सूरजपुर

आजादी के 75 वर्ष बाद भी ग्राम पंचायत बूढ़ाडांड के ग्रामीण तरस रहे सडक़ के लिए
18-Sep-2023 8:59 PM
आजादी के 75 वर्ष बाद भी ग्राम पंचायत बूढ़ाडांड के ग्रामीण तरस रहे सडक़ के लिए

 आक्रोशित ग्रामीणों ने आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने लिया निर्णय 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

प्रतापपुर,18 सितंबर। आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक सडक़ के लिए ग्राम पंचायत बूढ़ा डांड के ग्रामीण तरस गए है। सडक़ के अभाव में शासन की योजनाओं का लाभ इन्हें नहीं मिल पा रहा है और साथ ही कई मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित है।

ग्राम पंचायत बूढ़ा डांड का पूरा गांव महिला पुरुष नौजवान बच्चे बुजुर्ग  लोग आक्रोश व्यक्त करते हुए पूरा गांव एक जुट होकर आगामी आने वाले विधानसभा चुनाव में वोट न देने का एलान करते हुए चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। ग्रामीणों के इस आक्रोश और ऐलान से चुनाव में बड़े-बड़े वादे और बे बुनियादी बात करने वाले सरकार व नेता सहित जनपद पंचायत प्रतापपुर के अधिकारियों की पोल खुल गए है।

ग्रामीणों ने बताया कि आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक ग्राम पंचायत बूढ़ा डांड में विकास के अभाव में ग्रामीण बच्चे बच्चियों को स्कूल जाने से लेकर, गर्भवती महिला,डिलेवरी, रेडी टू इट,राशन, तथा 108 को फोन करने के बाद भी यह कह दिया जाता है कि सडक़ बहुत खराब है जो अंदर तक नहीं पहुंच पाती और ग्रामीण इलाज के आभाव में दम तोड़ देते हैं। इस गांव में पहुंच विहीन रास्ते और बरसात के कारण चारों ओर कीचड़ होने से स्थिति बद से बदतर हो गई है।

ग्रामीणों का आक्रोश इस कदर है कि इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव का पूर्ण रूप से ग्रामीणों ने बहिष्कार कर दिया और शासन प्रशासन के ऊपर सवाल खड़े करते हुए जनपद पंचायत में बैठे जनपद सीईओ सहित विकास के बड़े-बड़े दावा करने वालों का पोल खोल दिए है।

ग्रामीणों ने बताया भाजपा सरकार और कांग्रेस सरकार मे बड़े-बड़े राजनेताओं का विधानसभा क्षेत्र होने के बाद भी स्थिति काफी गंभीर है। ग्रामीणों ने आक्रोश वश वोट न देने का निर्णय लिया है जिससे अब अधिकारियों की जमकर किरकिरी हो रही है,वहीं अधिकारियों के हाथ पांव फूल रहे हैं।

अधिकारी और नेता ग्रामीणों का मान मनौवल करने में जुटे हुए हैं,वहीं ग्राम पंचायत बूढ़ाडांड के सरपंच ने शासन प्रशासन पर उपेक्षा का शिकार होना बताया है। ग्रामीणों ने कहा कि कोई नेता उनके इस समस्या से निजात नहीं दिलाता,कई बार अधिकारियों को अवगत कराया गया मगर कोई पहल नहीं किया गया।अगर कोई नेता जाकर देखें तब गरीबों की लाचारी उनको दिखाई पड़ेगी।नेता ग्रामीण जनता से वोट ले लेती है उसके बाद ग्रामीणों की कोई समस्या सुनने वाला नहीं जिससे ग्रामीण खून के आंसू रो रहे हैं।

इस विषय में जनपद पंचायत सीईओ पारस पैकरा ने कहा कि मामला काफी गंभीर है। मेरे से पूर्व जनपद सीईओ निजामुद्दीन थे मैं अभी नया आया हूं,तत्काल समस्या से उच्च अधिकारियों को अवगत करा बात करता हूं।

एसडीम दीपिका नेताम ने चर्चा के दौरान कहा कि मामला काफी गंभीर है,जनपद सीईओ से तत्काल जवाब तलब कर मामला को संज्ञान लेती हूं तथा इस विषय में कलेक्टर सूरजपुर से बात करती हूं।

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