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कंजरवेटिव पार्टी का नेता और ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री बनने के लिए अब ऋषि सुनक और लिज़ ट्रस के बीच सीधा मुक़ाबला होगा. कंजरवेटिव सांसदों के बीच हुए अंतिम दौर के मतदान में ये फ़ैसला हुआ.
पांचवें दौर के मतदान में ऋषि सुनक को सबसे अधिक 137 वोट मिले हैं, जबकि लिज़ ट्रस को 113 वोट मिले. वहीं तीसरे नंबर पर पेनी मोर्डेंट को 105 मत मिले हैं. इस तरह मर्डोन्ट इस रेस से बाहर हो गईं.
इससे पहले मंगलवार को हुए चौथे दौर के मतदान में सुनक को 118 वोट तो लिज़ ट्रस को 86 वोट मिले थे.
अब दोनों ही उम्मीदवारों के बीच 25 जुलाई को बीबीसी पर आमने-सामने की बहस होगी. साथ ही देश भर में कंजरवेटिव पार्टी के 1.6 लाख सदस्यों के बीच पोस्टल बैलेट के ज़रिए वोट करवाया जाएगा और 5 सितंबर को नए प्रधानमंत्री की घोषणा की जाएगी.
ऋषि सुनक की कैंपेन टीम ने बुधवार को मिली जीत का जश्न मनाते हुए कहा है, "सांसदों से मिले स्पष्ट बहुमत के चलते वास्तव में यह मजबूत नतीज़ा है. वो अब कंजर्वेटिव पार्टी के परिवार से लेबर पार्टी को हराने, यूनियन की रक्षा करने और BREXIT के बाद मिले अवसरों को लपकने के लिए बहुमत हासिल करने को रात-दिन काम करेंगे.''
इसमें कहा गया, ''पार्टी के सदस्यों के लिए पीएम उम्मीदवार का चुनाव बहुत आसान है. वो ये कि अगले चुनाव में लेबर पार्टी को हराने के लिए सबसे अच्छा इंसान कौन है? और वो ऋषि सुनक ही हैं."
वहीं, लिज़ ट्रस ने पार्टी के सांसदों को समर्थन देने के लिए धन्यवाद कहा है. उन्होंने कहा, ''आपका मुझमें यक़ीन रखने के लिए शुक्रिया. मैं पहले दिन से इसके लिए तैयार थी.''
पेनी मोर्डेंट ने सुनक और ट्रस को बधाई दी है.
वहीं पेनी मोर्डेंट के समर्थकों में से एक माइकल फैब्रिकेंट ने कहा है कि वे अब लिज़ ट्रस का समर्थन करेंगे. उन्होंने कहा कि वे अंत तक वफादार बनी रही और बोरिस जॉनसन के ख़िलाफ़ कोई साज़िश नहीं की.
ऋषि सुनक भारत के विख्यात उद्योगपति और इंफ़ोसिस कंपनी के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति के दामाद हैं. उन्होंने अक्षता मूर्ति से साल 2009 शादी की थी.
ऋषि सुनक, बोरिस जॉनसन कैबिनेट में वित्त मंत्री थे. उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद देश की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने का वादा किया है.
2015 से सुनक यॉर्कशर के रिचमंड से कंज़र्वेटिव सांसद चुने गए थे. वो नॉर्दलर्टन शहर के बाहर कर्बी सिग्स्टन में रहते हैं. उनके पिता एक डॉक्टर थे और माँ फ़ार्मासिस्ट थीं. भारतीय मूल के उनके परिजन पूर्वी अफ़्रीका से ब्रिटेन आए थे.
1980 में सुनक का जन्म हैंपशर के साउथहैम्टन में हुआ था और उनकी पढ़ाई ख़ास प्राइवेट स्कूल विंचेस्टर कॉलेज में हुई. इसके बाद वो ऑक्सफ़ोर्ड पढ़ाई के लिए गए, जहाँ उन्होंने दर्शन, राजनीति और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की. ब्रिटेन के महत्वाकांक्षी राजनेताओं के लिए ये सबसे आज़माया हुआ और विश्वसनीय रास्ता है.
उन्होंने स्टैनफ़ोर्ड विश्वविद्यालय में एमबीए की पढ़ाई भी की. राजनीति में दाख़िल होने से पहले उन्होंने इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स में काम किया और एक निवेश फ़र्म को भी स्थापित किया. ऋषि और अक्षता की दो बेटियां हैं.
सुनक ने यूरोपियन यूनियन को लेकर हुए जनमत संग्रह में इसे छोड़ने के पक्ष में प्रचार किया और उनके संसदीय क्षेत्र में यूरोपियन यूनियन छोड़ने के पक्ष में 55 फ़ीसदी लोगों ने मतदान किया था.
जुलाई 2019 में जॉनसन को सुनक ने वित्त मंत्रालय सौंपा था. इससे पहले वो जनवरी 2018 से जुलाई 2019 तक आवास, समुदाय और स्थानीय सरकार मंत्रालय में संसदीय अवर सचिव थे.
ऋषि सुनक कह चुके हैं कि उनकी एशियाई पहचान उनके लिए मायने रखती है. उन्होंने कहा था, "मैं पहली पीढ़ी का आप्रवासी हूँ. मेरे परिजन यहाँ आए थे, तो आपको उस पीढ़ी के लोग मिले हैं जो यहाँ पैदा हुए, उनके परिजन यहाँ पैदा नहीं हुए थे और वे इस देश में अपनी ज़िंदगी बनाने आए थे."
अपनी पत्नी के कर मामलों पर विवाद और लॉकडाउन नियमों के उल्लंघन के लिए जुर्माना लगने से उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची. ऋषि सुनक, बोरिस जॉनसन कैबिनेट छोड़ने वाले सबसे पहले कैबिनेट मंत्रियों में से एक थे.
द गार्डियन न्यूज़ वेबसाइट पर छपे एक लेख के मुताबिक़ पिछले महीने के विश्वास मत में बोरिस जॉनसन का समर्थन करने वाले टोरी सांसदों की संख्या की सटीक भविष्यवाणी करने वाले प्रोफेसर ने ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री के नाम को लेकर बयान दिया है.
लिवरपूल विश्वविद्यालय में ब्रिटिश राजनीति पढ़ाने वाले जोनाथन टोंगे ने कहा कि मुझे लगता है कि ऋषि सुनक अगले प्रधानमंत्री होंगे. उन्होंने कहा कि ये चुनाव 51/49 का रहेगा, क्योंकि लिज़ ट्रस को भी पार्टी से सदस्यों का अच्छा ख़ासा समर्थन हासिल है.
प्रधानमंत्री की रेस में उन्होंने तत्काल कर कटौती, राष्ट्रीय बीमा में वृद्धि को वापस लेने की घोषणा की थी.
लिज़ ट्रस को बोरिस जॉनसन के वफ़ादार संस्कृति सचिव नादिन डोरिस और जैकब रिस-मोग, सुएला ब्रेवरमैन सहित अन्य लोगों का समर्थन हासिल हैं. वर्तमान में लिज़ ट्रस ब्रिटेन की विदेश मंत्री हैं.
लिज़ ट्रस विदेश मंत्री बनने वाली दूसरी महिला हैं, जिन्हें ईरान से नाजनीन जगारी-रैटक्लिफ की रिहाई करवाने का श्रेय दिया जाता है. वे पहली बार साल 2010 में दक्षिण पश्चिम नॉरफ़ॉक के सांसद के रूप में चुनी गई थी.
साल 2014 में कंजर्वेटिव कॉन्फ्रेंस में पनीर के आयात करने पर भाषण देने के लिए उनका मज़ाक उड़ाया गया था. (bbc.com)