गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 27 सितंबर। पिछले दिनों हरिजन सेवक संघ द्वारा आयोजित 92 वें स्थापना दिवस के अवसर पर सद्भावना सम्मेलन में अपने पावन आशीष प्रदान करते हुए सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने कहा कि मानव सही मायनों में तभी मानव बनता है अगर वो हर भेद भाव से ऊपर उठकर सब में परमात्मा का रूप देखकर निष्काम भाव से सबकी सेवा करे।
इस अवसर पर हरिजन सेवक संघ के अध्यक्ष डॉ.शंकर कुमार सान्याल व उप प्रधान नरेश यादव ने सतगुरु माता जी एवं निरंकारी राजपिता जी का अंग वस्त्र और सूती दुपट्टा पहनाकर स्वागत व सम्मान किया।
देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी द्वारा स्थापित इस धरोहर के स्थापना दिवस पर उन्ही की प्रेरणा का संकेत, एक चरखे का लघु स्मृतिचिह्न भी सेवक संघ की ओर से सतगुरु माता जी के प्रति समर्पित किया।
इस अवसर पर जहाँ हरिजन सेवक संघ के छात्रों ने स्वागत गीत व सरस्वती वंदना का गायन किया वहीं निरंकारी इंस्टिट्यूट ऑफ म्यूजिक एंड आर्ट के बच्चों द्वारा गांधी जी के प्रिय भजन वैष्णव जन के अतिरिक्त अन्य भक्ति गीतों का मधुर गायन भी हुआ।
संघ के अध्यक्ष ने गांधी जी और कस्तूरबा के मार्ग दर्शन का जिक्र करते हुए जहाँ एक ओर संघ के उपक्रमों का जिक्र किया वहीं दूसरी ओर संत निरंकारी मिशन की विचारधारा के अनुपालन से वसुधैव कुटुम्बकम् की संभावना व्यक्त करते हुए सतगुरू माता जी का धन्यवाद किया।
कार्यक्रम के अंत में संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के सचिव जोगिंदर सुखीजा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए हरिजन सेवक संघ के समस्त भारत से सम्मिलित हुए सदस्यों व विशिष्ट अतिथियों का धन्यवाद किया और उन्हें नवंबर में आयोजित होने वाले 77 वें वार्षिक निरंकारी संत समागम के लिए भी आमंत्रित किया।