कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 17 मार्च। दक्षिण कोण्डागांव वन मंडल के अंतर्गत 14 मार्च को वन परिक्षेत्र कोण्डागांव के ग्राम पोंलग के वन क्षेत्र में चीतल विचरण करते हुए झारा ग्राम की सीमा पर आ गया। जिसे ग्राम झारा के ग्रामवासियों द्वारा दौड़ाकर उसे ग्राम पोंलग के नजदीक लाठी-डंडों से मार डाला।
वन्य प्राणी के ग्राम सीमा में प्रवेश करने के संबंध में सूचना मिलते ही वन परिक्षेत्र अधिकारी कोण्डागांव एवं वन कर्मचारियों के द्वारा क्षेत्र में सघन छानबीन की गई। छानबीन के दौरान पोंलग ग्राम के समीप नीलगिरी वृक्षारोपण क्षेत्र में कुछ संदिग्ध लोग नजर आए, जो वन कर्मचारियों को देखकर भागने लगे। वन कर्मचारियों के द्वारा लोगों का पीछा करते हुए घटनास्थल पर पहुंचे, जहां मादा चीतल का शव ग्रामीणों द्वारा झाडिय़ों में दबाया गया था। जिसे कर्मचारियों द्वारा शाम 4 बजे बरामद कर शव को अपने कब्जे में लेकर वन्य प्राणी के अवैध शिकार का प्रकरण दृष्टांत होते ही वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत वन अपराध प्रकरण दर्ज कर उच्चाधिकारियों को सूचना दी गई तथा मादा चीतल के शव को वन परिक्षेत्र मुख्यालय कोण्डागांव लाकर 15 मार्च को पशु चिकित्सकों की टीम से पोस्टमार्टम कराया गया। वन्य प्राणी का दाह संस्कार पूर्ण रूप से जलने तक उपमंडलाधिकारी पश्चिम कोण्डागांव की उपस्थिति में वन कर्मचारियों के द्वारा किया गया। तदुपरांत वनमंडलाधिकारी दक्षिण कोण्डागांव के निर्देशन पर अपराधियों की पतासाजी की गई। जिसके उपरांत ग्राम झारा के 9 एवं ग्राम पोलंग से एक अपराधी को गिरफ्तार किया गया तथा उन्हें 16 मार्च को न्यायालय के समक्ष रिमांड हेतु पेश किया गया।
न्यायालय के द्वारा वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत सभी नौ आरोपियों को जेल भेजे जाने का आदेश जारी किया। जिसके परिपालन में सभी 9 अपराधियों को केंद्रीय जेल जगदलपुर भेज दिया गया। प्रकरण में और भी अपराधी सम्मिलित होने की आशंका है, जिसके लिए वनकर्मचारियों की टीम लगातार सघन जांच कर रही है जल्द ही और भी अपराधियों के गिरफ्तार होने की संभावना है।