अंतरराष्ट्रीय
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि जब उन्हें पता चला कि उनके ख़िलाफ़ साज़िश रची जा रही है, तो उन्होंने 'न्यूट्रल्स' से कहा था कि अगर इस साज़िश को कामयाब होने दिया गया, तो मुल्क की अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी.
पत्रकार आफ़ताब इक़बाल के साथ बातचीत में उन्होंने अर्थव्यवस्था, संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ संबंध और पार्टी की आंतरिक राजनीति सहित कई मुद्दों पर चर्चा की.
इमरान ख़ान ने स्पष्ट रूप से पाकिस्तानी सेना की ओर इशारा करते हुए कहा, "मैंने तटस्थ लोगों से कहा था कि हमने बड़ी मुश्किल से अर्थव्यवस्था को संभाला है."
उन्होंने कहा कि उनके शासन काल में पहले कोरोना वायरस आया, फिर बिजली की क़ीमतों में वृद्धि हुई और उसके बाद आर्थिक स्थिति कमज़ोर हुई.
इमरान ख़ान ने कहा कि उन्होंने अपने वित्त मंत्री शौकत तरीन को भी ये समझाने के लिए भेजा था कि अगर आप इस साज़िश को सफल होने देंगे तो ये सब बिखर जाएगा और फिर आप इसे संभाल नहीं पाएँगे.
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से एक दिन पहले इमरान ख़ान रूस के दौरे पर थे, जिसके लिए उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. इस यात्रा का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि रूस ऐसा क़दम उठा सकता है.
इमरान ख़ान ने कहा कि उन्होंने सोचा था कि आजकल ऐसी कोई जंग नहीं लड़ी जाएगी. इमरान ख़ान ने कहा कि हमें तेल, गैस और गेहूं ख़रीदने के लिए रूस की ज़रूरत थी, जबकि सेना को भी उनसे सामान ख़रीदना था.
एक सवाल के जवाब में इमरान ख़ान ने कहा कि अमेरिका के साथ हमेशा अच्छे संबंध होने चाहिए, लेकिन अच्छे रिश्ते और ग़ुलामी में फ़र्क होता है.
उन्होंने कहा कि अमेरिका एक विश्व शक्ति है, पाकिस्तान वहाँ सबसे ज़्यादा निर्यात करता है, पाकिस्तान के कुछ सबसे अमीर लोग अमेरिका में रहते हैं और अमेरिका हमसे ग़ुलामी चाहता है.
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि जो अमेरिका के हित के लिए खड़ा होता है, अमेरिका उसको अहमियत देता है. यही वजह है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने उन्हें सम्मानित किया था.
लेकिन इमरान खान ने कहा कि अमेरिका हमें ग़ुलाम बनाने की कोशिश कर रहा है ताकि हम रूस न जाएँ और वो हमें सहारा दे. इमरान खान ने कहा कि तीन घंटे की बैठक के बाद पुतिन ने उन्हें समझाया कि उन्होंने हमला क्यों किया. उन्होंने कहा कि अमेरिका और रूस के अपने-अपने बयानों के संदर्भ में पाकिस्तान को तटस्थ रहना चाहिए. (bbc.com)