अंतरराष्ट्रीय
ISHARA S. KODIKARA
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के फ़ैसले के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की आलोचना करना मुनासिब नहीं है.
डॉन अख़बार के मुताबिक़, रूस के सरकारी न्यूज़ चैनल को दिए एक इंटरव्यू में इमरान ख़ान ने कहा, "मैं पूरे यक़ीन से नहीं कह सकता कि इस वक़्त अमेरिका की अफ़ग़ानिस्तान को लेकर कोई पुख़्ता नीति है या नहीं और वो क्या करने जा रहे हैं. इसकी वजह यह है कि अफ़ग़ानिस्तान से सेना की वापसी के लिए राष्ट्रपति बाइडन की हद से ज़्यादा आलोचना की गई जो कि मेरी समझ से बिल्कुल भी उचित नहीं है. राष्ट्रपति बाइडन ने जो किया वो बहुत ही समझदारी का फ़ैसला था."
बाइडन का बचाव करते हुए इमरान ख़ान ने कहा, "बाइडन की आलोचना हो रही है कि उन्होंने सैनिकों और लोगों की वापसी की सही से तैयारी नहीं की थी. लेकिन आप वापसी की तैयारी कैसे कर सकते हैं जब इस प्रक्रिया से दो हफ़्ते पहले देश का राष्ट्रपति भाग जाता है और अफ़ग़ानिस्तान की सेना हथियार डाल देती है."
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इसी इंटरव्यू में पाकिस्तान पर तालिबान की मदद के आरोपों का जवाब देते हुए इमरान ख़ान ने कहा कि अगर यह मान लिया जाए कि पाकिस्तान ने अमेरिका के ख़िलाफ़ तालिबान की मदद की तो इसका मतलब यही होगा कि पाकिस्तान अमेरिका और दूसरे यूरोपीय देशों से ज़्यादा ताक़तवर है.
इमरान ने आगे कहा कि क्या पाकिस्तान इतना ताक़तवर है कि उसने मामूली हथियारों से लैस 60-65 हज़ार लड़ाकों को इस क़ाबिल बना दिया कि वो बेहतरीन आधुनिक हथियारों से लैस सेना को हराने में सफल हो गए.
तालिबान की मदद के आरोप को पाकिस्तान के ख़िलाफ़ एक साज़िश क़रार देते हुए इमरान ख़ान ने कहा, "यह हमारे ख़िलाफ़ एक प्रोपगैंडा है जो सबसे पहले अफ़ग़ान सरकार ने शुरू किया ताकि वो अपनी अयोग्यता और भ्रष्टाचार को छुपा सकें. अफ़ग़ान सरकार एक कठपुतली सरकार थी जिसका वहां की अवाम ज़रा भी सम्मान नहीं करती थी."
इमरान ख़ान ने भारत पर निशाना साधते हुए कहा, "भारत ने अशरफ़ ग़नी सरकार में बहुत निवेश किया लेकिन पाकिस्तान के ख़िलाफ़ इस प्रोपगैंडा का कोई तार्किक आधार नहीं है. पाकिस्तान की 22 करोड़ जनता के लिए कुल बजट 50 अरब डॉलर है. यह कैसे संभव है कि हम चरमपंथियों की मदद कर सकते हैं, जो अमेरिका पर हावी हो गए. वो भी एक ऐसी जंग में जहां अमेरिका ने 20 सालों में दो खरब डॉलर झोंक दिए. इसलिए यह सिर्फ़ हमारे ख़िलाफ़ एक दुष्प्रचार है."