महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,17 जुलाई। राज्य सहित जिले के स्कूलों में लगातार तालाबंदी, स्कूल का बहिष्कार, बच्चों का आंदोलन चल रहा है। स्कूलों में शिक्षकों की कमी पर चिंता जाहिर करते हुए भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष सुधा साहू ने सरकार की लचर व्यवस्था व विभागीय उदासीनता का परिणाम कहा है।
श्रीमती साहू ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि भाजपा के कार्यकाल में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम शिक्षा गुणवत्ता अभियान चलाया गया था। उस समय छत्तीसगढ़ नेशनल अचीवमेंट सर्वे में 18वें स्थान पर था। वर्तमान में कांग्रेस सरकार के साढ़े चार सालों में शिक्षा व्यवस्था बद से बदतर हो गई है। हालत यह है कि हम 30 राज्यों से भी नीचे चले गए हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार केवल आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय की ब्रांडिंग में लगी हुई है। उसके अलावा बाकी सरकारी स्कूलों पर कोई ध्यान नहीं है। प्रदेश के 60 लाख बच्चों का भविष्य अंधकार में जा रहा है और राज्य सरकार अपनी झूठी वाहवाही में मस्त है। सुधा साहू ने कहा कि शिक्षक और बच्चों को प्रयोगशाला बनाकर रखा जाएगा, तब तक शिक्षा का स्तर सुधरना नामुमकिन है। श्रीमती साहू ने कहा कि विगत दिनों अमलोर के बच्चों द्वारा शिक्षक की मांग को लेकर शिक्षा विभाग में कापी, पुस्तक व बस्ता जमा करना तथा मुख्यमंत्री निवास में बस्ता छोडऩा गंभीर विभागीय लापरवाही को दर्शाता है। कई सालों से अमलोर स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है। स्कूली बच्चे व पालक शिक्षक की मांग करते थक गए। लेकिन विभाग के कानों में जूं तक नहीं रेंग रहा। इसी तरह कल भी गढ़सिवनी हाईस्कूल में बच्चों ने शिक्षक की मांग को लेकर स्कूल में तालाबंदी कर दी।
इससे साफ जाहिर होता है कि शिक्षा का स्तर सुधारने शासन कोई पहल नहीं कर रहा। विभागीय अधिकारी करीबियों को मनचाहे स्कूलों में पोस्टिंग कर दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों को शिक्षक विहीन बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
राज्य सरकार और सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि केवल कमीशन के खेल में लगे हैं। कांग्रेसी राज में चहुंओर वसूली अभियान चल रहा है।