रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 6 अक्टूबर। शहंशाहे छत्तीसगढ़ के नाम से मशहूर सैय्यद इंसान अली शाह रहमतुल्लाह अलैह लुतरा शरीफ के उर्स के
लिए इंतेजामिया कमेटी 6 दिवसीय सालाना उर्स की तैयारियों में जुटी हुई है। प्रेस क्लब में कमेटी के सदर इरशाद अली ने बताया कि बाबा का 6 दिवसीय 66 वां सालाना उर्स 20 से 25 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। 20 अक्टूबर की सुबह 11:00 बजे परचम कुशाई मटका पार्टी पप्पू नौशाही,कामठी नागपुर के साथ किया जाएगा। पहले दिन रात 9 बजे नात मनकबत तकरीर कारी अल्हाज हसन अशरफी व हाफिज मोहम्मद इजरायल मुदर्रिश दारुल उलूम फैजाने इंसान अली शाह के कलामें पाक की तिलावत के साथ प्रोग्राम की शुरुआत करेंगे। इसके पहले दोपहर 3:00 बजे दरगाह से शाही संदल चादर निकाली जाएगी जिसे दादी अम्मा की दरगाह खम्हारिया में चढ़ाई जाएगी। उर्स के दूसरे दिन दोपहर 12: 40 बजे मजार ए पाक का गुस्ल,सलातो सलाम व शिजरा खानी होगी। शाम 3 बजे पुराने दरबार में संदल चादर व महफिले समा के साथ ही दरबारी कव्वाल यासीन शोला व उनके साथी सूफियाना कलाम पेश करेंगे। रात 9 बजे तकरीर का अजीमुशशान जलसा रखा गया है जिसमें किछौछा शरीफ (उप्र) के धर्म गुरु सैय्यद राशिद मक्की मियां व कटिहार बिहार के मुफ्ती मोइनुद्दीन चतुर्वेदी तकरीर करेंगे।
तीसरे दिन 22 अक्टूबर को रात 9बजे दिल्ली के कव्वाल चांद अफजाल कादरी अपना कलाम पेश करेंगे।इसके पहले आल छत्तीसगढ़ मुस्लिम तंजीमों का इस्तेकबाल किया जाएगा। चौथे दिन रात 9 बजे आल इंडिया नातिया मुशायरा। मौलाना सैयद राशिद मक्की मियां की सदारत में कफिल अंबर कलकत्तवी, जैनुल आबदीन कानपुरी, ,गुलाम नूर ए मुजस्सम उन्नावी और अहमदुल फ़त्ताह फैजाबादी अपने-अपने अंदाज में शायरी प्रस्तुत करेंगे। इसी तरह 24 अक्टूबर की रात 9:00 बजे से कव्वाली की प्रस्तुति दी जाएगी। उर्स के 6 वें दिन 25 अक्टूबर को बाद नमाजे फजर कुरान ख्वानी 11 बजे रंग की महफिल व कुल की फातिहा और प्रदेश के अमन चैन की दुआ मांगी जाएगी। पूरे उर्स के दौरान 6 दिन 24 घंटे शुद्ध शाकाहारी दरबारी शाही लंगर का इंतजाम रहेगा।
कमेटी के नायब सदर मोहम्मद सिराज ने बताया कि इस बार कमेटी के द्वारा प्रदेश के लगभग सभी जिलों से बाबा सरकार के चाहने वालों को जोड़ा गया है। दरगाह परिसर में स्थित मदरसे में बच्चों को फ्री भोजन,आवास के साथ आधुनिकशिक्षा दी जा रही है।उर्स के दौरान दरगाह परिसर में कलम का लंगर लगाया जाएगा जिसके तहत च्च्एक रोटी कम खाओ मगर बच्चों को खूब पढ़ाओज्ज् का नारा देकर बच्चों और उनके परिजनों को जागरूक करते हुए उन्हें कलम और कॉपी बांटी जाएगी।
कमेटी के सेक्रेटरी रियाज अशरफी ने बताया कि संदल चादर लेकर आने वाले श्रद्धालुओं के डीजे साउंड और सिंगल यूज प्लास्टिक पर भी बैन रहेगा। इस बार शिरनी (प्रसाद) घर घर तक पहुंचाने का निर्णय लिया गया है।