सूरजपुर
ग्रामीणों ने दी चुनाव बहिष्कार की चेतावनी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिश्रामपुर, 8 अगस्त। सूरजपुर जिला मुख्यालय से लगा हुआ पर्री गांव में आजादी के 75 साल बाद भी अब तक पक्की सडक़ नहीं बन सकी है। बरसात के दिनों में ग्रामीणों की परेशानी और बढ़ गई है, कीचड़ से सराबोर सडक़ को पार कर बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाया जाता है, वहीं गांव के विद्यार्थी भी कीचड़ भरे सडक़ों में चलकर 5 किलोमीटर दूर सूरजपुर या डुमरिया स्कूल पढऩे जाते हैं। गांव के किसी व्यक्ति की तबीयत अधिक खराब हो जाती है तो उसे अस्पताल तक पहुंचाने के लिए एंबुलेस भी समय पर नहीं पहुंच पाता है। किसी तरह स्वजन वाहन की व्यवस्था कर लेते हैं तो कीचड़ युक्त सडक़ से वाहन को निकालना किसी चुनौती से कम नहीं होता है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि जल्द से जल्द सडक़ का निर्माण नहीं हुआ तो वे सभी ग्रामवासी मतदान का बहिष्कार करेंगे।
देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, पर आजादी के 75 साल बाद भी पर्री से मेन रोड सूरजपुर मार्ग नहीं बन सका है। ग्राम पर्री से 5 किलोमीटर की दूरी पर जिला मुख्यालय सूरजपुर है। सूरजपुर या भैयाथान जाने के लिए मेन रोड तक गांव से लोगों को पैदल तक चलना मुश्किल हो गया है। सरकार की पीएमजीएसवाई और मुख्यमंत्री ग्राम सडक़ जैसी योजना के बाद भी आजादी के 75 साल बीत जाने पर यहां पक्की सडक़ नहीं बन सकी है।
लगातार हो रही वर्षा की वजह से मार्ग कीचड़ से सराबोर हो गया है जिसकी वजह से लोगों को सूरजपुर जिला मुख्यालय जाने के लिए 5 किलोमीटर की दूरी तय करना पड़ रही है।
छोटे-छोटे बच्चों को आंगन बाड़ी व विद्यार्थियों को पर्री स्कूल आने जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अगर गांव में यदि कोई घटना हो गई हो या किसी का स्वास्थ्य खराब हो तो लोगों को 108 और 112 के आने के लिए कई घंटे तक इंतजार करना पड़ता है । बरसात के दिनों में पर्री के ग्रामीणों की परेशानी और बढ़ गई है। आजादी के 75 साल बाद भी ग्रामवासी मूलभूत सुविधा के लिए तरस रहे हैं।
सोसायटी जाने किसानों को 5 किलोमीटर सूरजपुर का सफर तय करना पड़ता है, वहीं पास के प्रमुख नगर व थाना जाने के लिए 5 किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है। देश आजादी का अमृत महोत्सव बना रहा है, मगर आजादी के 75 साल बाद भी पर्री मार्ग नहीं बन सका है। वर्षा होने पर पर पर्री मार्ग मेें बड़े बड़े गड्ढे होने से पानी भर गया है। हालत इस प्रकार हो चुकी है की शायद इसमे रोपा लगा दिया जाए तो बहुत अच्छी फसल हो सकती है। जर्जर होने के कारण कई बाइक चालक गिरकर घायल हो गए हैं।
समय पर नहीं पहुंच पाती एंबुलेंस
युवा व्यवसाई संदीप कुशवाहा का कहना है कि बरसात के दिनों में कीचड़ से सराबोर सडक़ को पार कर बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाया जाता है, वहीं गांव के विद्यार्थी भी कीचड़ भरे सडक़ों में चलकर तीन किलोमीटर दूर सूरजपुर पढऩे जाते हैं। गांव के किसी व्यक्ति की तबीयत अधिक खराब हो जाती है तो उसे अस्पताल तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस भी समय पर नहीं पहुंच पाता है। किसी तरह स्वजन वाहन की व्यवस्था कर लेते हैं तो कीचड़ युक्त सडक़ से वाहन को निकालना किसी चुनौती से कम नहीं होता है। किसानों को खाद- बीज के लिए सूरजपुर सोसायटी जाना पड़ता है।
कीचड़ की वजह से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इतनी समस्या होने के बाद भी क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने कभी इस गांव की सुध नहीं ली, वहीं जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा भी कभी कोई ध्यान नहीं दिया जाता है।
सडक़ नहीं बनी तो करेंगे चुनाव का बहिष्कार
ग्राम पंचायत पर्री के समस्त ग्रामवासियों का कहना है कि ग्राम पंचायत के सरपंच व सचिव की लापरवाही के कारण आज गांव में परेशानियां उत्पन्न हो रही है। अगर चाहते तो मनरेगा से मिट्टी मुरूम का कार्य करा सकते थे। जनप्रतिनिधि भी वोट लेने के बाद इस गांव की ओर दुबारा मुडक़र नहीं देखे। चुनाव के समय हाथ जोडक़र वोट मांगने वाले नेता अब उनके गांव क्यों नहीं आते। पर्रीवासियों को जनप्रतिनिधियों ने उनके हाल पर छोड़ दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि जल्द से जल्द सडक़ का निर्माण नहीं हुआ तो वे सभी ग्रामवासी मतदान का बहिष्कार करेंगे।