कोण्डागांव

सूरजपुर की घटना प्रदेश में बेलगाम होते प्रशासन का जीवंत उदाहरण-लता उसेंडी
25-May-2021 6:34 PM
सूरजपुर की घटना प्रदेश में बेलगाम होते प्रशासन का जीवंत उदाहरण-लता उसेंडी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 25 मई।
सूरजपुर घटना पर तीखी प्रतिक्रिया देते भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष लता उसेंडी ने प्रदेश में फैली इस अराजकता और निरंकुश होते लोक सेवकों के आचरण को लेकर कांग्रेस सरकार को घेरा है।

उन्होंने जारी विज्ञप्ति में कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में सूरजपुर की यह घटना बेलगाम होते प्रशासन और निरंकुश नौकरशाही का जीवंत उदाहरण है। भारतीय जनता पार्टी इस व्यवहार की कड़ी निंदा करती हैं। सूरजपुर कलेक्टर का यह आचरण सेवा, नीति, नैतिकता और सभ्यता के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। सिविल सेवकों को सहानुभूति रखनी चाहिए और हर समय समाज को एक उपचारात्मक स्पर्श प्रदान करना चाहिए। 

एक ओर जहां राज्य की जनता कोरोना महामारी जैसी विभीषिका का सामना कर रही है, हर इंसान रोजी रोटी की झंझावतों के बीच अपनों की जान बचाने की जुगत में लगा है, ऐसे में कानून और नीति नियमों का पालन करवाने वाले अपना संयम खोकर जब बेबस जनता पर थप्पड़ और डंडे जड़ते है, तो यह उनका अमानवीय चेहरा उजागर करता है। एक लोक सेवक द्वारा ऐसा आचरण और प्रदत्त शक्तियों का दुरुपयोग कतई स्वीकार्य नहीं किया जा सकता।

जिलाध्यक्ष दीपेश अरोरा ने कहा कि ऐसे प्रकरणों को ध्यान में रखकर ही संघ लोक सेवा आयोग द्वारा सन् 2013 से सिविल सर्विसेज की परीक्षा में एक प्रश्नपत्र नीति, अखंडता, अभिक्षमता को जोड़ते आयोजित कर रही है। ताकि लोक सेवक बनने जा रहे अभ्यर्थी में नीति, अखंडता, अभिक्षमता व अभिरुचि, नैतिकता, सत्यनिष्ठा, सेवा भावना और ईमानदारी के गुण विद्यमान रहे और उस बुनियादी समझ के बूते जनता की महान सेवा की जा सके, किंतु प्रदेश में इस स्तर की नौकरशाही के मामले प्रकाश में आते है, तो यह महसूस होता है कि नैतिकता के अध्ययन मात्र से किसी का मन बदलना शत प्रतिशत संभव प्रतीत नही होता। 

यह आप पर निर्भर करता है कि जब आपके हाथ में जिले की बागडोर हो तब प्रदत्त शक्तियां का सदुपयोग कर उनके द्वारा हजारों लाखों लोगों के जीवन को छूते हुए कैसे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।
 

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