महासमुन्द
हरा, गुलाबी, पीला एवं केसरिया रंगों में उपलब्ध
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,2 मार्च। इस बार भी होली को लेकर बिहान से जुड़ी जय माता दी महिला समूह डोकरपाली के महिला सदस्यों द्वारा हर्बल गुलाल तैयार किया जा रहा है। महिलाएं होली त्यौहार के पूर्व ही हर्बल गुलाल तैयार करने में लगी है। इस गुलाल को लगाने से चेहरे पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। समूह की महिलाओं द्वारा तैयार किए जा रहे इन हर्बल गुलाल और हर्बल रंग की कई विशेषताएं हैं। इसमें फूलों के रंग का इस्तेमाल किया जाता है। इतना ही नहीं गुलाल और रंग में महक के लिए भी फूलों का ही इस्तेमाल किया जाता है। इसमें किसी भी तरह का केमिकल नहीं मिलाया जाता है, जो नुकसान करें।
समूह की सदस्य चित्ररेखा दीवान ने बताया कि पिछले साल होली में 80 किलो हर्बल गुलाल महिलाओं ने बनाया। जिससे 30 से 40 हजार रुपए की आमदनी हुई। जिसकी काफी मांग रही। उन्होंने कहा कि 10 रुपए 20 और 50 रुपए के हर्बल गुलाल के पैकेट बनाए थे। उन्होंने बताया कि पालक, लालभाजी, हल्दी, जड़ी, बुटी व फूलों से हर्बल गुलाल बनाने का कार्य कर रही हैं। इसके अलावा मंदिरों में चढ़ाए गए फूलों, बाजार से निकलने वाली इस्तेमाल किए हुए फूल पत्तियों को सुखाकर प्रोसेसिंग यूनिट में पीसकर गुलाल तैयार किया जाता है। गुलाब, गेंदे, स्याही फूल के साथ चुकंदर,हल्दी, आम और अमरूद की हरी पत्तियों को भी प्रोसेस किया जाता है। इस बार भी लगभग 60 किलोग्राम गुलाल तैयार कर लिया गया है। जिसमें से आधी मात्रा बिक गई है। गुलाल अनेक रंगों में बनाए जा रहे है जिसमें हरा, गुलाबी, पीला, केसरिया गुलाल शामिल है।