रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 10 नवंबर। 44 हजार वर्ग किमी तक फैले छत्तीसगढ़ के जंगल क्षेत्र की रिस्ट्रक्चरिंग की कार्रवाई की जा रही है। चुनावी आपाधापी में हो रही इस कार्रवाई में जंगल के बीट का पुनर्निधारण किया जाना है । राज्य में जंगल इस समय 500 से अधिक बीट में विभाजित है।
एपीसीसीएफ संरक्षण ने सभी डी एफ ओ को पत्र लिखकर अपने अपने इलाके के रेंज और बीट की संख्या एक सप्ताह के भीतर मांगी है। राज्य में वर्तमान में 150 से अधिक रेंज और पांच सौ से अधिक बीट हैं। एक बीट गार्ड के प्रभार में 2-3 बीट आते हैं। अब इनका पुनर्निरधारण कर और वि केंद्रीकृत किया जाना है। समझा जा रहा है कि राज्य में पिछले दस वर्ष से यह नहीं हो पाया है। इस दौरान नए जिले, तहसील, ब्लाक या गठन हुआ। कई पुराने रेंज, बीट अभी भी पुराने जिले या डीएफओ के ही क्षेत्र में बने हुए हैं। इससे कामकाज के साथ बजट आबंटन व खर्च में भी दिक्कत हो रही है। इसे दूर करने पीसीसीएफ श्रीनिवास राव ने यह पहल की है। उनकी ओर से गुरूवार को जारी पत्र में सभी डी एफ ओ से एक सप्ताह के भीतर वर्तमान के रेंज और बीट की संख्या मांगी गई है । इनमें सामान्य और संवेदनशील में विभाजित कर जानकारी देनी होगी। इस दृष्टि से संवेदनशील में हाथी विचरण क्षेत्र, अतिक्रमण या नक्सल प्रभावित, अवैध कटाई या अवैध उत्खनन, ग्रामीणों के कब्जे वाले जंगल, शिकार की दृष्टि से अति और कम अतिसंवेदन शामिल है। राज्य में इस समय 150 से अधिक रेंज, और 500 बीट हैं। और हर रेंज का बजट तीन से पांच करोड का अनुमानित है। बताया तो यह भी जा रहा है कि बजट बंटवारे के लिए ही यह पुनर्गठन किया जा रहा है । चुनाव बाद, किसी भी दल की सरकार बने, उसने वन और वनवासियों के लिए हजारों करोड़ के खर्च वाली योजनाओं कि घोषणा कर रखी है।