रायपुर

जिंदा रहते की ख्वाहिश को मौत के साथ पूरी की
03-Mar-2023 6:36 PM
जिंदा रहते की ख्वाहिश को मौत के साथ पूरी की

आर्गन डोनेट कर छह लोगों को दी नई जिंदगी अंगदान करने वाली नर्सिंग ऑफिसर को दी गई श्रद्धांजलि

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 3 मार्च। शरीर में जान रहते आर्गन डोनेट करने की ख्वाहिश की थी उर्मिला किर्की ने ।और मौत की दहलीज पर खड़े होते ही छह लोगों को नई जिंदगी देकर पूरी की।

एम्स रायपुर में 6 दिनों पहले एक 24 साल की नर्सिंग ऑफिसर उर्मिला किर्की  ब्रेनडेड हो गई थी। वह एम्स में ही  किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट में ही मरीजों की देखभाल करती थी।  उर्मिला की किडनी उसी के यूनिट में काम आ गई। शनिवार को देर रात एक  किडनी बलौदाबाजार के 19 साल के युवक को लगाई गई। वहीं दूसरी किडनी राम कृष्ण केयर अस्पताल में अंबिकापुर के 20 साल के युवक को लगाया गया। मरीज पिछले 8महीनों से डायलेसिस में था।

राज्य आर्गन एण्ड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन (सोटो) के संचालक डॉ. विनित जैन ने बताया कि नर्स का ब्रेनडेड होने के बाद उसके फेफडे पूरी तरह खराब हो गया था। जिसके कारण उसे ट्रांसप्लांट नहीं किया गया। जिसका कुछ हिस्सा हार्ट वाल्व को नया रायपुर के सत्यसाई हार्ट केयर अस्पताल को दिया गया। इसके लिए सोटो की ओर से हार्ट को समय पर अस्पताल ले जाने के लिए ग्रीन कारिडोर बनाया गया था। इसके अलावा नर्स के दोनों आंखों के कार्निया को नेत्र रोग विभाग के मरीजों को दान किया गया।

एम्स के किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. विनय राठौड़ ने बताया कि नर्स की एक किडनी बलौदाबाजार के पास स्थित ग्राम नगरदा के 19 वर्षीय युवा के काम आ गई। वह पिछले 8 महीने से डायलिसिस पर था, उसकी दोनों मां-बाप किडनी किडनी खराब हो चुकी थी। मां को टीबी होने 7 देने में असमर्थ थे कारण वह किडनी दान नहीं कर पाई। वहीं लडक़े के पिता की किडनी में भी समस्या थी। इधर केयर विशेषज्ञ डॉ. प्रवास चौधरी ने बताया कि नर्स की दूसरी किडनी अंबिकापुर के 20 वर्षीय युवा को लगी, वह सिकलिंग से पीडि़त था ।

किसी के जीवन की रक्षा करना इससे बड़ा कोई दूसरा नेक काम नहीं काम नहीं होता और अंगदान नेक काम करने में सबसे मददगार है। ऐसा ही एक नेक काम राजधानी भोपाल में नर्सिंग ऑफिसर उर्मिला कार्की के परिजनों ने किया है। दरअसल नर्सिंग ऑफिसर उर्मिला कार्की को ब्रेन हेमरेज हो गया था। जिसके बाद डॉक्टर ने उनका ब्रेन डेड घोषित कर दिया था। इसके बाद उनके परिजनों ने कार्की के अंतिम इच्छा अनुसार उनके अंगों को दान करने का फैसला किया। इसके बाद उनके अंगदान किए गए। जिसमें 6 लोगों को नई जिंदगी मिली है। उर्मिला कार्की की शुरू से इच्छा थी कि जब भी उनका इस तरह निधन हो तो, उनके अंगों को दान कर दिया जाए। जिससे दूसरे लोगों को नई जिंदगी मिल सके। इसलिए परिजनों ने उनके अंगों को दान करने का फैसला किया।

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