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लोगों को अब हाट बाजार और अपने रोजी के लिए आने-जाने में हुई सुविधा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 28 दिसम्बर। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अनुसूचित जनजाति और वनांचलों क्षेत्रों में आवागमन की सुविधा पहुंचाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। जनजाति इलाकों में मूलभूत अधोसंरचना के विकास के लिए लगातार कार्य जारी है।
बस्तर जिले के बस्तर विकासखंड के पाथरी गोंदियापाल के ग्रामीणों ने कपारी नाला में पुलिया और एप्रोच रोड़ बनाने की मांग प्रशासन के समक्ष रखी। ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें कपारी नाला में पुलिया नहीं होने के कारण 10 किलोमीटर का लम्बा रास्ता तय कर दैनिक उपयोग की सामानों का खरीदी-बिक्री हाट बाजार से कर पाते थे साथ ही नाले में पुलिया नहीं होने के कारण दुर्घटना की आशंका हमेशा बनी रहती थी। अब वनांचलों में सडक़ों, पुल-पुलियों के बन जाने से लोगों को हाट बाजार और रोजी-रोजगार के कार्यों के लिए आने-जाने की सुविधा हो गई है।
प्रशासन द्वारा छत्तीसगढ़ ग्रामीण सडक़ विकास अभिकरण, भिरलिंगा को बस्तर ब्लाक के पाथरी गोंदियापाल, बांसपानी चेराकुर मार्ग में कपारी नाला में 18 मीटर स्पान पुलियॉ एवं 1.40 किमी. सडक़ निर्माण करने का निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिया गया था। छत्तीसगढ़ ग्रामीण सडक़ विकास अभिकरण द्वारा विशेष केन्द्रीय सहायता मद की एक करोड़ 20 लाख रूपए की राषि से उक्त पुलिया और एप्रोच रोड़ का निर्माण कराया गया है। वर्तमान में पाथरी गोंदियापाल, बांसपानी चेराकुर मार्ग में कपारी नाला में पुलियॉ एवं सडक़ निर्माण कार्य कराये जाने से ग्राम वासियों को अस्पताल, स्कूल, हाट-बाजार, ऑगनबाड़ी, उचित मूल्य की दुकान इत्यादि से संबंधित मूलभूत सुविधॉए उपलब्ध हो रही है। पुल एवं सडक़ का निर्माण होने से ग्रामीणों को 10 किलोमीटर की जगह 1.50 किमी. दुरी तय करके अपने दैनिक उपयोग हेतु हाट-बाजार, खाद्य सामग्री आसानी से कम समय में उपलब्ध हो जाती है एवं आवागन की सुविधा भी सुलभ हो गई है।
रायपुर, 28 दिसंबर। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कराने के लिए राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा के सभागार में बैठक आयोजित की गई। बैठक में समग्र शिक्षा कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए योजना तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई।
बैठक में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा की भूमिका और जिम्मेदारी के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई। कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों के मध्य खेल और सांस्कृतिक, साहित्यिक गतिविधियां, व्यवसायिक शिक्षा, बालिका शिक्षा, समग्र शिक्षा का सतत मूल्यांकन, आंगनवाड़ी और प्राथमिक स्कूलों में समन्वय, स्कूल पुस्तकालय में विभिन्न भाषाओं का शिक्षण, समावेशी शिक्षा, स्कूल परिसर और स्कूल परिसर के बाहर स्कूल से बाहर के बच्चों का शत-प्रतिशत विद्यालय में प्रवेश और शाला प्रबंधन समिति के संबंध में स्कूल के डेटाबेस की जानकारी और उपयोग के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। बैठक में आईसीटी और डिजिटल शिक्षा के संबंध में स्कूलों से संसाधन और सुदृढ़ीकरण की लॉन्ग टर्म एजुकेशन प्लानिंग तथा गणितीय शिक्षा के संबंध में शिक्षकों के पुरस्कार और स्कूलों की ग्रेडिंग के संबंध में बच्चों की गुणवत्ता परक शिक्षा तथा बच्चों का आकलन जैसे विषयों को किस प्रकार जिम्मेदारी पूर्वक पूर्ण किया जाए इस संबंध में अधिकारियों कर्मचारियों को जानकारी दी गई।
इस अवसर पर समग्र शिक्षा के संयुक्त संचालक संजीव श्रीवास्तव उपसंचालक डी. कौशिक सहायक संचालक, डॉ. एम. सुधीश सहित समग्र शिक्षा के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 28 दिसंबर। कांग्रेस के 136 वेें स्थापना दिवस पर शहर जिला कांग्रेस ने यहां गांधी मैदान स्थित कांग्रेस भवन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की फोटो पर माल्यार्पण कर शहर में एक पदयात्रा निकाली। इस दौरान आयोजित संगोष्ठी में कांग्रेस नेताओं ने कांग्रेस के देशहित में किए गए कार्योंं एवं संघर्षों को याद किया।
शहर अध्यक्ष गिरीश दुबे, ग्रामीण अध्यक्ष उधोराम वर्मा द्वारा ध्वजारोहण के बाद यहां मिठाइयां बांटी गई। वहीं डॉ. खूबचंद बघेल ब्लॉक द्वारा सुंदर नगर चौक से लाखेनगर तक पदयात्रा निकाली गई, जिसमें राज्यसभा सांसद छाया वर्मा, करुणा शुक्ल, सुभाष शर्मा, कन्हैया अग्रवाल, प्रमोद चौबे, शहर अध्यक्ष गिरीश दुबे, आकाश शर्मा प्रमुख रूप से शामिल हुए। सदर बाजार ब्लॉक कांग्रेस ने बांसटाल से एवं गुरू घासीदास ब्लॉक ने मरीन ड्राइव में पदयात्रा निकाली।
कांग्रेस स्थापना दिवस पर सरदार वल्लभ भाई पटेल वार्ड के रामकुंड में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कांग्रेस ने हेसटेग सेल्फी विथ तिरंगा नामक अभियान भी चलाया, जिसमें कार्यकर्ताओं ने तिरंगे के साथ फोटो खींचकर सोशल मीडिया में शेयर किया।
इस दौरान जी श्रीनिवास, शब्बिर खान, दिनेश ठाकुर, दिब्यकिशोर निहाल प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
अपंजीकृत कारखानों पर कार्रवाई के निर्देश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 27 दिसंबर। श्रम कल्याण मंडल की हुई बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। श्रम कल्याण मंडल अध्यक्ष शफी अहमद ने मंडल के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने श्रमिकों की सुविधाओं के लिए सभी जिलों में श्रम भवन और ज्यादा फैक्ट्रियों वाले जिलों में श्रमिक डोरमेट्री बनाने के निर्देश, सूरजपुर में दाल भात और सिलाई सेंटर खोले जाएंगे।
श्री अहमद ने अभिदाय वसूली की धीमी गति और जिलेवार फैक्ट्रियों तथा श्रमिकों का पंजीयन की जानकारी संतोषजनक नही होने से नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने श्रम कल्याण निरीक्षकों को 10 जनवरी तक जानकारी आवश्यक प्रगति न होने पर कड़ी कार्यवाही की चेतावनी दी है। श्री अहमद ने बताया अब तक श्रम कल्याण मंडल के पास स्वयं का भवन नहीं था। बजट में रायपुर के मुख्य कार्यालय भवन के लिए एक करोड़ 30 लाख और सभी जिलों में श्रम भवन एवं ज्यादा श्रमिक संख्या वाले जिलों में डोरमेट्री के लिए 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि श्रम कल्याण निरीक्षकों को सभी फैक्ट्रियों का निरीक्षण कर अभिदाय वसूली तेज करने, वास्तविक संख्या में श्रमिकों का पंजीयन कराने तथा अपंजीकृत कारखानों पर नियमानुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
इस दौरान कार्य की प्रगति चेक करने जांच कमेटी बनाकर रेंडम जांच की जाएगी और लापरवाह निरीक्षकों पर सेवा से पृथक करने की कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि सभी संभाग मुख्यालय में श्रम कल्याण मंडल का उप कार्यालय राज्य शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। शीघ्र ही श्रमिक बस्तियों में श्रमिकों के साथ बैठक कर योजनाओं की जानकारी दी जाएगी और उनकी समस्याओं का निराकरण किया जाएगा। साथ ही सुझाव भी लिए जाएंगे। श्री शफी अहमद ने बताया कि कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की जा रही है। बैठक में श्रम कल्याण निरीक्षकों सहित श्रम कल्याण मंडल के सभी कर्मचारी अधिकारी उपस्थित थे।
रायपुर, 27 दिसम्बर। पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, रायपुर में कोविड-19 की पहचान के लिए अब तक दो लाख से अधिक सैंपलों की आरटीपीसीआर जांच की जा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के विशेष सचिव डॉ. सी.आर. प्रसन्ना ने बताया कि 25 दिसम्बर तक रायपुर मेडिकल कॉलेज में दो लाख एक हजार 979 सैंपलों की जांच की गई है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण की पुष्टि के लिए आरटीपीसीआर सबसे विश्वसनीय और सटीक जांच है। राज्य में भी इसकी पहचान के लिए अधिक से अधिक सैंपलों की आरटीपीसीआर जांच पर जोर दिया जा रहा है।
रायपुर मेडिकल कॉलेज के वायरोलॉजी लैब में इस साल 14 अप्रैल से 22 सैंपलों के साथ आरटीपीसीआर जांच की शुरूआत हुई थी। लॉक-डाउन के उस दौर में कन्ज्युमेबल्स एवं अन्य संसाधनों की दिक्कतों के बीच राज्य शासन ने इस लैब को शुरू किया था। इसे शुरू करने स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव के मार्गदर्शन में भारत सरकार, आईसीएमआर और विभिन्न राज्यों से मदद और समन्वय के लिए अलग-अलग मोर्चे पर करीब 20 अधिकारी-कर्मचारी दिन रात काम कर कर रहे थे। सैंपलों की जांच के दौरान लैब में कार्यरत साइंटिस्ट, लैब टेक्नीशियन और माइक्रोबायोलॉजिस्ट सहित कुल आठ लोग संक्रमित भी हो चुके हैं। इसके बावजूद यहां की टीम पूरी तत्परता और समर्पण से सैंपलों की जांच में लगी हुई है।
मात्र 22 सैंपलों की जांच से शुरू रायपुर मेडिकल कॉलेज के इस लैब में अभी रोजाना 1500 सैंपलों की जांच हो रही है। अभी यहां रायपुर, धमतरी, बलौदाबाजार और गरियाबंद से प्राप्त सैंपलों की आरटीपीसीआर जांच की जा रही है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 27 दिसंबर। राष्ट्र निर्माण एवं नीति निर्धारण में युवाओं की भूमिका सुनिश्चित करने के उद्येश्य से युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा नेहरू युवा केन्द्र के माध्यम से जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल यूथ पार्लियामेन्ट फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में दुर्ग में ‘राष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता‘का आयोजन 28 दिसंबर को सुबह 11 बजे से वर्चुअल माध्यम से किया जाएगा।
उक्त प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु 18 से 25 वर्ष तक के इच्छुक युवा एवं युवतियां जिले के नेहरू युवा केन्द्र रायपुर (छग) के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। भारत सरकार द्वारा निर्धारत विषय में से प्रतिभागी किसी एक विषय पर अधिकतम 4 मिनट में अपनी बात रखेंगे। जिला-स्तर पर सर्वश्रेष्ठ दो वक्ताओं का चयन किया जाएगा, जिसमें से प्रभम स्थान प्राप्त प्रतिभागी राज्य-स्तरीय युवा संसद एवं राज्य स्तर पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त प्रतिभागी को नई दिल्ली में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय युवा संसद में सह-भागिता का अवसर प्राप्त होगा।
राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव प्रतियोगिता 12-13 जनवरी को संसद भवन के सेन्ट्रल हॉल में आयोजित होगी। प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार 2 लाख, द्वितीय पुरस्कार 1.5 लाख एवं तृतीय पुरस्कार 1 लाख रूपये है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 27 दिसंबर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा एक नवंबर 2020 को प्रदेश के 14 नगर निगमों में मोबाइल मेडिकल यूनिट का शुभारंभ किए जाने बाद अब तक 2134 शिविर लगाए गए हैं। इन शिविरों में अब तक एक लाख 14 हजार 320 से अधिक मरीजों का स्वास्थ्य जांच कर उनका आवश्यक उपचार किया गया है। मेडिकल मोबाइल यूनिट के संचालन से स्लम क्षेत्र के लोगों को काफी राहत मिली है।
रायपुर में सबसे अधिक 628 शिविर में 32482 मरीज लाभान्वित हुए है और कोरबा में 219 कैंप में 10577, बिलासपुर में 184 कैंप में 13741, दुर्ग, भिलाई, रिसाली तथा भिलाई चरौदा में कुल 480 कैंप में 24,997 और राजनांदगांव में 184 शिविर में 8,351 मरीज लाभान्वित हुए हैं। इन कैंपों में लगभग 30 हजार मरीजों की पैथोलॉजी जांच भी की गई है।
गौरतलब है कि प्रदेश के नगरीय निकायों के स्लम क्षेत्रों में निवासरत लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का अभाव होने के कारण कई प्रकार की मौसमी एवं अन्य बीमारियां फैलने की आशंका रहती है। इन बस्तियों में निवासरत लोगों और उनके आश्रित वृद्धजनों, बच्चों को अस्पताल ले जाने एवं इलाज कराने में कई बार अस्पताल में लंबी लाईन होने के कारण, मजदूर उस दिन कार्य पर नहीं जा पाते है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान भी होता है। मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से लोगों को सुबह-शाम घर पहुंच स्वास्थ्य सुविधा सहजता से उपलब्ध हो रही है।
मोबाइल मेडिकल यूनिट में अत्याधुनिक जांच की मशीनें भी लगी हुई है। इन मशीनों से बीपी, शुगर, खून जांच, पेशाब की जांच मौके पर ही की जा रही है। सर्दी, बुखार की दवाईयों के साथ-साथ बीपी शुगर जैसे बीमारियों की नियमित जांच के साथ दवाइयां भी मुफ्त में दी जा रही है। इलाज की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाईन भी किया गया है। मॉनिटरिंग हेतु सी.सी.टी.व्ही. तथा स्वास्थ्य संबंधी जानकारियों के प्रचार-प्रसार के लिए टीवी, प्रोजेक्टर और मुनादी हेतु साउण्ड सिस्टम भी लगाए गए है।
शुभारंभ के साथ ही यह मोबाइल मेडिकल यूनिट स्लम इलाकों में नियमित रूप से पहुंच रही है। कैंप के माध्यम से आसपास के लोगों का स्वास्थ्य जांच करने के अलाव बीमारी दूर करने दवांए भी दी जा रही है। मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना से झुग्गी इलाकों में रहने वाले गरीब परिवारों का नि:शुल्क में घर के पास ही आसानी से इलाज हो रहा है।
दाई-दीदी क्लीनिक से 5 हजार से अधिक महिलाओं का हुआ इलाज
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती के दिन 19 नवम्बर को प्रदेश की महिलाओं के लिए शुरू की गई देश में अपने आप में अनूठी दाई दीदी क्लीनिक का भी बहुत अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। दाई-दीदी क्लीनिक की सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि इसमें महिला चिकित्सकों के माध्यम से ही महिलाओं को नि:शुल्क उपचार मिल रहा है। अभी तक पांच हजार से अधिक महिलाओं ने दाई दीदी क्लीनिक के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया है।
दाई-दीदी क्लीनिक देश में अपनी तरह का पहला क्लीनिक है, जिसमें केवल महिलाओं का इलाज किया जा रहा है। वर्तमान में इसे रायपुर, दुर्ग-भिलाई और बिलासपुर निगम क्षेत्र में मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है और आगे इसका विस्तार किया जाएगा। संकोच के कारण महिलाएं अपनी बीमारी को खुलकर नहीं बता पाती हैं। इस कारण उनकी बीमारी का सही उपचार नहीं हो पाता।
अब दाई-दीदी क्लीनिक में महिला चिकित्सक और महिला स्टाफ होने से वे नि:संकोच अपना समुचित इलाज करा रहीं हैं। इसमें महिलाओं को नि:शुल्क इलाज की सुविधा मिल रही है। उन्हें अस्पतालों में जाने की जरूरत नहीं पड़ती।
भारत सरकार ने राज्य की भूपेश बघेल सरकार की उपलब्धियों को सराहा
गरीबों को घर देने के लिए 1 जनवरी को प्रधानमंत्री के हाथों मिलेगा पुरस्कार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 27 दिसंबर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के विकास के लिए पिछले दो वर्षों में की गई कोशिशों को राष्ट्रीयस्तर पर लगातार सराहा जा रहा है। इस दौरान प्रदेश सरकार ने गरीबों को घर उपलब्ध कराने, वर्षा और भूजल को सहेजने, पंचायतों का सशक्तिकरण करने, शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार करने, स्वच्छता सुनिश्चित करने, कुपोषण दूर करने, पिछड़े हुए क्षेत्रों का तीव्र विकास करने, सर्वाधिक खाद्यान्न उत्पादित करने, मनरेगा और आजीविका मिशन के तहत रोजगार उपलब्ध कराने, बच्चों से जुड़ी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन करने, ग्राम स्वराज अभियान का क्रियान्वयन करने, बेटियों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने समेत अनेक क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल की हैं।
इन उपलब्धियों के लिए प्रदेश को पुरस्कृत किया गया है। हाल ही में भारत सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत छत्तीसगढ़ में संचालित किए जा रहे ‘मोर जमीन मोर मकान’ मॉडल की सराहना करते हुए, पुरस्कृत करने की घोषणा की है। यह पुरस्कार 01 जनवरी 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों छत्तीसगढ़ को एक वर्चुअल समारोह में प्रदान किया जाएगा। इस तरह इन दो वर्षो की अवधि में राज्य को केंद्र सरकार तथा विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से दो दर्जन से अधिक पुरस्कारों से नवाजा गया है
भारत सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत छत्तीसगढ़ के समावेशी मॉडल मोर जमीन मोर मकान के बेहतर क्रियान्वयन पर बधाई देते हुए इसकी सराहना की है। साथ ही डोंगरगढ़ को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली नगरपालिकाओं की श्रेणी में पुरस्कृत करने की भी घोषणा की गई है। इससे पूर्व नदी-नालों के पुनरुद्धार के लिए किए गए कार्यों के लिए बिलासपुर और जल-संरक्षण कार्यों के लिए सूरजपूर जिले को नेशनल वाटर अवार्ड 2019 के लिए किया चयनित किया गया था।
भारत सरकार आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के तहत छत्तीसगढ़ ने देश के बड़े राज्यों को पछाड़ते हुए देश के स्वच्छतम् राज्य होने का दर्जा प्राप्त कर पुरस्कार हासिल किया था। इसी तरह सर्वाधिक ओडीएफ प्लस गांव के लिए छत्तीसगढ़ को केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के गंदगीमुक्त भारत अभियान के तहत दूसरा पुरस्कार प्राप्त हुआ था।
छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना और अन्य फ्लैगशिप योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए तैयार की गई- मुख्यमंत्री दर्पण वेबसाइट एवं मोबाइल एप को राष्ट्रीय स्तर पर ‘एलिट्स एक्सीलेंस अवार्डस-2020 से नवाजा जा चुका है। छत्तीसगढ़ को यह सम्मान देश के प्रतिष्ठित आईटी संस्थान एलिट्स टेक्नोमीडिया, नई दिल्ली ने ‘डिजिटल इंडिया पहल’ के अंतर्गत प्रदान किया। पंचायतों के सशक्तिकरण और विभागीय योजनाओं को लागू करने में सूचना व संचार तकनीक के प्रभावी उपयोग के लिए छत्तीसगढ़ का चयन भारत सरकार के पंचायतीराज मंत्रालय ने ई-पंचायत पुरस्कार के लिए किया था। पंचायतों के कार्यों में पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही लाने आईसीटी के उपयोग में छत्तीसगढ़ को पूरे देश में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ।
भारत सरकार के पंचायतीराज मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ की तीन ग्राम पंचायतों को अलग-अलग क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्यों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना। बच्चों से जुड़ी योजनाओं और कार्यक्रमों के बेहतरीन क्रियान्वयन के लिए कबीरधाम जिले के कवर्धा विकासखंड के कान्हाभैरा ग्राम पंचायत का चयन बाल मित्र पंचायत पुरस्कार के लिए किया गया। ग्रामसभा के प्रभावी आयोजन और इसके सशक्तिकरण के लिए रायपुर जिले के आरंग विकासखंड के बनचरोदा पंचायत को नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्रामसभा पुरस्कार से नवाजा गया, वहीं कांकेर जिले के चारामा विकासखंड के भिलाई पंचायत को केन्द्रीय पंचायतीराज मंत्रालय द्वारा ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार के लिए चुना गया।
कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया द्वारा छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग को ई-गर्वनेंस अवार्ड से नवाजा गया। वर्ष 2020 की शुरुआत में बेमेतरा जिले को स्वच्छता दर्पण अवार्ड प्राप्त हुआ। यह अवार्ड भारत सरकार, जल शक्ति मंत्रालय, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) नई दिल्ली द्वारा प्रदान किया गया। माह जनवरी 2020 में ही देश के 115 आकांक्षी जिलों में से दन्तेवाड़ा को सुपोषण अभियान में उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए सिल्वर स्कॉच अवार्ड से नवाजा गया। छत्तीसगढ़ को सर्वाधिक खाद्यान्न उत्पादन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मानित किया।
मनरेगा, आजीविका मिशन, आवास योजना और पीएमजीएसवाई में उत्कृष्ट कार्यों के लिए छत्तीसगढ़ को 22 पुरस्कारों से नवाजा गया। प्रदेश को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की विभिन्न श्रेणियों में नौ, मनेरगा में सात, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) में पांच और प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए एक पुरस्कार से नवाजा गया। इनमें राज्य स्तर पर दिए जाने वाले 13, जिला स्तर पर दिए जाने वाले तीन, विकासखंड को एक और ग्राम पंचायतों को मिले चार पुरस्कार शामिल हैं। धान की दुर्लभ किस्मों के संरक्षण के लिए छत्तीसगढ़ के आदर्श महिला समूह को पादप जीनोम सेवियर पुरस्कार से नवाजा गया। भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण द्वारा यह राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2019 के तहत दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण के सामान्य श्रेणी में छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के जनपद पंचायत नगरी और कबीरधाम जिले के जनपद पंचायत सहसपुर लोहारा को उक्त सम्मान से नवाजा गया। पंचायत सशक्तिकरण के लिए बेहतरीन कार्य करने पर कांकेर जिले को छत्तीसगढ़ राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर सम्मानित किया गया।
राष्ट्रीय पंचायत अवार्ड 2019 के तहत प्रदेश के 11 जिला, जनपद और ग्राम पंचायतों को राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया। योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और ग्रामसभाओं के सार्थक आयोजन और उत्कृष्ट कार्यों के लिए पंचायतों को ये पुरस्कार दिया गया। भारत सरकार के पंचायतीराज मंत्रालय द्वारा बीजापुर जिले के भैरमगढ़ विकासखंड के कुटरु ग्राम पंचायत को वर्ष 2019 के बाल मित्र ग्राम पंचायत पुरस्कार के लिए चुना गया। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अन्तर्गत कांकेर जिले को स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने व महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए सम्मानित किया गया। लिंगानुपात में निरंतर वृद्धि के लिए रायगढ़ जिला राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हुआ।
मुख्यमंत्री श्री बघेल को बी.पी. मण्डल सामाजिक न्याय रत्न से सम्मानित करते हुए उनका अभिनंदन किया गया। श्री बघेल को छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण बढ़ाने के फैसले के लिए उन्हें यह सम्मान प्रदान किया गया। पोषण अभियान में उल्लेखनीय कार्य के लिए पांच राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए। छत्तीसगढ़ ने दो श्रेणियों के तहत उत्कृष्टता पुरस्कारों में दूसरा स्थान हासिल किया। राज्य को आईसीडीएस-सीएएस कार्यान्वयन और क्षमता निर्माण, अभिसरण,व्यवहार परिवर्तन और सामुदायिक जुटाव श्रेणियों में दूसरा स्थान प्राप्त करने पर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। छत्तीसगढ़ को जिला, ब्लॉक और पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, एएनएम स्तर पर तीन पुरस्कार और नेतृत्व एवं अभिसरण के लिए एलएस स्तर भी मिला।
राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 की रैकिंग में पहला स्थान पाने पर छत्तीसगढ़ को देश का सबसे स्वच्छ राज्य होने का सम्मान मिला । अम्बिकापुर शहर को देशभर में दूसरा और भिलाई नगर को 11 वां स्थान मिला। स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में बेहतर सुधार के फलस्वरुप कोण्डागांव जिले ने देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया। ओवरऑल रैंकिंग में देश भर के महत्वाकांक्षी जिलों में मिला दूसरे स्थान पर रहा। समूचे भारत में छत्तीसगढ़ ही इकलौता ऐसा राज्य है, जिसे राष्ट्रीय मतदाता दिवस (25 जनवरी) के अवसर पर पुरस्कारों की विभिन्न श्रेणियों में देश में पहली बार सर्वाधिक चार राष्ट्रीय पुरस्कार मिले। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान में उत्कृष्ट प्रदर्शन पर रायगढ़ जिले को मिला राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुआ। छत्तीसगढ़ की तीन आंगनबाडी़ कार्यकर्ताओं को आंगनबाडी़ सेवाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।