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भुवनेश्वर, 18 दिसंबर। कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (कीस) और कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (कीट) ने नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट (एनजीएमए), संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के साथ एक करार किया है। अब से भारत सरकार के साथ मिलकर कीट और कीस आदिवासी कला, शिल्प, कहानियों और संस्कृति को अनुसंधान और प्रलेखन, समकालीन कलाकृतियों की प्रदर्शनियों, संगोष्ठियों, सम्मेलनों और जनजातीय कारीगरों के आदान-प्रदान के जरिए संरक्षित, सुरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए संयुक्त रूप से काम करेंगे।
इस कार्यक्रम के तहत, एनजीएमए ने कीट और कीस के साथ मिलकर आज़ादी का अमृत महोत्सव और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम नायकों के वीर जीवन और संघर्ष का जश्न मनाने के लिए छह दिवसीय मेगा आर्टिस्ट वर्कशॉप -कला कुंभ कीस में आयोजित किया गया। यह कार्यशाला भारत में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम या जो 12 से 17 दिसंबर चला। यह कार्यशाला अद्वैत गडनायक, महानिदेशक की प्रत्यक्ष देखरेख में चल रही है। इसका उद्देश्य रचनात्मक रूप से भारत के स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्रीय गौरव की विरासत 75 मीटर की 5 स्क्रॉल पर प्रदर्शित करना है, जो गणतंत्र दिवस समारोह 2022 का एक अभिन्न अंग बनी।
श्री गडनायक ने बताया कि कार्यशाला संस्कृति मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के बीच एक अद्वितीय सहयोग का प्रतीक है और इसी तरह की कार्यशालाएं देश के अन्य हिस्सों में भी आयोजित की गई। इसका उद्देश्य भारत के विविध भौगोलिक स्थानों पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्वदेशी और समकालीन दृश्य कला प्रथाओं की हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया गया। भारत के संविधान में रचनात्मक दृष्टांतों से भी प्रेरणा ली जाएगी, जिसमें नंदलाल बोस और उनकी टीम द्वारा चित्रित कलात्मक तत्वों ने एक विशिष्ट अपील प्रदान की है। यह भारत की सामाजिक-सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक पहचान के बारे में प्रगतिशील सभी का एक अवतार होगा, जिसका लक्ष्य बड़े पैमाने पर प्रमुखता से प्रतिनिधित्व करना है।
ओडिशा, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, उत्तर-पूर्व और आंध्र प्रदेश सहित पूरे भारत के कलाकार कला के स्वदेशी रूपों जैसे पट्टचित्र, तालपत्र चित्र, मंजुसा, मधुबनी और जादूपतुआ को दर्शाते हुए कलात्मक अभिव्यक्तियों के साथ भाग ले रहे हैं। इस दौरान कलाकारों के लिए आवास और परिवहन सुविधाएं प्रदान किया गया है।
संस्थापक डॉ अच्युत सामंत ने खुशी व्यक्त करते हुए बताया कि यह ओडिशा के लिए गर्व की बात है कि इस तरह की एक मेगा कलात्मक कार्यशाला आयोजित की गई है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में शामिल होना सौभाग्य की बात है। डॉ सामंत ने इस कार्यक्रम को आयोजित करने की पहल के लिए श्री गडनायक ने धन्यवाद दिया। हर्षवद्र्धन शर्मा, अध्यक्ष, सलाहकार समिति, एनजीएमए प्रतिष्ठित कलाकार रामहारी जेना और वेजायंत दास भी समन्वयक और सलाहकार हैं।