कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंडागांव, 17 जुलाई। भारत स्काउट एवं गाइड जिला संघ कोंडागांव से संबद्ध शासकीय प्राथमिक शाला मुरारीपारा बड़ेबेंदरी में सोमवार को छत्तीसगढ़ का पहला पारंपरिक हरेली का त्योहार कब मास्टर पवन कुमार साहू के नेतृत्व में मनाया गया।
इस अवसर पर कब मास्टर पवन कुमार साहू ने बांस से बनी गेड़ी पर चढक़र कब के छात्रों को अपने परंपरागत त्यौहार को जीवंत बनाए रखने हेतु प्रेरित किया। तत्पश्चात विद्यालय परिसर में पर्यावरण संतुलन के लिए आम एवं राम फल का पौधा रोपण किया गया।
इस अवसर पर हरेली के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कब मास्टर पवन कुमार साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हरेली त्यौहार का विशेष महत्व है। हरेली छत्तीसगढ़ का पहला त्यौहार है। छत्तीसगढ़ में यह त्यौहार परंपरागत रूप से मनाया जाता है। इस दिन किसान ,खेती किसानी में उपयोग में आने वाले कृषि यंत्रों में नागर, कोपर ,दातारी, टंगिया, बसूला ,कुदारी , सब्बल एवं गईति की पूजा कर माताओं द्वारा बनाए गए छत्तीसगढ़ी व्यंजन गुलगुला भजिया व गुड़ चीला का भोग लगाते हैं। हरेली पर्व के दिन पशुओं के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए ग्वाले जंगल से कंदमूल की औषधि लाकर पशुओं को खिलाते हैं, ताकि पशु धन वर्ष भर स्वस्थ रहे। इस दिन गांव के बच्चे एवं युवा बांस से बनी गेड़ी का आनंद लेते हैं। माता एवं बहने सावन झूला, फुगड़ी, बिल्लस एवं खो खो खेल का आनंद लेते हैं।