अंतरराष्ट्रीय
Twitter/Raza Zaidi
पाकिस्तान की दिग्गज गायिका और ‘बुलबुल-ए-पाकिस्तान’ के नाम से मशहूर नय्यरा नूर का शनिवार और रविवार की दरम्यानी रात में निधन हो गया है. वे 71 साल की थीं.
उनके परिवार के एक सदस्य रज़ा ज़ैदी ने उनके निधन की पुष्टि करते हुए ट्विटर पर लिखा है, ‘‘मैं भारी मन से अपनी प्यारी ताई नय्यरा नूर के निधन का एलान करता हूं. उनकी आत्मा को शांति मिले. सुरीली आवाज़ के चलते उन्हें ‘बुलबुल-ए-पाकिस्तान’ के सम्मान से नवाज़ा गया था.’’
उन्हें साहित्य, कला, विज्ञान, खेल क्षेत्र के सर्वोच्च सम्मान ‘तमग़ा-ए-हसन कारकुर्दगी’ यानी 'प्राइड ऑफ़ ऑनर’ से भी नवाज़ा गया. इसके अलावा और भी कई सम्मान नय्यरा नूर को मिल चुका है.
तेरा साया जहां भी हो सजना, पलक बिछा दूं, मुझे दिल से ना भुलाना, चाहे रोके ज़माना, टूट गया सपना, इतना भी ना चाहो मुझे, तू ही बता, पगली पवन, वतन की मिट्टी गवाह रहना, ऐ जज़्बा-ए-दिल, जैसे गीत दशकों से भारत और पाकिस्तान के लाखों प्रशंसकों की ज़बान पर रहे हैं.
उन्होंने पाकिस्तान की कई फ़िल्मों के साथ-साथ कई ग़ज़लें भी गाईं. (bbc.com)