बालोद

महिला एवं बाल विकास विभाग में 65 लाख के भ्रष्टाचार का आरोप
29-May-2021 5:51 PM
महिला एवं बाल विकास विभाग में  65 लाख के भ्रष्टाचार का आरोप

पूर्व जिपं अध्यक्ष ने लगाए कई आरोप

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 29 मई।
जिला भाजपा कार्यालय में बालोद के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष देवलाल ठाकुर ने आज प्रेस वार्ता में जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग में लगभग 65 लाख के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ प्रमाणित आरोप हैं, इसके अलावा कई सारे भ्रष्टाचार जिले में देखने को मिल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोहन प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए कन्या योजना की शुरुआत की थी, परंतु यहां पर बालोद जिले में यह एक भ्रष्टाचार का साधन बन गया है। 

देवलाल ठाकुर जो कि अनिला भेडिय़ा के खिलाफ विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं, उन्होंने पूरे मामले की शिकायत राज्यपाल से की है और यदि मामले में कार्रवाई नहीं होती है तो आने वाले दिनों में डौंडी व आदिवासी क्षेत्र के सभी सरपंचों व ग्रामीणों के साथ राजभवन कूच करने की बात कह रहे हैं और अपराध पंजीबद्ध करने की मांग भी की जा रही है।

पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि 1524 आंगनबाड़ी केंद्रों में 64 लाख 92 हजार 240 रुपए के हैंड वाशिंग यूनिट खरीदी की गई है, जो कि भंडार क्रय नियमों के विपरीत किया गया है। खरीदी की चयन समिति में कलेक्टर का प्रतिनिधि एक तहसीलदार को बनाया गया है, जबकि जिले में कलेक्टर के बाद अन्य प्रथम व द्वितीय रैंक के अधिकारी भी मौजूद हैं, साथ ही उन्होंने कहा कि डौंडी डौंडीलोहारा विधानसभा क्षेत्र जो कि आदिवासी बाहुल्य है और यहीं सबसे ज्यादा रेट मिलती है, परंतु यह क्षेत्र केवल सप्लाई के लिए ही उपयोग किया जाता है।

आगे कहा कि लगभग 1524 आंगनबाड़ी केंद्रों में हैंडवाशिंग यूनिट सप्लाई की बात कही जा रही है, परंतु कई आंगनबाड़ी केंद्रों में सामान पहुंचा ही नहीं और टूट गया है, इसके लिए टॉक्सिक और नॉनटॉक्सिक प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है परंतु उस प्रमाण पत्र को दरकिनार करते हुए इस तरह के सामग्रियों की सप्लाई की गई है जो कि बच्चों के लिए बिल्कुल भी उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि यह लोहे की चादर और पाइप से बनाया गया है। बच्चों को यह नुकसान पहुंचाया जा सकता है।

बालोद के चहेते फर्म को दिया काम
उन्होंने कहा कि यहां पर सांठगांठ कर चहेते फर्म को काम दिया गया है। जिन सामान की सप्लाई की गई है, उसे यदि फेब्रिकेशन कार्य किया जाता है तो उसकी लागत लगभग 1000 आएगी, परंतु यहां 4260 रुपए के हिसाब से भुगतान किया गया है 3260 रुपए के हिसाब से लगभग 50 लाख रुपए अधिक भुगतान किया गया है, जो कि एक बड़ा भ्रष्टाचार है। हैंड वाशिंग यूनिट की लैब टेस्टिंग भी नहीं की गई है।

उन्होंने आरोप लगाते कहा कि बालोद में भ्रष्टाचार को अंजाम देने के लिए कई अधिकारी काम कर रहे हैं, जो कि अपात्र लोगों की संस्था से सामग्री क्रय कर रहे हैं और भ्रष्टाचार कर रहे हैं। उन्होंने दोषियों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध करने की मांग की है। 
 

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