अंतरराष्ट्रीय

गाजा पर हमला करने वाले इजरायली दस्ते में गुजरात की नित्शा भी: अत्याधुनिक हथियार चलाने में ट्रेंड, कई भाषाओं की जानकार भी
18-Jun-2021 8:33 AM
गाजा पर हमला करने वाले इजरायली दस्ते में गुजरात की नित्शा भी: अत्याधुनिक हथियार चलाने में ट्रेंड, कई भाषाओं की जानकार भी

नेफ्ताली बेनेट के इजरायल का प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार मंगलवार (15 जून 2021) को सेना ने गाजा पट्टी पर हवाई हमला किया। इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने इस हमले को अंजाम देने के लिए जो टीम चुनी थी उसमें भारतीय मूल की गुजराती लड़की 20 वर्षीय नित्शा मुलियाशा भी शामिल थीं। वह आईडीएफ की बहादुर रंगरूटों में से एक हैं।

तेल अवीव में बसा नित्शा का परिवार मूल रूप से राजकोट के मनावदार तहसील को कोठाड़ी गाँव का रहने वाला है। इजरायल में कुल 45 गुजराती परिवार हैं, जिनमें से अधिकांश हीरा कंपनियों में काम करते हैं। नित्शा इजरायली सेना में शामिल होने वाली पहली गुजराती लड़की हैं।

अहमदाबाद मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, नित्शा के पिता जीवाभाई मुलियाशा ने बताया है कि इजरायली शिक्षा प्रणाली एक बच्चे के अंदर लीडरशिप की क्वालिटी डेवलप करती है। एक सिक्योरिटी कंपनी चलाने वाले जीवाभाई कहते हैं कि स्कूली शिक्षा बच्चों की योग्यता और स्किल की परीक्षा करने के लिए टेस्ट सीरीज तैयार करती है, जिससे उन्हें एक उपयुक्त पाठ्यक्रम और करियर चुनने में मदद मिलती है।

नित्शा के पिता ने कहा कि इज़रायल में 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों के लिए सैन्य सेवा में भर्ती अनिवार्य है। नित्शा को दो साल पहले आईडीएफ ने चुना था। अपनी ड्यूटी के दौरान उसे सेना के वाहनों के साथ घूमना पड़ता है और लोकेशन बदलते रहना पड़ता है। नित्शा पिछले दो साल में लेबनान, सीरिया, जॉर्डन और मिस्र की सीमा पर तैनात रह चुकी हैं। मौजूदा समय में नित्शा गश डैन में तैनात हैं, क्योंकि इजरायली सेनाएँ पलटवार कर रही हैं।

नित्शा के पिता ने बताया कि सामान्यतया वह दिन में 8 घंटे काम करती हैं, लेकिन इस तरह के समय में 24 घंटे या उससे अधिक भी काम करना पड़ता है। नित्शा के कैरियर की पसंद उनके परिवार को गौरवान्वित करती है, लेकिन वो उसे याद भी बहुत करते हैं। जीवाभाई ने कहा, “नित्शा अपनी सर्विस के लिए पूरी तरह से समर्पित है। अगर वह आसपास होती है तो हम सप्ताह के अंत में उससे मिल भी लेते हैं, लेकिन कभी-कभी तो महीनों बीत जाते हैं।”

अत्याधुनिक हथियारों के इस्तेमाल में ट्रेंड हैं निशा
नित्शा के पिता बताते हैं कि उसने बैटलफील्ड में इस्तेमाल होने वाले अधिकांश अत्याधुनिक हथियारों और बहुआयामी युद्धाभ्यास की ट्रेनिंग ली है। नित्शा के पिता ने बताया, “एक बार सेना में 2.4 साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद, उन्हें 5 या 10 साल का एक अग्रीमेंट साइन करना होगा, जिसके बाद उन्हें इंजीनियरिंग, मेडिसिन या अपनी मर्जी का कोर्स करने की इजाजत होगी। नित्शा की पढ़ाई का पूरा खर्च इजरायल की सेना उठाएगी।”

कई भाषाएँ जानती हैं नित्शा
इजरायल में रहने वाली नित्शा का कोई भारतीय मित्र नहीं है। उनके पिता ने बताया कि वह अंग्रेजी, हिंदी, गुजराती, हिब्रू और स्पेनिश की अच्छी जानकार हैं। नित्शा ने कई बार भारत की यात्रा की है। भारत के लिए ये उनका प्यार ही है जो हर तीन साल में उन्हें उनके गृहनगर खींच लाता है।

रिपोर्ट के मुताबिक, जीवाभाई का परिवार तेल अवीव में पाँच-बेडरूम वाले एक शानदार घर में रहता है। इसमें रॉकेट या अपरंपरागत हथियारों के हमले का सामना करने के लिए ब्लास्ट-प्रूफ खिड़कियों के साथ तहखाने में एक सुरक्षित कमरा भी है। गाजा से लगातार मिसाइल हमले की धमकी के बाद पिछले कुछ महीनों से परिवार सुरक्षित कमरे में ज्यादा समय बिता रहा है।
 
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उनकी पत्नी अंजलीबेन ने अपनी पिछली इज़रायल की यात्रा के दौरान जीवाभाई के घर का दौरा किया था और परिवार के साथ दोपहर का भोजन किया था। (hindi.opindia.com)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news