महासमुन्द

हड़ताल खत्म होने के बाद भी ट्रांसपोर्ट सिस्टम नहीं सुधरा, बस स्टैंड में दुकानें-होटलों में भी यात्री नजर नहीं आ रहे
03-Jan-2024 3:07 PM
हड़ताल खत्म होने के बाद भी ट्रांसपोर्ट सिस्टम नहीं सुधरा, बस स्टैंड में दुकानें-होटलों में भी यात्री नजर नहीं आ रहे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 3 जनवरी।
नए हिट एंड रन कानून के विरोध में आंदोलन कर रहे चालक परिचालक संघ ने हड़ताल समाप्त कर दी है। आज महासमुंद बस स्टैंड में दुकानों, होटलों के खुले रहने के बावजूद यात्री नहीं दिख रहे हैं। 

जानकारी अनुसार बीती रात इस मामले में समझौता हो गया है। समझौते में किन-किन विषयों का जिक्र हुआ है, यह तो अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन आज सुबह से सडक़ों पर फिर से वाहनें दौड़ रही हैं।

कल तक शासन-प्रशासन ने आम लोगों की दिनचर्या बहाल रखने के लिए कई तरह के आदेश जारी किए थे। सब्जियां और रोज उपयोग में आने वाले सामान दुगुने दाम पर बिक रही थीं। कल दिन भर सडक़ें सूनी थीं। हड़ताल के आगे चलने से स्थिति और भी विकट हो सकती थी। हड़ताल की वजह से बाहर से आने वाली सब्जियों की खेप नहीं आईं तो सब्जी बाजार में मटर थोक में 40 रुपए किलो, टमाटर 250 से 500 रुपए कैरेट बिका। आलू प्याज की खेप शहर में नहीं पहुंच पाई तो किराना दुकानों से आलू और प्याज जैसे जररूत की सब्जियां गायब थीं। निजी वाहनों के पहिए थमे रहे। 

मंगलवार दोपहर महासमुंद के वाहन चालकों ने शहर के मुख्य मार्ग पर मार्च कर बाहर से आने जाने वाले वाहनों को रोकते हुए प्रदर्शन किया। यात्री बसों से यात्रा करने वाले लोग परेसान रहे। आज दोपहर तक पेट्रोल पंपों में पेट्रोल और डीजल के टेंकर नहीं पहुंचने की स्थिति में  ड्राई की स्थिति बन जाती। शहर के कई पेट्रोल पंप कल ही 11 बजे तक बंद पड़े हो चुके थे। आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही पर असर दिखने लगा था। ग्रामीण क्षेत्रों के कुछ पेट्रोल पंप में पेट्रोल एवं डीजल खत्म होने की सूचना टांग दी गई थी। जिसके कारण लोग इधर उधर भटकते नजर आए। अनेक यात्री कई स्थानों पर फं से रहे। जानकारी अनुसार शहर के आस-पास लगभग 13 पेट्रोल पंप हैं। जिनमें 4-5 पेट्रोल पंपों में पेट्रोल खत्म होने की सूचना टांग दी गई थी।

महासमुंद जिले में वर्तमान में रबी फसल की धान रोपाई का कार्य चल रहा है। जिसमें ट्रैक्टर की आवश्यकता पड़ रही है। किसान शहर से डीजल खरीदकर लेते हैं और खेतों में ट्रैक्टर चलाते हैं। यदि डीजल नहीं मिलता तो किसानों को बहुत अधिक परेशानी उठानी पड़ी। बोआई व रोपाई का कार्य प्रभावित होता। कई किसानों ने तो हड़ताल की संभावना को देखते हुए अपने फसल को प्रभावित होने से बचाने के लिए पूर्व से ही 50 से 100 लीटर तक डीजल खरीदकर रख लिया है।

 सोमवार एक जनवरी को महासमुंद जिले के बस चालक, ट्रक चालकों ने नये हिट एंड रन अधिनियम का विरोध करते हुए बसों और ट्रकों के पहिए रोककर चाबी वाहन मालिकों को सौंप दी और हड़ताल पर चले गए थे। ड्राइवरों का कहना था कि जब तक यह कानून बदला नहीं जाता, हम हड़ताल पर रहेंगे। सूचना पर कोतवाली प्रभारी और पुलिस बल मौके पर पहुंचे थे और चालकों को समझाइश देकर एनएच से हटाया था। बाद महानदी चालक परिचालक कल्याण संघ व महासमुंद ऑटो चालक व मालिक एसोसिएशन ने एएसपी राव से मुलाकात कर बताया कि हम स्थानीय बस और आटो चालक शातिपूर्ण तरीके से आंदोलन पर हैं। 

ड्रायवरों के हिट एंड रन कानून के विरोध में चल रहे इस आंदोलन का स्थानीय स्तर पर काफी प्रभाव दिख रहा था। यात्री बसें खड़ी रहीं तो लोगों ने ट्रेनों का सहारा लेना शुरू कर दिया था। लंबी दूरी चलने वाली स्थानीय मालिकों की ट्रकें पेट्रोल पंप अथवा उनके यार्ड में खड़ी होना शुरू हो गयी थीं। हिट एंड रन अधिनियम को लेकर कल भी जिले भर में जमकर प्रदर्शन कर इस कानून का विरोध हुआ। ट्रांसपोर्ट सिस्टम गड़बड़ाने से लोगों को आने.जाने में बहुत अधिक परेशानी हुई। 

मालूम हो कि केंद्र सरकार ने वाहन दुर्घटना अपराध को लेकर नए कानून बनाए हैं। जिसके तहत अगर कोई वाहन चालक किसी को कुचलकर भागता है, तो उसे 10 साल की जेल होगी। इसके अलावा 7 लाख रुपये जुर्माना भी देना होगा। पहले इस मामले में कुछ ही दिनों में आरोपी वाहन चालक को जमानत मिल जाती थी और वो जेल से बाहर आ जाता था। हालांकि इस कानून के तहत भी दो साल की सजा का प्रावधान था। वर्तमान में कानून में संशोधन कर इसे अधिक कठोर बनाये जाने पर इसके विरोध में वाहन चालकों ने मोर्चा खोल दिया था। 
 

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