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शेनझोउ-12 कैप्सूल ने अपने लॉन्ग मार्च 2F नाम के रॉकेट के ज़रिए सफलतापूर्वक उड़ान भरी.Image caption: शेनझोउ-12 कैप्सूल ने अपने लॉन्ग मार्च 2F नाम के रॉकेट के ज़रिए सफलतापूर्वक उड़ान भरी.
चीन ने तीन अंतरिक्ष यात्रियों को अपने एक नए स्पेस स्टेशन की ओर रवाना कर दिया है.
नी हैशेंग, लियू बोमिंग और टैंग होंगबो - पृथ्वी से लगभग 380 किमी ऊपर, अंतरिक्ष में बनाए गए तियानहे मॉड्यूल पर तीन महीने बिताएंगे.
यह चीन का अब तक का सबसे लंबा मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन होगा.
गुरुवार को चीन के शेनझोउ-12 कैप्सूल ने अपने लॉन्ग मार्च 2F नाम के रॉकेट के ज़रिए सफलतापूर्वक उड़ान भरी.
ये उड़ान गोबी रेगिस्तान में जिउक्वान उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से आज सुबह भरी गई है. ये प्रक्षेपण अंतरिक्ष रिसर्च में चीन के बढ़ते आत्मविश्वास और क्षमता का एक और नमूना पेश करता है.
पिछले छह महीनों में चीन चांद की सतह से चट्टान और मिट्टी के नमूने भी लाया है. इसके अलावा मंगल पर उसने छह पहियों वाला एक रोबोट उतारा है. ये दोनों ही बहुत जटिल और चुनौतीपूर्ण मिशन थे जिन्हें चीन ने बख़ूबी पूरा किया है.
स्पेस में करेंगे क्या?
कमांडर नी हैशेंग और उनकी दो साथियों के स्पेस मिशन का पहला मक़सद साढ़े बाइस टन के तियानहे मोड्यूल को रिपेयर करना होगा.
नी हैशेंग ने मिशन से पहले कहा था, "हम अंतरिक्ष में अपना नया घर स्थापित करेंगे और वहां नई तकनीकों का परीक्षण करेंगे. इसलिए ये मिशन कठिन और चुनौतीपूर्ण है. मेरा मानना है कि हम तीनों एक साथ मिलकर काम करके इन चुनौतियों को दूर कर सकते हैं. हमें पूरा यक़ीन है कि हम इस मिशन सफल होंगे.” (bbc.com)