राष्ट्रीय

कश्मीर में एक घंटे में तीन आतंकवादी हमले, तीन की मौत
06-Oct-2021 12:49 PM
कश्मीर में एक घंटे में तीन आतंकवादी हमले, तीन की मौत

श्रीनगर और बांदीपुरा में एक घंटे में तीन अलग अलग आतंकवादी हमलों में तीन आम नागरिक मारे गए. पिछले चार दिनों में इस तरह के कम से कम पांच हमले अकेले श्रीनगर में हो चुके हैं.

डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट

हमलों में मारे गए लोगों में श्रीनगर के सबसे जाने माने दवा विक्रेता माखन लाल बिंद्रू, सड़क के किनारे रेहड़ी लगाने वाले वीरेंदर पासवान और एक टैक्सी स्टैंड यूनियन के अध्यक्ष मोहम्मद शफी शामिल हैं.

70 साल के बिंद्रू एक कश्मीरी पंडित थे और श्रीनगर के पुराने निवासी थे. उनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने कश्मीर तब भी नहीं छोड़ा जब वहां आतंकवाद चरम पर था और आतंकवादी विशेष रूप से कश्मीरी पंडितों को निशाना बना रहे थे. उनकी दुकान 'बिंद्रू मेडिकेट' को आसानी से ना मिलने वाली दवाओं की खोज में लगे लोगों की आखिरी उम्मीद माना जाता था.

निशाना बना कर हत्या
आधे घंटे बाद ही हुए दूसरे हमले में आतंकवादियों ने बिहार के भागलपुर के रहने वीरेंदर पासवान को निशाना बनाया जो इलाके में रेहड़ी लगाते थे. तीसरा हमला श्रीनगर से करीब 70 किलोमीटर बांदीपुरा में हुआ और उसमें स्थानीय टैक्सी स्टैंड यूनियन के अध्यक्ष मोहम्मद शफी मारे गए.

पुलिस ने तीनों हमलों की पुष्टि की है लेकिन इनके पीछे किसका हाथ है इस बारे में कुछ नहीं बताया है. मीडिया में आई खबरों में दावा किया जा रहा है कि द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) नाम के संगठन ने इन हमलों की जिम्मेदारी ली है.

टीआरएफ में हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा के ही आतंकवादी शामिल हैं. इसके सरगना को सुरक्षाबलों ने इसी साल मार गिराया था, लेकिन ऐसा लग रहा है कि उसके बाद भी संगठन की गतिविधियां रुकी नहीं हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती समेत कई नेताओं ने इन हमलों की निंदा की.

आतंक का माहौल
यह चार दिनों में कश्मीर में होने वाला छठा हमला है. दो अक्टूबर को भी आतंकवादियों ने दो कश्मीरी नागरिकों माजीद अहमद गोजरी और मोहम्मद शफी दर को एक हमले में मार दिया था. कश्मीर में इसे आतंकवाद की एक नई लहर माना जा रहा है जिसमें अधिकतर आम नागरिकों पर हमले हो रहे हैं.

एक अनुमान के हिसाब से इस साल अभी तक कम से कम 30 लोगों की हत्या इस तरह के हमलों में हो चुकी है जिनमें लोगों को निशाना बना कर मारा गया. सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने लिखा है कि इन हमलों से कश्मीर में 90 के दशक के आतंक की यादें ताजा हो गई हैं.

देखना होगा कि प्रशासन इस स्थिति से निपटने के लिए क्या कदम उठाता है. कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि इन हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों को कानून के सामने लाया जाएगा. (dw.com)
 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news