धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरूद, 27 मई। बुधवार को शांतिपूर्ण देशव्यापी किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए आम आदमी पार्टी ने वर्चुअल तरीके से विरोध प्रदर्शन कर केंद्र सरकार से तीनों किसान कानून को रद्द कर किसानों को विश्वास में लेकर नया कानून बनाने की मांग उठाई है।
बुद्ध पूर्णिमा के दिन के केन्द्र सरकार के किसान बिल का विरोध जताते हुए हाथों में काला झंडा लेकर आप पदाधिकारियों ने काला दिवस मनाया। इस मौके पर पुरुषोत्तम चंद्राकर ने बताया कि मोदी सरकार अपनी तानाशाही और हठधर्मिता छोड़ धरती पुत्रों की भावनाओं का सम्मान कर तीनों काले किसान कानून वापस ले।
तेजेंद्र तोड़ेकर ने कहा कि कोरोनाकाल में अध्यादेश लाकर जबरन थोपे गए कृषि कानून को केन्द्र सरकार वापस ले और अन्नदाता किसानों को नक्सली, आतंकवादी कहना बंद करें।
अलग-अलग स्थानों में प्रदर्शन में ललित, मनोज नगारची, चेतन साखरे, आनंद कुर्रे, संतोष मोर्यवंशी आदि शामिल हुए। जबकि भारतीय किसान संघ ने 26 मई के देेेेशव्यापी किसान आंदोलन से खुुुुद को अलग कर लिया था। संघ से जुड़े लालाराम चन्द्राकर का कहना है कि हम शांतिपूर्ण ढंग से समस्या का समाधान चाहते हैं, हम उस आंदोलन का हिस्सा नहीं हो सकते, जो भय आतंक व डर पैदा करने के लिए कुछ तथाकथित किसान संगठन जोकि विदेशी व राजनीतिक फंड के दम पर आतंकवादी गतिविधि में लिप्त लोगों के साथ मिलकर अराजकता का माहौल पैदा करना चाहते हैं।