दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 28 सितंबर। मोदी की गारंटी के तहत मांगें पूरी नहीं होने से आक्रोशित जिले शासकीय कर्मचारियों ने छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आव्हान पर एक दिवसीय हड़ताल किया विभिन्न विभागों में हड़ताल के चलते अधिकांश अधिकारी-कर्मचारी अनुपस्थित रहे। इससे बहुत से कार्यालयों में सन्नाटा पसरा रहा।
हिंदी भवन के सामने धरना प्रदर्शन करने के पश्चात हड़ताली अधिकारी-कर्मचारी रैली निकालकर ज्ञापन सौंपने कलेक्ट्रेट पहुंचे। इस दौरान अपने मांगों के समर्थन में प्रदर्शन करते हुए उन्होंने जमकर नारेबाजी की। अंत में उन्होंने प्रदेश के शासकीय सेवकों को देय तिथि से महंगाई भत्ता लंबित एरियर्स सहित अन्य ज्वलंत मुद्दों का त्वरित निराकरण करने डिप्टी कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
हड़ताली कर्मचारियों ने कहा कि फेडरेशन के प्रथम चरण आंदोलन के दौरान 6 अगस्त कलेक्टर रायपुर के माध्यम से मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन सौंपकर चार सूत्रीय मांगों से अवगत कराया गया है। मोदी की गारंटी के तहत इन मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन द्वारा लगातार शासन-प्रशासन से पत्राचार किया जाता रहा है। मगर खेद के साथ कहना पड़ रहा कि निराकरण हेतु त्वरित कार्रवाई नहीं होने के कारण प्रदेश के कर्मचारी अधिकारी काफी आक्रोशित है।
फेडरेशन के महासचिव अनुरूप साहू,दुर्ग संभाग प्रभारी राजेश चटर्जी, जिला संयोजक विजय लहरे ने कहा कि भाजपा घोषणा पत्र अनुसार प्रदेश के कर्मचारियों को केन्द्र के समान 1 जनवरी 24 से 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जाए। साथ ही प्रदेश के कर्मचारियों को जुलाई 2019 से देय तिथि पर महंगाई भत्तों के एरियर्स राशि का समायोजन जीपीएफ खाते में किया जाना चाहिए। भाजपा घोषणा पत्र अनुसार प्रदेश के शासकीय सेवकों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान दिया जाए। केन्द्र के समान गृह भाड़ा भत्ता देय हो, घोषणा के अनुरूप मध्यप्रदेश सरकार की भांति प्रदेश के शासकीय सेवकों की अर्जित अवकाश नगदीकरण 240 दिन के स्थान पर 300 दिन किया जाए। इस दौरान बड़ी संख्या अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे।