अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका के एक शीर्ष जनरल ने कहा है कि लद्दाख में भारत से लगती सीमा के पास चीन के कुछ रक्षा बुनियादी ढांचे स्थापित करना 'चिंताजनक' है और 'आंख खोलने वाली' हैं.
अंग्रेज़ी अख़बार द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, भारत के दौरे पर आए अमेरिकी सेना के प्रशांत क्षेत्र के कमांडिंग जनरल चार्ल्स ए. फ्लिन ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, "मेरा मानना है कि चीन की गतिविधि चिंताजनक हैं. मुझे लगता है कि कुछ पश्चिमी थिएटर कमांड में कुछ बुनियादी ढांचे का निर्माण चिंताजनक है."
हालाँकि उन्होंने ये भी कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अस्थिर करने वाला और दबाव बढ़ाने वाले व्यवहार से चीन को कोई मदद नहीं मिलेगी. फ्लिन ने कहा कि जब कोई चीन के सैन्य शस्त्रागार को देखता है, तो उसे यह सवाल पूछना चाहिए कि इसकी ज़रूरत क्यों है.
चीनी सेना की पश्चिमी थिएटर कमान भारत की सीमा से लगी है.
भारत और चीन की सेना के बीच साल 2020 से ही पूर्वी लद्दाख में तनावपूर्ण संबंध बने हुए हैं. उस समय पेंगोंग त्सो क्षेत्रों में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी.
भारत और चीन के बीच सैन्य और कूटनीतिक वार्ताओं के संबंध में अमेरिकी जनरल ने कहा, "मुझे लगता है कि वार्ता मदद करेगी लेकिन यहाँ व्यवहार भी मायने रखना है. तो मेरा मानना है कि वो (चीन) जो कह रहा है वो अलग बात है लेकिन जो वो जिस तरह का व्यवहार कर रहा है वो चिंताजनक है और इससे सबको चिंतित होना चाहिए."
भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख विवाद को सुलझाने के लिए अब तक 15 दौर की सैन्य वार्ता की है.
दोनों पक्षों के बीच राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद पैंगोंग त्सो के उत्तर और दक्षिणी तट और गोगरा से सैनिकों को हटा लिया गया था. (bbc.com)