रायपुर
केन्द्र सरकार से कर्मचारी नेताओं की मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 21 मार्च। केंद्रीय सरकार द्वारा भारत के समस्त शासकीय कर्मचारियों,अर्थ शासकीय स्वायत्तशासी, निगम मंडलों आदि में 1 जनवरी 2016 से सातवां वेतनमान लागू किया गया था। अब चूंकि महंगाई भत्ता 50त्न हो चुका है। ऐसी स्थिति में आठवें वेतनमान की घोषणा तथा महंगाई भत्ता को मूल वेतन में जोडऩे का निर्णय केंद्र व राज्य सरकारों को लेना चाहिए।
कर्मचारी नेता विजय कुमार झा एवं शेख जुम्मन ने कहा है कि बाजार में बढ़ते महंगाई व कर्मचारियों के क्रयशक्ति के संतुलन के लिए प्रत्येक 10 वर्ष में एक वेतन आयोग का गठन होता है। जो पूर्व में 1 जनवरी 86, 1 जनवरी 96, 1 जनवरी 06, एवं 1 जनवरी 16 को दिया गया वेतनमान के लिए वेतन आयोग का गठन किया जाकर, सभी पक्षों को सुनवाई के बाद देश के कर्मचारियों के वेतनमान, महंगाई भत्ता गृहभाड़ा भत्ता आदि समस्त भक्तों का पुनरीक्षण करती है। इसी प्रकार जब महंगाई भत्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर बढ़ते बढ़ते 50 फीसदी के करीब पहुंच जाती है, तब 50 प्रतिशत महंगाई भत्ता मूल वेतन में जुड़ जाता है। जो इस बात का देखता है कि अब वेतन आयोग का गठन होना चाहिए। केंद्रीय कर्मचारीयों, छत्तीसगढ़ के विद्युत मंडल कर्मचारी का महंगाई भत्ता 50त्न हो गया है। वहीं राज्य सरकार के कर्मचारियों का 42त्न से बढक़र 46 प्रतिशत हुआ है, जो अतिशीघ्र 1 जुलाई 24 को दे महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत हो जाएगा। श्री झा ने कहा है कि ऐसी स्थिति में केंद्रीय श्रम कल्याण मंत्रालय तत्काल 1 जनवरी 26 की स्थिति के लिए आठवां वेतनमान आयोग का गठन कर महंगाई भत्ता को मूल वेतन में शामिल करने का शीघ्र निर्णय लेवे।
चेन-मैन चपरासी, लिपिक पदोन्नत
16 भू अभिलेख के चैनमेन तथा तीन कलेक्टर स्थापना के मृत्य को लिपिक के पद पर पदोन्नति प्रदान की गई।