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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 24 मार्च। छत्तीसगढ़ में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा है। जिससे लोग अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं। प्रदेश में मनरेगा से ग्रामीण अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा कर पा रहे हैं। इसी कड़ी में कोरबा जिले में वित्तीय वर्ष 2020-2021 में अब तक 45.60 लाख से अधिक मानव दिवस सृजित किये गये है जो कि योजना प्रारंभ से अब तक जिले की सबसे बड़ी उपलब्धि है। 21 मार्च 2021 को जिले में एक लाख एक हजार 294 लाख श्रमिक रोजगार के लिए मनरेगा के विभिन्न कार्यो में नियोजित थे।
जिले में मनरेगा के तहत इस वर्ष 54 लाख मानव दिवस सृजित करने का निर्धारित किया गया है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल के मार्गदर्शन में अब तक जिले में 45 लाख 60 हजार 880 लाख रोजगार दिवस का सृजन किया जा चुका है, जो कि निर्धारित लक्ष्य का 84 प्रतिशत है। मानव दिवस सृजन लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अभी एक सप्ताह शेष है जिसमें कोरबा जिला 100 प्रतिशत लक्ष्य की ओर अग्रसर है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री कुंदन कुमार ने सभी जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, कार्यक्रम अधिकारियों, तकनीकी सहायको को निर्देशित किया है कि निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति हेतु ज्यादा से ज्यादा श्रम मूलक कार्य संचालित किये जायेे तथा मांग अनुसार अधिक से अधिक श्रमिको को रोजगार प्रदाय किया जाये। जिले में मनरेगा के तहत कुल एक लाख 49 हजार 699 पंजीकृत परिवार है जिसमें से एक लाख 28 हजार 371 सक्रिय परिवार है अब तक 95 हजार 459 परिवारो को रोजगार प्रदाय किया जा चुका है।
कोरबा जिले में कुल 45लाख 60 हजार 860 मानव दिवस रोजगार सृजित किए जा चुके हैं। जनपद पंचायत कोरबा में सात लाख 30 हजार 990 मानव दिवस, जनपद पंचायत करतला में पांच लाख 62 हजार 032 मानव दिवस, जनपद पंचायत कटघोरा में तीन लाख 15 हजार 299 मानव दिवस, जनपद पंचायत पाली में 13 लाख 93 हजार 637 मानव दिवस तथा जनपद पंचायत पोडी उपरोडा में 15 लाख 58 हजार 902 मानव दिवस सृजित किए जा चुके है। महात्मा गांधी नरेगा के तहत हितग्राही मूलक एवं सामुदायिक कार्यो में ग्रामीणों को रोजगार प्राप्त हो रहा है।
वर्तमान में जल संरक्षण एवं संवर्धन कार्य - नरवा उपचार के तहत विभिन्न संरचनाओ का निर्माण, गौठान निर्माण, नया तालाब निर्माण, तालाब गहरीकरण, डबरी निर्माण, सिचंाई कूप निर्माण, भूमि सुधार, आदि कार्य किए जा रहे हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 24 मार्च। छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 42 एवं छत्तीसगढ़ पंचायत निर्वाचन नियम 1995 के नियम 18 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदेश की विभिन्न जिलों में रिक्त पंचायत प्रतिनिधियों के पदो ंके लिए उप चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। त्रिस्तरीय पंचायतों के आम/उप चुनाव 2020 हेतु एक जनवरी 2021 की प्रतिनिर्देश से फोटोयुक्त मतदाता सूची तैयार करने के लिए कार्यक्रम भी निर्धारित कर दिया गया है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में रिक्त जिला पंचायत सदस्य, जनपद पंचायत सदस्य, सरपंच और पंचों के लगभग 1315 पदों के लिए उप निर्वाचन किया जाना प्रस्तावित है। इनमें जिला पंचायत सदस्य के लिए एक पद, जनपद पंचायत सदस्य के लिए 11 पद, सरपंचों के 114 पद और पंचों के 1186 पदों के लिए उप निर्वाचन कराया जाना है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 24 मार्च। दर्जनों अतिथि शिक्षकों (विद्या मितान) ने आज यहां कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे के निवास का घेराव कर प्रदर्शन किया। उन्होंने मांग की है कि उनकी जगह नियमित शिक्षकों की भर्ती निरस्त किया जाए। इसके अलावा उनके स्थान पर पदोन्नति या तबादले से भी शिक्षक न भेजे जाएं।
अतिथि शिक्षकों ने बताया कि वे सभी पिछले कई साल से काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें नियमित नहीं किया जा रहा है। अब प्रदेश में 6 सौ से अधिक अतिथि शिक्षकों की जगह नई भर्ती शुरू कर दी गई है। उनकी मांग है कि उन सभी को 12 महीने का वेतन दिया जाए। इसके अलावा 13 आकस्मिक अवकाश व उनके स्थान पर कोई अन्य शिक्षक न भेजने की मांग भी शामिल है।
रायपुर, 24 मार्च। यूनिसेफ के प्रमुख जॉब जकरियाह ने विश्व जल दिवस पर सुरक्षित पेयजल के महत्व के बारे में जानकारी दी। असुरक्षित पेयजल महिलाओं और बच्चों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है, खासकर कमजोर समुदायों के लोगों को।
सुरक्षित पेयजल इतना महत्वपूर्ण
क्यों है? बच्चों के लिए क्या लाभ हैं
श्री जकरियाह ने बताया कि दूषित पेयजल गोलियों और बमों के समान घातक है। विकासशील देशों में लगभग 80 प्रतिशत सभी बीमारियों और एक-तिहाई मौतों का कारण असुरक्षित पेयजल है।
विश्व बैंक के अनुसार, असुरक्षित जल और खराब स्वच्छता से विकासशील देश की जीडीपी में 5 प्रतिशत की हानि होती है। पानी से संबंधित बीमारियों के कारण लगभग 10 प्रतिशत वयस्क उत्पादक समय खो जाता है। अनुमान है कि पीने के पानी में 100 करोड़ रुपये का निवेश सालाना 700 करोड़ रुपये का रिटर्न देगा।
उन्होंने बताया कि सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) का लक्ष्य 6.1 2030 तक सभी के लिए पीने के पानी की सस्ती पहुंच के लिए कहता है।
राज्य में नल कनेक्शन की स्थिति क्या है?
छत्तीसगढ़ में, ग्रामीण क्षेत्रों में केवल 12.5 प्रतिशत ?घरों में घरों के परिसर के भीतर नल का जल कनेक्शन है, जबकि भारत में यह 37 प्रतिशत है। भारत में केवल 18 प्रतिशत स्कूलों और 6 प्रतिशत आंगनवाड़ी केंद्रों में ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यात्मक नल कनेक्शन हैं, जबकि भारत में क्रमश: 48 प्रतिशत और 43 प्रतिशत।
पीने के पानी के संदूषण के प्रकार क्या हैं?
पीने के पानी के संदूषण के चार प्रमुख प्रकार हैं। वे भौतिक संदूषण (तलछट और निलंबित कण) हैं। रासायनिक (फ्लोराइड, आर्सेनिक और कीटनाशक) जैविक (वायरस, बैक्टीरिया और रोगजनकों के साथ मल पदार्थ) और रेडियोलॉजिकल (प्लूटोनियम, यूरेनियम)। छत्तीसगढ़ में, 28 में से 22 जिले भूजल में फ्लोराइड से प्रभावित हैं। फ्लोराइड युक्त पानी का सेवन बचपन की विकलांगता और दांतों और कंकाल के फ्लोरोसिस के कारण हो सकता है।
हम घर पर पीने के पानी को कैसे शुद्ध कर सकते हैं?
चार सरल तरीकों से घर पर पीने के पानी को शुद्ध किया जा सकता है। सबसे पहले, घर पर पीने के पानी को शुद्ध करने के लिए सबसे प्रभावी और सरल विधि पानी उबालने से है। दूसरा, क्लोरीन की गोलियों के साथ पानी के क्लोरीनीकरण द्वारा। पानी का उबलना और क्लोरीनीकरण दोनों रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया, वायरस और रोगजनकों को मार देते हैं। तीसरा, कागज, कपड़ा, लकड़ी का कोयला, चूना आदि का उपयोग करके पानी को छानना, चौथा, धूप में पानी को 6-48 घंटे के लिए उजागर करना, जिसे सौर कीटाणुशोधन कहा जाता है।
पानी पर जलवायु परिवर्तन जैसी अन्य चुनौतियां क्या हैं?
जल संकट एक वास्तविकता है, जो लोगों की आजीविका और कल्याण को प्रभावित करती है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, जल आपूर्ति में प्रमुख चुनौतियां जलवायु परिवर्तन, बढ़ती जल की कमी, जनसंख्या वृद्धि, जनसांख्यिकीय परिवर्तन, कृषि और उद्योग और शहरीकरण में पानी का उपयोग बढ़ाना है। 2025 तक, दुनिया की लगभग आधी आबादी जल-तनावग्रस्त क्षेत्रों में रह रही होगी।
जलवायु परिवर्तन का सीधा असर जल संसाधनों और जल सेवाओं पर पड़ता है। जलवायु-लचीला जल आपूर्ति और स्वच्छता दुनिया में हर साल 3.6 लाख से अधिक शिशुओं को बचा सकती है। आने वाले वर्षों में जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन और अपशिष्ट जल के पुन: उपयोग पर ध्यान दिया जाएगा।
छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति का प्रांतीय अधिवेशन एवं सम्मान समारोह
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 मार्च। प्रांतीय छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति रायपुर का प्रांतीय अधिवेषन एवं सम्मान समारोह 21 मार्च को सांस्कृतिक भवन, गुरू घासीदास कालोनी न्यूराजेन्द्र नगर रायपुर में संपन्न हुआ।
प्रांताध्यक्ष डॉ. जे.आर. सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम डॉ. शिव कुमार डहरिया, मंत्री नगरीय प्रषासन एवं विकास विभाग के मुख्य आतिथ्य में हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. केशरीलाल वर्मा कुलपति पंडित रविशंकर विवि रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. विनय कुमार पाठक पूर्व अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग रायपुर, केपी खंडे अध्यक्ष गुरू घासीदास साहित्य संस्कृति अकादमी रायपुर, शकुन डहरिया अध्यक्ष राजश्री सदभावना समिति रायपुर, डॉ. परदेशी राम वर्मा साहित्यकार उपस्थित थे।
सम्मेलन में छत्तीसगढ़ी भाषा छत्तीसगढ के पाठशाला मन मा छत्तीसगढ़ी भाखा के पाठ्यक्रम अउ किताब के स्वरूप में सभी वक्ताओं ने एक स्वर से प्राथमिक पाठशाला, मीडिल, हाई स्कूल व हायर सेकेण्डरी स्कूल में छत्तीसगढ़ी भाखा को अनिवार्य रूप से पढाये जाने हेतु मंत्री को शासन को अवगत कराने कहा। मंत्री ने विभिन्न लेखकों द्वारा किशन टंडन क्रांति के 3 पुस्तकों का विमोचन एवं राजेशचौहान के 1 पुस्तक का विमोचन किया। सभी सम्मानित होने वाले साहित्यकारो को सम्मानित किया व बधाई शुभकामनाएं दी । साहित्यकारों को आश्वासन दिया कि जिस लेखको की पुस्तक प्रकाशित नहीं हो रहा है उसके लिये अनुदान देने का प्रयास करूंगा।
अधिवेशन में स्व. हरिठाकुर सम्मान डॉ. विनय कुमार पाठक, स्व. सुशील यदु सम्मान डॉ. सुखदेव राम साहू, स्व. श्री केयूरभूषण सम्मान दुर्गा प्रसाद पारकर, स्व. डॉ. बल्देव साव सम्मान डॉ. बिहारी लाल साहू एवं डुमर लाल धु्रव,, स्व. लक्ष्मण मस्तूरिहा सम्मान किशन टंडन, क्रांति, स्व. राकेश सोनी सम्मान करण खान फिल्म कलाकार, अमीर पति फिल्म निदेशक, स्व. मिथलेश साहू सम्मान आत्मा राम कोसा को मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया के करकमलों से दिया गया। अधिवेशन में साहित्यकारों के पुस्तक का विमोचन किया एवं कवि सम्मेलन में 20 से अधिक कवियों ने कविता का पाठ किया। छत्तीसगढ़ के सभी जिलों से 200 से अधिक साहित्यकारों ने भाग लिया।
रायपुर 23 मार्च। पेंशन योजना का लाभ लोगों तक समय पर पहुंच सके इसके लिए राज्य सरकार द्वारा समाज कल्याण विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जानी वाली सेवाओं के अंतर्गत मुख्यमंत्री पेंशन योजना को छत्तीसगढ़ लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2011 के अंतर्गत शामिल किया गया है। इस आशय की अधिसूचना छत्तीसगढ़ के राजपत्र (असाधारण) में 31 दिसम्बर 2020 को प्रकाशित की जा चुकी है। इस संबंध में मंत्रालय स्थित समाज कल्याण विभाग द्वारा विभागीय संचालक, सभी कलेक्टरों सहित विभागीय जिला अधिकारियों को परिपत्र भेजकर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने कहा है।
विभाग द्वारा संचालित समाजिक सुरक्षा पेंशन योजना सहित अन्य पेंशन योजनाएं पहले से ही लोक सेवा गारंटी अधिनियम में शामिल हैं। मुख्यमंत्री पेंशन योजना हेतु आवेदन ग्रामीण क्षेत्रों में जनपद पंचायत और शहरी क्षेत्रों में नगर पालिक निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत कार्यालयों में प्रस्तुत किए जा सकेंगे। लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत सेवा प्रदाय करने हेतु स्वीकृति की समय-सीमा 60 कार्य दिवस निर्धारित की गई है। इसके पश्चात हितग्राही को प्रतिमाह भुगतान किए जाने का प्रावधान है। ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा प्रदाय करने वाले अधिकारी जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और शहरी क्षेत्रों में सेवा प्रदाय करने वाले अधिकारी नगर पलिक निगम के आयुक्त, नगर पालिका परिषद या नगर पंचायत के मुख्य नगर पालिका अधिकारी होंगे।
इसी तरह शहरी तथा ग्रमीण क्षेत्रों के लिए सक्षम अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) और अपीलीय अधिकारी कलेक्टर या अपर कलेक्टर होंगे।
रायपुर, 23 मार्च। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के प्राचार्यों और विषय शिक्षकों के उन्मुखीकरण और क्षमता विकास प्रशिक्षण के अंतिम चरण के प्रारंभिक सत्र को संबोधित करते हुए आदिमजाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के संयुक्त संचालक एवं राजभवन सचिवालय में उपसचिव डॉ. टी.आर. वैष्णव ने कहा कि एकलव्य विद्यालयों में ग्रामीण परिवेश के अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थी अध्ययनरत होते हैं, अत: इनकों अच्छी शिक्षा प्रदान करना हमारा प्रमुख लक्ष्य होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि शिक्षा ही जनजाति विकास की कुंजी है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराकर इन विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को समाज की मुख्य धारा में जोडऩे में आप महत्वूपर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं। ठाकुर प्यारेलाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान निमोरा में अंतिम चरण का प्रशिक्षण आज से प्रारंभ हुआ जो 25 मार्च तक चलेगा। अंतिम चरण के प्रशिक्षण में विद्यालयों के प्राचार्यों और गणित के शिक्षकों को मुख्य रूप से नेतृत्व क्षमता एवं प्रबंध की बारीकियों से अवगत कराया जाएगा।
डॉ. वैष्णव ने आदिवासी विकास की समस्याओं व उनके समाधान विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा दो प्रकार ही होती है- औपचारिक और अनौपचारिक। अनौपचारिक शिक्षा में व्यक्ति अपने माता-पिता, दोस्तों और अपने आस-पास के परिवेश से सीखता है, वहीं औपचारिक शिक्षा के अंतर्गत स्कूल, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थाओं के माध्यम से ज्ञान अर्जन होता है। शिक्षा के दोनों ही माध्यम अति महत्वपूर्ण हैं। एक सभ्य नागरिक बनाने में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। प्रशिक्षण में उपस्थित सभी प्राचार्य और विषय शिक्षक औपचारिक शिक्षा ग्रहण करने आए हैं। अत: पूरी ईमानदारी से प्रशिक्षण सत्र का लाभ उठाएं।
श्री सेठ ने भारतीय संविधान की प्रस्तावना पर प्रकाश डाला। उन्होंने संविधान की मूलभूत अवधारणा में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए किए गए प्रावधानों की चर्चा की तथा इन प्रावधानों का अधिकाधिक लाभ इन वर्गों के विद्यार्थियों तक पहुंचाने पर बल दिया।
परिचर्चा के दौरान प्राचार्यों ने सीबीएसई पैटर्न से शिक्षा में अध्ययन सामग्री और शिक्षण तकनीक की कमी दूर किए जाने संबंधी समस्या बताई। श्री सेठ ने कहा कि सीबीएसई की वेबसाइट पर एनसीईआरटी की पुस्तकें, पूर्व वर्षों के प्रश्न पत्र और उनके हल सभी कुछ उपलब्ध है। इसके माध्यम से सफलतापूर्वक पूर्ण जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को नवीन शिक्षण पद्धति से अवगत कराने के साथ ही उनमें पेशेवर क्षमतावर्धन करना है। जिससे उनमें विषय की बेहतर समझ विकसित हो सके और वे विद्यार्थियों को बहुत ही सरल तरीके से विषय संबंधी ज्ञान दे सकें। सीबीएसई पैटर्न के आधार पर शिक्षण संबंधी पहली बार प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के माध्यम से सीबीएसई बोर्ड के आधार पर शिक्षण तकनीक की बारीकियों से अवगत कराया जा रहा है।
यह भी उल्लेखनीय है कि चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्रथम चरण 9 से 12 मार्च में अंग्रेजी और सामाजिक विज्ञान के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया। दूसरे चरण में 15 से 18 मार्च तक हिन्दी और विज्ञान विषय के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया। अंतिम चरण में 22 से 25 मार्च तक एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के प्राचार्यों और गणित विषय के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण में राष्ट्रीय स्तर की संस्था अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के विषय-विशेषज्ञों द्वारा नि:शुल्क सहायता दी जा रही है।
राज्यपाल सखी फाउंडेशन द्वारा आयोजित वीरांगना सम्मान समारोह में हुई शामिल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 मार्च। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा है कि महिलाओं को लंबा संघर्ष और चुनौतियों का सामना करने के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए। साथ ही आत्मबल और इच्छा शक्ति को मजबूत रखते हुए आम धारणा को तोडऩे का प्रयास कर विशेष उपलब्धियां हासिल करना चाहिए। उन्होंने शहीद राजीव पांडेय सभागार में सखी फाउंडेशन रायपुर द्वारा आयोजित वीरांगना सम्मान समारोह को संबोधित कर रही थी। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मान किया गया।
सुश्री उइके ने कहा कि सखी फाउंडेशन स्वास्थ्य शिक्षा तथा महिला सशक्तिकरण की दिशा में काम कर रहा है, जो सराहनीय है। उन्होंने कहा कि आज हम जिनको सम्मानित कर रहे हैं, वाकई में वे भी वीरांगनाएं हैं, क्योंकि उन्होंने वह कर दिखाया है जो आम लोग नहीं कर पाते। इन महिलाओं ने अपने-अपने क्षेत्र में आज जो उपलब्धियां हासिल की है और जिस मुकाम पर पहुंची है वह रास्ता आसान नहीं था। उन्हें लंबा संघर्ष और कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, चाहे वह घर की हो या बाहर की।
राज्यपाल ने कहा कि पिछले कुछ समय में महिलाओं ने अपने आत्मबल और इच्छाशक्ति के बलबूते वह कर दिखाया है जो वाकई में संभव नहीं था। चाहे महिला पवर्तारोही अरूणिमा सिन्हा हो या मिताली राज, इन्होंने खेल के क्षेत्र में परचम लहराया वहीं अन्य क्षेत्रों जैसे व्यापार और कार्पोरेट क्षेत्र में सुनीता रेड्डी, मल्लिका श्रीनिवासन, जिया मोदी, किरण मजूमदार, कली पुरी जैसे महिलाएं जिन्हें फार्च्यून इंडिया की सूची में शीर्ष स्थान मिला। इन महिलाओं ने आम धारणा को तोड़ी है और पुरूषों के क्षेत्र माने जाने वाले कार्यों में अपनी दक्षता दिखाई है।
राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी हर क्षेत्र में महिलाएं उपलब्धियां हासिल कर रही हैं। यदि हम कोरोना काल की बात करें तो महिलाओं ने स्वास्थ्य, सुरक्षा जैसे तमाम क्षेत्रों में पुरूषों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर कार्य किया। कुछ जिलों में कलेक्टर के रूप में या पुलिस अधिकारी के रूप में अपनी भूमिका निभा रही है। हम पाएंगे कि कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी एक महिला के पास थी और उन्होंने अपनी भूमिका का बखूबी निर्वहन किया। इस समय प्रमुख विश्वविद्यालयों की कमान महिला वाइस चांसलर के कंधों पर है। ये सब महिलाएं हमारी बेटियों को प्रेरणा देती है कि वे आगे बढ़ते रहें और किसी भी हाल में हिम्मत न हारें।
राज्यपाल ने कहा कि महिला-पुरूष एक रथ के दो पहिए होते है। किसी पुरूष की सफलता के पीछे एक महिला का हाथ होता है, चाहे वह मां, पत्नी व बहन के रूप में हो। उसी तरह किसी महिला कीे सफलता के पीछे पुरूष का हाथ होता है। वेे एक पिता, भाई, पति या एक मार्गदर्शक के रूप में हो सकते हैं। मुझे मेरे शिक्षकों का मार्गदर्शन और संरक्षण मिला, उन्होंने मुझे आगे बढऩे की प्रेरणा दी। साथ ही सकारात्मक दृष्टिकोण वाले पुरूषों का भी मार्गदर्शन मिलते रहा। उनसे मुझे विभिन्न दायित्वों के अलावा यहां तक पहुंचने का सहयोग मिला।
सुश्री उइके ने उनके द्वारा गोद लिए गए गांव सल्फीपदर की जिक्र करते हुए कहा कि आज से कुछ समय इस गांव के पुरूष और महिलाएं राजभवन आए थे और मेरे साथ गांव के विकास के कुछ मुद्दों पर चर्चा की थी। उनकी बातों को सुनकर मैंने उस गांव को गोद लेने का निर्णय लिया। आज वह गांव विकास की राह पर है, यह वहां की रहने वाली महिलाओं की लगन और आत्मबल के फलस्वरूप हो पाया है।
इस समारोह की अध्यक्षता रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केसरीलाल वर्मा ने की और विशेष अतिथि राज्य एनएसएस अधिकारी डॉ. समरेन्द्र सिंह थे। उन्होने भी अपने विचार व्यक्त किए। सखी फाउंडेशन की अध्यक्ष श्रीमती नीलम सिंह ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया और राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम समन्वयक डॉ. नीता बाजपेयी ने स्वागत उद्बोधन दिया।
वहीं पर पूर्व राज्यसभा सांसद श्री गोपालव्यास तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। राज्यपाल ने इस कार्यक्रम में पर्वतारोही याशी जैन को भविष्य के अभियानों के लिए फ्लैग दिखाया और उज्जवल भविष्य की कामना की।
रायपुर, 22 मार्च। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ी फिल्मकार मनोज वर्मा द्वारा निर्मित और निर्देशित छत्तीसगढ़ी फिल्म ‘भूलन द मेज’ को क्षेत्रीय फिल्म केटेगरी में बेस्ट फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिलने पर उन्हें तथा फिल्म निर्माण से जुड़ी पूरी टीम को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
उन्होंने लेखक संजीव बख्शी को भी बधाई दी है, जिनके उपन्यास ‘भूलन-कांदा’ पर यह फिल्म आधारित है। श्री बघेल ने कहा है कि यह छत्तीसगढ़ के लिए एक और गौरवपूर्ण उपलब्धि है। इस उपलब्धि से छत्तीसगढ़ी साहित्य, कला और फिल्म निर्माण से जुड़ी प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर पर नयी पहचान मिली है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 मार्च। हाउसिंग बोर्ड अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा ने आज यहां देवेंद्र नगर चौराहे पर आल इंडिया सीए परीक्षा टॉपर देवेंद्र नगर सेक्टर 5 निवासी भ्रमर जैन का साल व स्मृति चिन्ह भेटकर उन्हें सम्मानित किया।
श्री जुनेजा ने भ्रमर जैन को बधाई देते हुए उनकी उज्जवल भविष्य की कामना की और उन्हें सदैव प्रदेश व शहर का नाम रोशन करते रहने का आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता संजय पाठक, पार्षद अमितेश भारद्वाज, एल्डेरमेन सुनील भुवाल, पूर्व पार्षद जसबीर ढिल्लन आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
रायपुर, 23 मार्च। राजधानी रायपुर के कोरोना वरियर्स डॉ.नरेश साहू 201 दिनों से बिना छुट्टी लिए ड्यूटी पर तैनात हैं। वे कोरोना मरीजों की सेवा सितंबर 2020 से प्रयास कोरोना हॉस्पिटल गुढिय़ारी रायपुर में देते रहे। इस दौरान जनवरी तक यहां 5 महीनों में 750 मरीज भर्ती हुए और सभी स्वस्थ होकर घर लौट गए।
उनका कहना है कि फरवरी 2021 से कोरोना हेल्थ सेंटर लालपुर मेंं नियमित ड्यूटी पर रहा। इस दौरान ड्यूटी समाप्त होने के बाद प्रत्येक रविवार को 1 घंटे श्रमदान कर स्वच्छता अभियान चलाया। भर्ती मरीजों को नशा मुक्ति का संकल्प भी दिलाया।
1 मार्च से रायपुर मेडिकल कॉलेज में कोरोना टीकाकरण की जिम्मेदारी दी गई है। इस तरह छत्तीसगढ़ जब तक कोरोना मुक्त नहीं हो जाता वे बिना छुट्टी लिए नियमित ड्यूटी करते रहेंगे। उल्लेखनीय है कि गृह मंत्री द्वारा डॉ. साहू को कोरोना योद्धा सम्मान से सम्मानित किया गया है।
वहीं बेस्ट कोविड केयर सेंटर संचालन के लिए सीएमएचओ रायपुर द्वारा सम्मानित किया गया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 मार्च। अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा ने खाद्य, उपभोक्ता मामलों और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए गठित संसद की स्थायी समिति द्वारा आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून को क्रियान्वित किये जाने की सिफारिश किये जाने की तीखी निंदा की है।
किसान सभा ने मोदी की भाजपा-आरएसएस सरकार की किसान विरोधी और कॉर्पोरेटपरस्त नीतियों को मजबूत करने वाली इन सिफारिशों के खिलाफ आम जनता और किसानों में व्यापक अभियान चलाने का फैसला किया है और इस क्रम में 26 मार्च को आहूत भारत बंद को सफल बनाने की भी अपील की है।
उल्लेखनीय है कि इस संसदीय समिति की अध्यक्षता तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय कर रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस ने प. बंगाल विधानसभा में तीनों कृषि विरोधी कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव भी पारित किया है। इस समिति में कांग्रेस के सदस्य भी शामिल हैं। किसान सभा ने कहा है कि इन दोनों पार्टियों को जवाब देना होगा कि उनकी उपस्थिति में ऐसी जन विरोधी सिफारिशें कैसे की गई है?
छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते और महासचिव ऋषि गुप्ता ने कहा कि इस कानून से खाद्यान्न सहित रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं की कॉरपोरेट सट्टेबाजी और कालाबाज़ारी को बढ़ावा मिलेगा, जिससे बाजार में कृत्रिम संकट पैदा होगा और महंगाई बढ़ेगी। इससे न आम जनता को फायदा है, न किसानों को। यह कानून सार्वजनिक वितरण प्रणाली को भी ध्वस्त करेगा।
उन्होंने कहा है कि किसान सभा ऐसी सभी पार्टियों को बेनकाब करेगी, जो आम जनता में तो इन तीनों किसान विरोधी कानूनों की खिलाफत का दावा करती है, लेकिन संसदीय समितियों के जरिये इन कानूनों के क्रियान्वयन की सिफारिश कर रही है।
मानव अंग-ऊतक अधिनियम 1994 के तकनीकी पहलुओं पर विशेषज्ञों ने दी जानकारी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 मार्च। प्रदेश में अब ऑर्गन ट्रांसप्लांट (अंग प्रत्यारोपण) और ऑर्गन डोनेशन (अंगदान) की प्रक्रिया को आसान बनाने की नितांत आवश्यकता है। इसके लिये राज्य अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन यानी स्टेट ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) के गठन से अंग प्रत्यारोपण और अंगदान का रास्ता आसान हो जाएगा।
प्रत्यारोपण के लिये आवश्यक ऑर्गन बैंक का गठन संभव हो सकेगा। इसके साथ ही ऑर्गन डोनेशन और प्रत्यारोपण के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) की पूरी जानकारी एक जगह मिल जाएगी। राज्य का सबसे बड़ा मेडिकल कॉलज पं. जवाहर लाल नेहरु स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय इससे संबद्ध डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल इसके लिये नोडल सेंटर की भांति काम करेगा। राज्य शासन का स्वास्थ्य विभाग बहुत जल्द भारत सरकार के रीजनल कम स्टेट ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (रोटो-सोटो) एवं नेशनल ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (नोटो) के साथ मिलकर इस दिशा में कार्य करने जा रहा है।
ये बातें मानव अंग प्रत्यारोपण के राज्य प्रतिनिधि (स्टेट रिप्रेजेंटेटिव) डॉ. श्रीकांत राजिमवाले ने नेशनल ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन के बैनर तले एवं स्वास्थ्य संचालनालय छ.ग. शासन द्वारा आयोजित पांच दिवसीय प्रत्यारोपण समन्वयक प्रशिक्षण कार्यक्रम (ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर ट्रेनिंग प्रोग्राम) के दौरान मेडिकल कॉलेज के लेक्चर हाल नं. 6 में कही। डॉ. राजिमवाले ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि स्टेट ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) के गठन हो जाने से सभी शासकीय और गैर शासकीय अस्पतालों में अंगदान एवं अंग प्रत्यारोपण की राहें आसान हो जाएगी। राज्य में ब्रेन डेड मरीजों के अंगों के रखरखाव एवं उनके उपयोग से कई मरीजों को नया जीवन मिल सकेगा।
इस दिशा में पहल करते हुए अम्बेडकर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनित जैन को सोटो का नोडल ऑफिसर बनाया गया है। इसके अंतर्गत भविष्य में मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अंग प्रत्यारोपण से संबंधित जानकारी, डेटा और अन्य रिकार्ड संरक्षित किये जा सकेंगे जिसकी मॉनिटरिंग नेशनल ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (नोटो) करेगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेते हुए मेडिकल कॉलेज के डीन प्रो. डॉ. विष्णु दत्त ने कहा कि सोटो के गठन के लिये मेडिकल कॉलेज कैम्पस में आवश्यक भूमि, मानव संसाधन एवं अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर की व्यवस्था करना जरूरी है। इसके बाद ही अंगदान की प्रक्रिया कार्यरूप में परिणित हो पाएगी। इसके लिये प्रशासन स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं।
कार्यक्रम का शुभारंभ संचालक स्वास्थ्य सेवाएं नीरज बंसोड़ ने किया। रीजनल कम स्टेट आर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (रोटो-सोटो) एवं नेशनल ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (नोटो) से आयी श्रीमती सुजाता अष्टेकर ने भारत शासन द्वारा अधिनियमित कानून, मानव अंग और ऊतक अधिनियम , 1994 के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी दी। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत इस कानून के मेडिको लीगल पहलूओं के बारे में बताते हुए इसके परिरक्षण और प्रत्यारोपण के तकनीकी पहलूओं के बारे में बताया।
अम्बेडकर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनित जैन ने मानव अंग और ऊतक अधिनियम 1994 के अनुसार, स्टेट ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन(सोटो) के गठन के लिये अस्पताल की मूलभूत आवश्यकताओं और ब्रेन डेथ सर्टिफिकेशन कमेटी और मेडिको लीगल केस में ऑर्गन और टिशू डोनेशन की भूमिका पर प्रकाश डाला।
ऑर्गन डोनेशन के बेसिक कंसेप्ट के अंतर्गत कार्डियक डेथ और ब्रेन स्टेम डेथ एवं इससे जुड़े भ्रम के बारे में डॉ. रेखा बरोट ने जानकारी दी। वहीं डॉ. सीजू नायर ने विश्व में सफलतम ट्रांसप्लांट की केस स्टडी पर प्रकाश डाला। डॉ. दिवाकर धुरंधर, डॉ. विनय राठौर एवं श्री राहुल वासनिक ने कार्यक्रम में अंग प्रत्यारोपण में आने वाली समस्याओं एवं उसके निराकरण की जानकारी दी। कल ब्रेन स्टेम डेथ पर क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डॉ. ओ. पी. सुंदरानी विस्तृत व्याख्यान देंगे।
पांच दिवसीय कार्यक्रम के पहले दिन करीब 60 लोगों ने पंजीयन कराया। इस कार्यक्रम में चिकित्सक, नर्सिंग स्टॉफ, ट्रांसप्लांट समन्वयक एवं अन्य मेडिकल प्रोफेशनल्स शामिल हो सकते हैं। पंजीयन पूर्णत: नि:शुल्क है। प्रदेश के ऐसे अस्पताल जो ट्रांसप्लांट शुरू करना चाहते हैं, वे सभी इस कार्यक्रम में शामिल होकर अंगदान एवं अंग प्रत्यारोपण के सभी पहलुओं के बारे में बारीकी से अवगत हो सकते हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 मार्च। राजधानी रायपुर में कोरोना खतरा को देखते हुए बिना मास्क पहने आने-जाने वालों की अब कड़ाई से जांच की जा रही है। निगम की टीम शहर के सभी क्षेत्र की सडक़ों पर यह जांच कर रही है। इस दौरान पकड़े जाने पर 2 सौ रुपये जुर्माना लगाया जा रहा है। बीती शाम रात तक यहां मास्क न पहनने वाले 542 लोगों पर 50 हजार रुपये से अधिक का जुर्माना किया गया। वहीं उन्हें नियमित तौर पर मास्क लगाने की चेतावनी दी गई।
जानकारी के मुताबिक जांच अभियान के अंतर्गत निगम जोन 1 टीम ने 64 लोगों से 57 सौ रूपये का जुर्माना वसूला। जोन 2 टीम ने 65 लोगों पर 56 सौ रूपये का जुर्माना किया। जोन 3 ने 52 लोगों पर 3 हजार 180 रूपये का जुर्माना किया। जोन 4 टीम ने 49 लोगों पर 53 सौ रूपये, जोन 5 ने 101 लोगों पर 10 हजार 750 रूपये जुर्माना वसूला। जोन 6 टीम ने 95 लोगों पर 6 हजार 990 रूपये जुर्माना किया। जोन 7 टीम ने 29 लोगों से 42 सौ रूपये वसूल किया।
इसी तरह निगम जोन 8 टीम ने 35 लोगों पर 3 हजार 550 रूपये व जोन 9 टीम ने 20 लोगों से 17 सौ रूपये जुर्माना वसूला। जबकि निगम जोन 10 की टीम ने 32 लोगों से 3 हजार 900 रूपये का जुर्माना वसूल किया। निगम अफसरों का कहना है कि शहर के सभी प्रमुख चौक-चौराहों पर उनकी महिला टीम जांच में लगी है। इस दौरान लापरवाही बरतने वालों पर दो सौ रुपये के हिसाब से जुर्माना वसूल किया जा रहा है। उनका कहना है कि कड़ाई के बाद भी लोगों की लापरवाही जारी है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 मार्च। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने 67 वां राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की घोषणा में निर्माता-निर्देशक मनोज वर्मा की छत्तीसगढ़ी फिल्म ‘भूलन द मेज’ को बेस्ट फिल्म पुरस्कार प्राप्त होने पर निर्माता मनोज वर्मा सहित सभी जुड़े कलाकारों और पूरी टीम को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि यह छत्तीसगढ़ को गौरान्वित करने वाला तथा राष्ट्रीय पटल पर नई पहचान दिलाने वाला पुरस्कार है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ी फिल्म ‘भूलन द मेज’ को क्षेत्रीय फिल्म केटेगरी में पुरस्कार मिला है। दिवंगत पदुमपुन्ना लाल बख्शी के बेटे संजीव बख्शी की उपन्यास पर यह फिल्म बनी है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 मार्च। प्रदेश के सैकड़ों फार्मासिस्टों ने सरकारी अस्पतालों में रिक्त 6 हजार से अधिक पदों पर भर्ती समेत अपनी कई मांगों को लेकर आज यहां धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने चेतावनी दी है कि मांगें पूरी न होने पर वे सभी आगे की रणनीति बनाने के लिए विवश होंगे।
फार्मासिस्ट यूनियन के पदाधिकारियों ने बताया कि वे सभी अपनी मांगों को लेकर शासन-प्रशासन से कई बार चर्चा कर चुके हैं, लेकिन उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है। ऐसे में वे सभी एकजुट होकर सडक़ पर उतरने के लिए मजबूर है। उनकी मांगों में 42 सौ रुपये गे्रड पे देने, फार्मासिस्ट कैडर बनाने, फार्मासिस्टों की अनुपस्थिति में खुले मेडिकल स्टोर बंद करने आदि भी शामिल हंै।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 मार्च। प्रदेश में एक अप्रैल से 45 साल से ऊपर के करीब 30 लाख लोगों को भी कोरोना टीका लगाए जाएंगे। ये टीके उन्हीं सेंटरों में लगेंगे, जहां पहले और दूसरे चरण के टीके लगाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
राज्य टीकाकरण अफसर डॉ. अमर सिंह ठाकुर ने छत्तीसगढ़ से चर्चा में बताया कि पहले चरण में हेल्थ एवं फ्रंट लाइन वर्करों को कोरोना टीके लगाए गए। दूसरे चरण में 60 से अधिक उम्र के बुजुर्गों एवं 45 से 59 साल तक के दूसरी गंभीर बीमारी से पीडि़त लोगों को टीके लगाए जा रहे हैं। अब एक अप्रैल से 45 से अधिक उम्र के सभी सामान्य लोगों को टीके लगाए जाएंगे। इसके लिए अलग से कोई नया सेंटर न बनाकर पुराने टीकाकरण केन्द्रों पर ही टीके लगाए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में 45 से अधिक उम्र के 30 लाख लोग टीकाकरण के दायरे में आएंगे, जो यहां की आबादी का करीब 12 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ में भी कोरोना संक्रमण बढऩे लगा है। ऐसे में यहां वर्गवार लोगों का टीकाकरण जरूरी है, ताकि उन्हें कोरोना से बचाया जा सके।
संशोधित मॉडल उत्तर आधार पर चयन सूची जारी करने मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 मार्च। पीएससी परीक्षा में गड़बड़ी का विरोध करते हुए सैकड़ों अभ्यर्थियों ने आज यहां बूढ़ापारा में धरना-प्रदर्शन किया। उन्होंने नारेबाजी करते हुए चेतावनी दी है कि गड़बड़ी की जांच कर दोषी अफसर-कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई न करने पर वे सभी उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।
छत्तीसगढ़ प्रतियोगी संघर्ष मंच के बैनर पर रायपुर समेत प्रदेश के सैकड़ों पीएससी परीक्षार्थी आज सुबह यहां एकजुट हुए। इसके बाद वे सभी पीएससी और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा 2020 की प्रारंभिक परीक्षा में कई गड़बड़ी हुई है, लेकिन इसकी जांच नहीं कराई जा रही है। जबकि इस गड़बड़ी से सैकड़ों अभ्यर्थी प्रभावित हो रहे हैं।
उनकी मांग है कि 2020 की प्रारंभिक परीक्षा 14 फरवरी 2021 को आयोजित की गई थी, के संशोधित मॉडल उत्तर की गड़बड़ी को तुरंत दूर किया जाए। वहीं उसका संशोधित मॉडल उत्तर एवं उसके आधार पर मुख्य परीक्षा की चयन सूची जारी की जाए। आयोग द्वारा आयोजित सभी परीक्षाओं के कटऑफ माक्र्स वर्गवार परिणाम के साथ ही जारी किए जाए। सभी विषयों के मान पुस्तकों की सूची जारी कर या संशोधित उत्तर/विलोपित प्रश्नों के प्रमाण/स्त्रोत उपलब्ध कराएं। मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिका प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाया जाए।
उनकी मांगों में हर वर्ष का कैलेंडर जारी करने, अभ्यार्थियों को ओएमआर की कार्बन कॉपी उपलब्ध कराने, भाषाई त्रुटि तथा निर्देश संबंधी त्रुटि को सुधारने, दावा आपत्ति शुल्क कम तथा दावा आपत्ति सही प्राप्त होने पर अभ्यार्थियों के शुल्क वापस करने, आरटीआई का समुचित निराकरण करने, विशेषज्ञों की जवाबदेही तय करने व परीक्षा पूर्व प्रश्नपत्रों व मॉडल उत्तर की प्रमाणिकता की जांच करने भी शामिल हैं।
साढ़े 13 लाख से अधिक को टीके
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 मार्च। राज्य में अब तक कोविड 19 वैक्सीन की 13 लाख 54 हजार 171 से अधिक डोज लगाई जा चुकी है और कोविड 19 के लिए 54 लाख 29 हजार से अधिक सैंपल जांचे गए हैं। राज्य शासन प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार को कम करने के लिए पूरे प्रयास कर रहा है। एक ओर जहां कोरोना जांच की संख्या बढ़ाई जा रही है वहीं दूसरी ओर कोरोना वैक्सीनेशन केन्द्रों की संख्या बढ़ा कर लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए सुविधा दी जा रही हैं। कोरोना अनुकूल व्यवहार न करने वाले व्यक्तियों से अर्थदंड भी वसूला जा रहा है।
वर्तमान में पूरे देश में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। भारत शासन ने हाल ही मे महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, पंजाब, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ सहित कुछ अन्य राज्यों में संक्रमण को रोकने के लिए अधिक जन जागरूकता लाने के निर्देश दिए। भारत सरकार ने सभी राज्यों में जिला स्तर में अधिक जागरूकता लाने और वहां की बोली, भाषा में संदेश देकर संक्रमण को फैलने से रोकने के निर्देश दिए।
स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक राज्य में 13लाख 54 हजार से अधिक कोविड 19 की वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है। जिसमें हेल्थ केयर वर्कर, फ्रंट लाइन वर्कर और 60 वर्ष से अधिक के बुजुर्ग और 45 से 59 आयु समूह के व्यक्ति शामिल हैं। 2लाख 79 हजार से अधिक हेल्थ केयर वर्कर को प्रथम डोज , 176303 को द्वितीय डोज, 2 लाख 5 हजार से अधिक फ्रंट लाइन वर्कर को प्रथम डोज, 87807 को द्धितीय डोज एव ं4 लाख 86 हजार से अधिक बुजुर्गों को एवं 1लाख 18 हजार से अधिक 45 वर्ष से अधिक के कोमार्बिड व्यक्तियों को प्रथम डोज कोविड 19 वैक्सीन लगाई जा चुकी है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 मार्च। प्रदेश कांग्रेस मीडिया प्रमुख शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कोरोना का खौफ दिखाकर राज्य सरकार पर निराधार आरोपों का सहारा ले रहे छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता पहले यह बतायें कि मोदी सरकार छत्तीसगढ़ के लिए कोरोना वैक्सीन क्यों नहीं भेज रही है, जबकि यहां 2 दिन में यह वैक्सीन खत्म होने वाली है।
उन्होंने जारी एक बयान में आरोप लगाते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ में वैक्सीन डोज खत्म होने की स्थिति के लिए भाजपा की केंद्र सरकार ही जिम्मेदार है। पहले कोरोना के नाम पर इकट्ठा किए गए पीएम केयर्स फंड से छत्तीसगढ़ को कोई ठोस मदद नहीं दी गई और अब वैक्सीन मामले में छत्तीसगढ़ के साथ मोदी सरकार भेदभाव और पक्षपात कर रही है। इससे यह स्पष्ट है कि मोदी सरकार की रूचि कोरोना से लडऩे में नहीं, बल्कि विपक्षी दलों से राजनीतिक लड़ाई में बनी हुई है।
श्री त्रिवदी ने कहा है कि वैक्सीन हथियार है कोरोना महामारी के खिलाफ, इसका राजनीतिक उद्देश्य से उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। कांग्रेस मांग करती है कि छत्तीसगढ़ को पर्याप्त मात्रा में कोरोना वैक्सीन तत्काल उपलब्ध कराई जाएं। इसमें किसी भी प्रकार का हीला-हवाला, देर या ढील उचित नहीं है। जनस्वास्थ्य से जुड़े कोरोना महामारी जैसे गंभीर मामलों में राजनीतिक कारणों से फैसले नहीं लिए जाने चाहिए।
भाजपा पर स्तरहीन राजनीति का आरोप
त्रिवेदी ने कहा है कि कोरोना महामारी को लेकर भाजपा स्तरहीन राजनीति कर रही है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय इस संबंध में बयानबाजी कर अपनी और अपनी पार्टी की विश्वसनीयता समाप्त करने का काम कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण पूरे देश में फैल रहा है। मध्यप्रदेश में भी बढ़ रहा है, जहां भाजपा की सरकार है।
उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार ने प्रभावी कार्यवाही करते हुए स्कूलों और विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है। चौक-चौराहों पर मास्क को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। पूर्व में जब कटघोरा में संक्रमण फैला था तब छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रभावी नियंत्रण पाया था। इस बार भी पूरी तरह से कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी जाएगी, लेकिन महामारी के मामले में गैर जिम्मेदाराना बयान और स्तरहीन राजनीति से सबको बचना चाहिए।
आधी रात को मुखबिर की सूचना पर वन अमला की टीम ने किया गिरफ्तार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 मार्च। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के निर्देशानुसार राज्य में विभाग द्वारा वन अपराधों की रोकथाम के लिए लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं। इस तारतम्य में विगत दिवस रायगढ़ वन मंडल के बरमकेला वन परिक्षेत्र अंतर्गत गोमर्डा अभ्यारण्य में विद्युत करेंट बिछाकर साम्हर का अवैध शिकार करने वाले दो फरार आरोपियों को बरमकेला के रेंजर सुरेंद्र कुमार अजय, वनपाल हीरालाल नायक के नेतृत्व में वन विभाग की टीम द्वारा मुखबिर की सूचना पर घात लगाकर आधी रात को भालूपानी से गिरफ्तार कर लिया गया।
इस टीम में वनरक्षक हीरालाल चौधरी, कर्मसिंह राठिया, उग्रसेन नायक, नंदलाल खडिय़ा एवं बल्लाराम शामिल रहे। पकड़े गए दोनों आरोपी परमानंद बरिहा, पिता- हीरालाल बरिहा एवं शनिराम बरिहा, पिता- दयाराम बरिहा ग्राम भालू पानी के रहने वाले हैं। जबकि दो अन्य आरोपी संतोष और प्रेमलाल अब भी फरार हैं, जिन की पतासाजी की जा रही है। इनके खिलाफ पूर्व में भी अवैध शिकार के 2 प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है।
वन मंडलाधिकारी रायगढ़ डॉ. प्रणय मिश्रा ने बताया कि गोमर्डा अभ्यारण अंतर्गत 19 मार्च को जंगली जानवर साम्हर की विद्युत करेंट प्रवाहित कर अवैध शिकार किया गया था। जिसके लिए वन अमला द्वारा आरोपियों को पकडऩे के लिए खूब मशक्कत किया जा रहा था और मुखबिरों का जाल फैलाया हुआ था। जिसके कारण विगत दिवस आधी रात को वन विभाग की टीम द्वारा दो आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली। इनके खिलाफ 19 मार्च को वन अपराध के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया। जहां न्यायालय के आदेश से वन्य प्राणी साम्हर के शिकार में संलिप्त दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। इस तरह से वन अमला की सक्रियता के कारण जंगली जानवरों के शिकार एवं तस्करी करने वाले आरोपी लगातार गिरफ्त में आ रहे हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 मार्च। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा राज्य शासन की ऊर्जा नीति का परिपालन करते हुए शहरों की भांति सुदूर ग्रामीण वनांचलों की पारेषण प्रणाली को सुदृढ़ बनाने उच्चस्तरीय प्रयास किये जा रहे हैं। कम्पनी द्वारा सुनियोजित कार्य योजना के साथ-किए जा रहे कारगर प्रयासों के बूते गेंदपुर कवर्धा के अति उच्च दाब उपकेंद्र में 40 एमवीए क्षमता का विशालकाय ट्रांसफार्मर स्थापित कर ऊर्जीकृत करने में बड़ी कामयाबी मिली। 220/132/33 उपकेंद्र गेंदपुर कवर्धा में स्थापित नव क्रियाशील ईएचटी ट्रांसफार्मर की लागत 4.65 करोड़ रूपए है। उक्त जानकारी पारेषण कम्पनी के प्रबंध निदेशक अशोक कुमार ने दी।
आगे श्री कुमार ने बताया कि इस ट्रांसफार्मर के ऊर्जीकृत हो जाने से थानखमरिया इंडोरी, खमरिया, कवर्धा बेमेतरा के क्षेत्र के रहवासियों को समुचित वोल्टेज पर विद्युत की आपूर्ति हो सकेगी।
एमडी श्री कुमार ने कहा 40 एमव्हीए के भारी-भरकम ईएचटी ट्रांसफार्मर को सफलतापूर्वक ऊर्जीकृत करके कोरोना महामारी के संक्रमण काल में भी पारेषण कंपनी के अधिकारियों-कर्मचारियों ने अपनी उत्कृष्ट कार्यदक्षता को प्रदर्शित किया है। ऐसी कामयाबी के लिए पारेषण कंपनी की टीम के कर्मी बधाई के पात्र है।
आगे उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश की विद्युत पारेषण प्रणाली को सुदृढ़ बनाने की दिशा में आगे बढ़ते हुए चार दशक से अधिक पुराने ईएचटी उपकेन्द्रों के रखरखाव, कुशल प्रबंधन और बेहतर निगरानी को कार्यशैली में प्राथमिकता से शामिल किया गया हैं।
बन्दियों पर निगरानी और सुरक्षा के लिए जेलों में सीसीटीवी, मोबाईल जैमर, वायरलेस, फेंसिंग, मेटल डिटेक्टर, वॉकी-टॉकी, सायरनसहित अनेक व्यवस्थाएं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 मार्च। गृह एवं जेल मंत्री ताम्रध्वज साहू ने बताया कि राज्य शासन द्वारा प्रदेश की जेलों को सुधार गृह के रूप में परिवर्तित कर बंदियों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है। योजनाओं के जरिए बंदियों की सुरक्षित अभिरक्षा एवं व्यवस्थापन के साथ ही उनके स्वास्थ्य, शिक्षा, मनोरंजन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जेलों में बंदियों को विधिक सहायता उपलब्ध कराने के साथ ही उनके पुनर्वास के लिए व्यवसायिक प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
श्री साहू ने बताया कि राज्य में पांच केन्द्रीय जेल, 12 जिला जेल और 16 उपजेल है। सभी जेलों में बंदियों पर निगरानी रखने के लिए सीसीटीवी कैमरा की व्यवस्था की गई है। प्रदेश के सभी जेलों में सोलर पॉवर एडवांस सिक्यूरिटी फेंसिंग कराया जा चुका है। जेल गेट एवं जेल के अंदर तलाशी के लिए सभी जेलों को हैण्ड हेल्ड मेटर डिटेक्टर उपलब्ध कराएं गए हैं। जेलों को सतत संचार व्यवस्था के लिए वॉकी-टॉकी सेट उपलब्ध कराया गया है, ताकि जेलों की सुरक्षा के संबंध में तत्काल जानकारी प्राप्त की जा सके। आपात स्थिति में संचार-सूचना व्यवस्था के लिए सायरन-हाई रेंज सायरन स्थापित किया गया है।
श्री साहू ने बताया कि बंदियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केन्द्रीय जेल रायपुर, बिलासपुर, जगदलपुर, अम्बिकापुर और जिला जेल रायगढ़, दंतेवाड़ा, कांकेर एवं उपजेल कटघोरा में मोबाईल सेवा बाधित करने के लिए मोबाईल जैमर की स्थापना की गई है। प्रदेश के सभी सर्किल जेलों रायपुर, बिलासपुर, जगदलपुर, अम्बिकापुर, दुर्ग और जिला जेल कांकेर, दन्तेवाड़ा, धमतरी, राजनांदगांव, बैकुण्ठपुर एवं उपजेल पेण्ड्रारोड, संजरीबालोद, डोंगरगढ़, कटघोरा, बेमेतरा, रामानुजगंज, सूरजपुर एवं मनेन्द्रगढ़ में स्थानीय पुलिस से संबद्ध वायरलेस सेट की स्थापना कराई गई है।
राज्य के 11 जेलों अम्बिकापुर, जगदलपुर, जशपुर, कोरबा, राजनांदगांव, कांकेर, दन्तेवाड़ा, रामानुजगंज, डोंगरगढ़, गरियाबंद और सूरजपुर के मुख्य दीवार के पास कंसर्टीना वायर फेंसिंग कराई जा चुकी है। इसी तरह केन्द्रीय जेल बिलासपुर के आउटर वाल में 440 वोल्ट लाईव वायर की स्थापना की गई है। इसके साथ ही केन्द्रीय जेल रायपुर एवं दुर्ग में प्रायोगिक तौर पर एक्स-रे बैगेज स्केनर सिस्टम की स्थापना की गई है। राज्य के सभी जेलों में पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था के लिए सोलर लाईटिंग सिस्टम, सोलर लैम्प, हाई मास्ट लाईट, सर्च लाईट एवं जनरेटर सेट की व्यवस्था की गई है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 मार्च। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के कर्मचारी संघ का चुनाव रविवार को हुआ। इसमें मोहन साहू अध्यक्ष निर्वाचित घोषित किए गए। इस कड़ी में देवेन्द्र पाण्डेय को उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए।
जानकारी के अनुसार सचिव पद पर रणछोर ठाकुर, कोषाध्यक्ष पद पर अरूण सेन, संयुक्त सचिव संतोष घृतलहरे, मुकेश पटेल और विष्णु वर्मा संगठन मंत्री निर्वाचित घोषित हुए हैं।
रायपुर, 22 मार्च। छत्तीसगढ़ में महत्वकांक्षी योजना मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना से गरीब आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की कन्याओं का विवाह प्रतिष्ठापूर्ण और गरिमामय माहौल में सम्पन्न हो रही है। गरीब परिवारों की कन्याओं की शादी का पूरा खर्च शासन द्वारा किया जा रहा है। योजना के तहत जांजगीर चांपा जिले के गवागढ़ विकासखण्ड के ग्राम पंचायत सरखों के हाईस्कूल परिसर में सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया। जिले के 17 जोड़ों का विवाह धार्मिक रीति रिवाज के अनुसार उत्साह पूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। लोकसभा सांसद गुहाराम अजगल्ले, विधायक जांजगीर-चांपा नारायण प्रसाद चंदेल, जिला पंचायत सदस्य एवं सभापति जयाकांता राठौर, श्रीमती कुसुम कमल साव, नगर पालिका जांजगीर-नैला के उपाध्यक्ष आशुतोष गोस्वामी, जनपद सदस्य फुलमत बाई, इंजीनियर रवि पांडे ने नव दंपतियों को उपहार प्रदान कर उनके सुखद गृहस्थ जीवन की शुभकामनाएं दी।
श्री अजगल्ले ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को कन्या के विवाह के लिए होने वाली आर्थिक कठिनाईयों के निवारण और विवाह के अवसर पर होने वाले फिजूलखर्ची को रोकना और गरिमामय, प्रतिष्ठापूर्ण माहौल में सामूहिक विवाह का आयोजन, कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। विधायक चंदेल ने वर-वधू को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उत्साह पूर्ण माहौल में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवार के कन्याओं का विवाह संपन्न हुआ है। ऐसे आयोजनों में गणमान्य नागरिकों और अधिकारियों का पूरा सहयोग मिलता है। जिला पंचायत सदस्य जयाकांता राठौर, कुसुम कमल साव, इंजीनियर रवि पांडे, सरपंच लोचन प्रसाद ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया और नव दंपतियों को उनके सुखद दाम्पत्य जीवन की शुभकामनाएं दी।
महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रीति खोखर चखियार ने बताया कि सादगीपूर्ण विवाहों को बढ़ावा देने, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों का मनोबल, उनका आत्मसम्मान बढ़ाने तथा दहेज जैसी बुराइयों का रोकथाम करना मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना का मुख्य उद्देश्य है। गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवार, मुख्यमंत्री खाद्यान्न योजना अन्तर्गत कार्डधारी परिवार की 18 वर्ष से अधिक आयु की अधिकतम दो कन्याओं को इस योजना के अन्तर्गत लाभान्वित किया जाता है।
योजना अन्तर्गत प्रत्येक कन्या के विवाह हेतु अधिकतम 25 हजार रूपये की राशि व्यय किए जाने का प्रावधान है। इसमें से वर-वधु हेतु श्रृंगार सामग्री पर राशि 5 हजार रूपये, अन्य उपहार सामग्री पर राशि 14 हजार रूपये, वधु को बैंक ड्राफ्ट के रूप में राशि एक हजार रूपये तथा सामूहिक विवाह आयोजन पर प्रति कन्या राशि 5 हजार रूपये तक व्यय किया जाता है। राज्य शासन द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अन्तर्गत विधवा, अनाथ, निराश्रित कन्याओं को भी इस योजना में शामिल किया गया है।