अंतरराष्ट्रीय
अफ़गानिस्तान की राजधानी काबुल में एक मस्जिद में हुए ज़ोरदार धमाके से कई लोगों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है.
ये धमाका बुधवार को शाम की नमाज़ के समय हुआ. एक गैर-सरकारी संगठन के अनुसार धमाके में कम से कम तीन लोग मारे जा चुके हैं और दर्जन भर से अधिक घायल हुए हैं.
बीबीसी की पश्तो सेवा के अनुसार कुछ अपुष्ट रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि धमाके से 20 लोग मारे गए हैं और 40 से अधिक घायल हुए हैं. हालाँकि, अभी तक इस आकंड़े की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है.
काबुल में तालिबान के पुलिस के प्रवक्ता खालिद ज़दरान के हवाले से स्थानीय मीडिया ने बताया कि शहर के उत्तर-पश्चिमी इलाके में धमाका हुआ है.
कुछ रिपोर्ट में ये भी बताया जा रहा है कि सिद्दीक़ी मस्जिद के इमाम भी धमाके में मारे गए हैं.
हालाँकि, अभी तक ये नहीं पता लग सका है कि धमाके के पीछे किसका हाथ है. एक सप्ताह पहले ही काबुल में एक तालिबान समर्थक मौलाना की आत्मघाती हमले में मौत हो गई थी. इस हमले की ज़िम्मेदार इस्लामिक स्टेट ने ली थी.
काबुल में काम करने वाले इतालवी एनजीओ 'इमरजेंसी' ने बताया कि अभी तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है.
एनजीओ ने एक ट्वीट में जानकारी दी कि उन्हें धमाके में घायल 27 लोग मिले हैं, जिनमें पांच बच्चे भी शामिल हैं.
वहीं, तालिबान के एक ख़ुफ़िया अधिकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि अभी तक धमाके में कम से कम 35 लोग घायल हुए हैं या मारे गए हैं. ये आंकड़ा बढ़ने की आशंका है.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार धमाका इतना ज़ोरदार था कि आसपास की इमारतों की खिड़कियां तक टूट गईं.
एक अधिकारी ने पहचान न बताने की शर्त पर कहा कि धमाका काबुल के खैर खाना इलाके की मस्जिद में हुआ. ख़ुफ़िया टीमें धमाके की जगह पहुँच गई हैं और जाँच जारी है. (bbc.com)