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नवजोत सिंह सिद्धू की नई मुश्किल, पंजाब के कांग्रेस सांसद पार्टी नेतृत्व से मिल करेंगे उनका विरोध
18-Jul-2021 12:18 PM
नवजोत सिंह सिद्धू की नई मुश्किल, पंजाब के कांग्रेस सांसद पार्टी नेतृत्व से मिल करेंगे उनका विरोध

नई दिल्ली, 18 जुलाई : पंजाब कांग्रेस में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह बनाम नवजोत सिंह सिद्धू की जंग तेज हो गई है. सूत्रों का कहना है कि पंजाब के कांग्रेस सांसद आज पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करने वाले हैं और नवजोत सिद्धू को प्रदेश बनाए जाने का विरोध करने वाले हैं. पंजाब से कांग्रेस के सभी लोकसभा और राज्यसभा सांसद आज दिल्ली में पार्टी सांसद प्रताप सिंह बाजवा के आवास पर पहले मिलेंगे. बाजवा ने भी नई दिल्ली में कहा है कि उन्होंने पंजाब के सभी (कांग्रेस) सांसदों को किसानों के मुद्दे पर रणनीति बनाने और कांग्रेस पार्टी से जुड़े कुछ मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बैठक के लिए आमंत्रित किया है.

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

सूत्रों ने बताया कि पार्टी सांसद कांग्रेस नेतृत्व से नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त नहीं करने का आग्रह करेंगे.

सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पत्नी और पूर्व केंद्रीय मंत्री परिणीत कौर पार्टी सांसदों को इस मुलाकात के लिए प्रेरित कर रही हैं.

सूत्रों ने कहा कि पार्टी में पुराने समय के लोग (नेता) नवजोत सिंह सिद्धू को पदोन्नत करने के केंद्रीय नेतृत्व के फैसले से नाराज हैं, जिन्हें वे "बीजेपी से रिजेक्टेड" कहते हैं.

सीएम अमरिंदर सिंह, कुछ नए लोगों की नियुक्ति के साथ सिद्धू की पदोन्नति के लिए सहमत हो गए थे लेकिन उन्होंने नए पद पर उनकी नियुक्ति से पहले उनसे सार्वजनिक रूप से माफी की मांग करना जारी रखा है.

सिंह ने कहा था कि चुनाव से पहले महत्वपूर्ण निर्णय लेते समय पार्टी नेतृत्व को उन्हें (सिद्धू को) शामिल करना चाहिए

79 वर्षीय कैप्टन ने पार्टी नेतृत्व से यह भी मांग की कि उन्हें अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करने और सिद्धू के तहत कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति में पूरी छूट दी जाए.

सूत्रों ने कहा कि सीएम अमरिंदर सिंह ने सिद्धू से तब तक मिलने से इनकार किया है जब तक कि वह सार्वजनिक रूप से खेद व्यक्त नहीं करते या अपने खिलाफ किए गए ट्वीट के लिए माफी नहीं मांगते.

सूत्रों ने कहा कि सिंह ने कहा कि सिद्धू की नियुक्ति अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी को सत्ता में वापस लाने में मदद करने के उनके प्रयासों का पूरक होना चाहिए.

सूत्रों ने कहा कि अनरिंदर सिंह कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत के साथ कल की बैठक के बाद पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी द्वारा लिए गए किसी भी निर्णय को स्वीकार करने के लिए सहमत हो गए थे. रावत उनसे मिलने के लिए शनिवार को चंडीगढ़ गए थे.

अमरिंदर सिंह और नवजोत सिद्धू के बीच राजनीतिक लड़ाई 2017 में कांग्रेस के पंजाब चुनाव जीतने के बाद से ही चल रही है. इस झगड़े ने अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव में पार्टी को खतरे में डाल दिया है. सिद्धू, जिन्होंने भाजपा छोड़कर 2017 के चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे, सत्ता में एक बड़े हिस्से (उप मुख्यमंत्री पद समेत) की भागीदारी के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन अमरिंदर सिंह ने उनकी हर चाल को अभी तक नाकाम किया है.
 

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