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रायपुर, 3 मई। बैंक ऑफ महाराष्ट्र प्रबंध निदेशक एवं सीईओ निधु सक्सेना ने बताया कि ने निवल ब्याज आय और गैर-ब्याज आय में सुदृढ़ वृद्धि और अपेक्षाकृत लोअर टैक्स प्रावधान के चलते 840 करोड़ की तुलना में 1,218 करोड़ के निवल लाभ के साथ वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही में वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 45 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। बैंक ने वित्तीय वर्ष 24 के लिए 10 अंकित मूल्य के प्रति इक्विटी शेयर पर 1.40 के लाभांश की भी घोषणा की और वित्तीय वर्ष 25 में इक्विटी जारी करने के साथ ही 7,500 करोड़ की पूंजी जुटाने को मंजूरी दी।
श्री सक्सेना ने बताया कि बैंक पिछली लगभग 15 तिमाहियों में प्राप्त किए गए लाभप्रदता और दक्षता मापदंडों को बनाए रखेगा, यद्यपि बैंक का सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बीच अगले एक वर्ष में अपनी रैंकिंग (व्यवसाय के आकार के अनुसार) में एक पायदान की वृद्धि और 2-3 वर्षों में दो पायदान की वृद्धि करने के साथ उल्लेखनीय और महत्वपूर्ण बैंक बनने का लक्ष्य है। समीक्षाधीन तिमाही में निवल ब्याज आय (अर्जित ब्याज और ब्याज व्यय के बीच का अंतर) वर्ष-दर-वर्ष 18 प्रतिशत बढक़र 2,584 करोड़ (एक वर्ष पहले की अवधि में 2,187 करोड़) रही।
श्री सक्सेना ने बताया कि शुल्क-आधारित आय, खजाना आय और बट्टे-खाते डाले गए खातों में वसूली सहित अन्य आय, वर्ष-दर-वर्ष 24 प्रतिशत बढक़र 1,022 करोड़ (822 करोड़) हो गई। जबकि अनर्जक आस्तियों (एनपीए) के लिए प्रावधान वर्ष-दर-वर्ष 16 प्रतिशत घटकर 457 करोड़ (545 करोड़) हो गया, मानक/ पुनर्संरचित आस्तियों के लिए प्रावधान वर्ष-दर-वर्ष 75 प्रतिशत बढक़र 491 करोड़ (280 करोड़) हो गया।