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रायपुर, 13 दिसंबर। 9 महीने से ऊपरी होंठ और ऊपरी जबड़े के कैंसर से पीड़ित 78 वर्षीय महिला का रामकृष्ण केयर अस्पताल में ऑपरेशन किया गया। अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि महिला ने मुंबई में कैंसर के लिए विशेष माने जाने वाले अस्पताल से लेकर कई बड़े संस्थानों में इलाज के लिए संपर्क किया। लेकिन किसी ने भी उन्हें ऑपरेशन के लिए आश्वस्त नहीं किया। वजह थी उनकी उम्र और एक क्रिटिकल सर्जरी जिसके बिना इलाज संभव नहीं था।
अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि महिला को कुछ जगहों पर यह भी बताया गया कि वह सर्जरी के बाद बेहोशी से बाहर नहीं आ सकती है। तब उन्होनें रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. संदीप दवे से संपर्क किया। डॉ. संदीप दवे (निदेशक), डॉ. सौरभ जैन (कैंसर सर्जन) डॉ. सुभाष साहू (प्लास्टिक सर्जन), डॉ. जावेद परवेज (कार्डियोलॉजिस्ट) और डॉ. सुधा त्रिवेदी (सीनियर एनेस्थेटिस्ट) की टीम ने इस केस पर विस्तारित सोच विचार किया।
अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि टीम ने एक साथ सभी जोखिमों के बारे में बातचीत करने और सभी आवश्यक जांच करवाने के बाद सर्जरी के लिए आगे बढऩे का फैसला किया। डॉ. जैन द्वारा की गई सर्जरी में ऊपरी होंठ और ऊपरी जबड़ा, तालू और दाहिने गाल का हिस्सा सर्जिकली रिमूव किया।
डॉ. साहू ने महिला के बाएं हाथ से फ्लैप लेकर और हाथ की नसों को गले की नसों से जोड़कर सर्जिकल डिफेक्ट का रिकंस्ट्रक्शन किया। डॉ. कुमार और हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. परवेज की अध्यक्षता में एक्सपर्ट क्रिटिकल केयर टीम द्वारा मरीज़ को स्थिर किया गया।
अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि सर्जरी के 6 दिन बाद मरीज़ को डिस्चार्ज कर दिया गया और अब वह अपने घर पर मुंह के माध्यम से पूरी तरह से तरल आहार ले रही हैं। यह महिला अन्य सभी ऐसे रोगियों के लिए एक उदाहरण हैं जो मुंह के कैंसर से पीड़ित हैं और सर्जरी कराने से डरते हैं कि अगर वह इतनी अच्छी तरह से रिकवर हो सकती हैं, तो अन्य रोगी भी सर्जरी से ठीक हो सकते हैं। आइए हम एकजुट हों और मुंह के कैंसर से लड़ें। आप और हम सब मिलकर मुंह के कैंसर का इलाज कर सकते हैं। यह संभव है।