रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 अगस्त। प्रदेश के किसी भी विभाग में हुए अब तक के सबसे बड़े प्रमोशन और उसके बाद पोस्टिंग घोटाले को ईओडब्लू को सौंपने की तैयारी की जा रही है। इस घोटाले के कई सूत्रधार इन दिनों फरार बताए गए हैं।
इस बीच पदोन्नत सहायक शिक्षकों के तबादले रद्द करने सीएम भूपेश बघेल ने हरी झंडी दे दी है । नये शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे के भेजे नोटशीट पर सीएम बघेल ने मंजूरी दे दी है। । करीब पांच हजार शिक्षकों को पदोन्नत कर नये रिक्त स्कूलों में पोस्टिंग करनी थी। लेकिन विभाग में पदस्थ मठाधीश अधिकारियों ने हरेक शिक्षक से वसूली कर जिला, ब्लाक और तहसील मुख्यालय के स्कूलों में पोस्टिंग करा ली। रविंद्र चौबे ने इसे अनैतिक और पवित्र विभाग में घोटाला कहा थी। उन्होंने चार जेडी समेत दस अधिकारियों को संस्पेंड किया था । और अपने स्तर पर जांच के बाद सभी पदोन्नत सहायक शिक्षकों के तबादले निरस्त करने का प्रस्ताव सीएम को समन्वय के लिए भेजा था। सीएम ने मंजूरी दे दी है तो राखी के बाद सभी पोस्टिंग रद्द कर दिए जाएंगे।
सूत्रों ने बताया कि चौबे , चुनाव से पहले विभाग में आपरेशन क्लीन चला रहे हैं। इसमें वे अफसर और शिक्षक नेता टारगेट में हैं जो विभाग को अपनी तरह से चलाते रहे हैं। यह पोस्टिंग घोटाला भी इन्हीं की जुगलबंदी रही है। कई वरिष्ठ शिक्षकों को दूरस्थ इलाकों में भेजकर अपने संगठन के सदस्य शिक्षकों को जिला, ब्लाक और तहसील मुख्यालय में पदस्थ करने का खेल खेला गया। इसमें भी बड़ी वसूली की गई जो इन नेताओं ने कई अफसरों को बांटा।
इस घोटाले को लेकर मंत्री की गंभीरता इसी से समझा जा सकता है कि खुलासा होते ही उन्होंने विभाग के अफसरों के बजाए सीधे कलेक्टरों से रिपोर्ट तलब किया । पूर्व के वर्षों में हुए तबादला को लेकर सरकार की सदन और बाहर किरकिरी से भी चौबे वाकिफ रहे हैं। सो उन्होंने सीएम बघेल को पूरी वस्तुस्थिति की जानकारी दी और चार जेडी समेत दस लोगों को निलंबित किया । उसके बाद चौबे को कई अन्य गंभीर जानकारी मिली है। सो अब ईओडब्लू से जांच कराने की तैयारी है।
स्कूल शिक्षा विभाग ने लगाया कैविएट
एक तरफ सरकार ने जहां शिक्षकों के प्रमोशन को रद्द कर दिया है, वहीं दूसरी कैविएट लगाकर शिक्षकों के लिए दोगुनी मुश्किल खड़ी कर दी है। इससे पहले 4 अगस्त को ही विधि विभाग ने महाधिवक्ता को पत्र भेजकर ये सूचना दे दी थी कि प्रमोशन संशोधन निरस्त करने राज्य सरकार जा रही है। इसलिए कैविएट दायर करना होगा। राज्य सरकार के पत्र के बाद हाईकोर्ट में कैविएट दायर किया गया। 29 अगस्त को इसका प्रकाशन अखबारों में भी कर दिया गया।
कैविएट की सूचना से साफ है कि राज्य सरकार ने सभी प्रमोशन संशोधन को निरस्त कर दिया है। हेडमास्टर व शिक्षक के तमाम प्रमोशन को 9 अगस्त के आदेश से ही निरस्त कर दिये हैं। अब विभाग की तरफ से सिर्फ औपचारिक निर्देश जारी किये जायेंगे। इसके लिए 4 अगस्त को ही विधि विधायी विभाग ने महाधिवक्ता को पत्र भेजकर कैविएट दायर करने को कहा था। इसी बीच शिक्षा विभाग ने 9 अगस्त को सभी संशोधन आदेश निरस्त कर दिया। अब विभागों से संभागवार निरस्तीकरण आदेश जारी किया जायेगा।
पत्र में साफ कहा गया है कि शिक्षा विभाग की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक संभागीय संयुक्त संचालक की तरफ से पदोन्नति उपरांत किये गये संशोधन को निरस्त करने का आदेश जारी होने के बाद प्रभावित शिक्षक हाईकोर्ट जा सकते हैं। उम्मीद है कि उन्हें स्टे भी मिल जाये, ऐसे में नाराज और असंतुष्ट शिक्षकों की तरफ से हाईकोर्ट में रिट याचिका दायकर एकपक्षीय स्थगन प्राप्त ना किया जा सके, को ध्यान में रखते हुए कैविएट दायर किया जाए।
लिहाजा ये तो तय हो गया है कि प्रमोशन के संशोधन को राज्य सरकार ने निरस्त कर दिया है, इस बारे में अब बस औपचारिक चि_ी निकलनी बाकी रह गयी है।