते हैं कि गायत्री के जप के लिए दुव्र्यसनों का त्याग करना पड़ता है। जबकि गायत्री मंत्र के जप से स्वयमेव ही सभी दूर व्यसनों का त्याग हो जाता है और आपको सद्बुद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही आपकी आत्मा व आत्मिक व आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है।
कलश शोभायात्रा में पत्थलगांव क्षेत्र से सैकड़ों की संख्या में भाई बहनों ने नृत्य के साथ नगर में झूमते हुए शक्ति का संचार किया। वहीं जशपुर, कुनकुरी, गेरसा, सीतापुर, बोदा, दुर्गापारा, बिमडा, कलिया, बछरांवा, शाहीडाँड़ समेत बगीचा के विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धालुओं ने कार्यक्रम में भाग लिया। लगभग 5 हजार की संख्या में परिजन व नगरवासी कार्यक्रम में शामिल हुए। विश्रामपुर से पधारे विमल रजक, पप्पू ठाकुर की टीम ने  यज्ञशाला की व्यवस्था में सहयोग प्रदान किया। यज्ञ आयोजन समिति के अध्यक्ष मुकेश शर्मा, बजरंग अग्रवाल, प्रमोद गुप्ता, संतोष गुप्ता, पंकज जैन समेत गायत्री परिजनों ने कलश शोभायात्रा में विशेष सहयोग किया।

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