महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 8 मार्च। दो सूत्रीय मांगों को लेकर जिले भर की 23 सौ मितानिनें 5 दिवसीय हड़ताल पर हैं। इनकी हड़ताल से प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य से संबंधित अनेक कार्य प्रभावित हो रहे हैं। खासतौर पर नसबंदी तथा प्रसव से संबंधित काम बूरी तरह ठप्प है। कल दिन भर जिला अस्पताल में एक भी मितानिन प्रसूता को लेकर नहीं पहुंची। मितानिनों ने मेडिकल कॉलेज और पटवारी कार्यालय के समक्ष जमकर नारेबाजी की।
पटवारी दफ्तर के समक्ष धरना दे रही जिला स्वास्थ्य मितानिन संघ के अध्यक्ष जनक राम यादव, सहसचिव रीना चंद्राकर,कोषाध्यक्ष सुनीता कुर्रे और पिथौरा ब्लॉक अध्यक्ष मेरी पुहुप ने बताया कि प्रदेश स्वास्थ्य मितानिन संघ के तत्वावधान में आज से 5 दिनों के लिए जिले की मितानिन, मितानिन प्रशिक्षिका हड़ताल पर हैं।
महिलाओं को महत्वपूर्ण जानकारियां व सलाह मिल सके इसलिए शासन ने ग्रामों में मिलानिन तैयार किया था। मात्र क्षतिपूर्ति हेतु मिलने वाली राशि पर ही ये अपना परिवार चलाते हैं। अत: ब्लॉक समन्वयक, स्वास्थ्य पंचायत समन्वयक, शहरी मितानिन कार्यक्रम और हेल्प डेस्क जिला मितानिन संघ अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं।
उनकी मांग है कि मितानिन, मितानिन प्रशिक्षक, ब्लॉक समन्वयक, स्वास्थ्य पंचायत समन्वयक, हेल्प डेस्क को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में जोड़ा जाए और प्रोत्साहन व क्षतिपूर्ति राशि में 50 प्रतिशत की वृद्धि की जाए। बताया कि जिले में लगभग 23 सौ मितानिनें सेवारत हैं। जिनकी हड़ताल से टीकाकरण, आयुष्मान कार्ड, शिशु संरक्षण कार्यक्रम, मोतियाबिंद कार्यक्रम, स्वास्थ्यगत प्रसव और टीटी ऑपरेशन सहित अन्य स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होगी। श्री यादव ने बताया कि उक्त दो सूत्रीय मांगों के लिए 7 मार्च से 10 मार्च तक जिला मुख्यालय में धरना-प्रदर्शन के बाद 11 मार्च को एक दिवसीय प्रदेश स्तरीय धरना-प्रदर्शन रायपुर में किया जाएगा। जिसमें जिले की लगभग 400-500 मितानिनें हिस्सा लेंगी।