अंतरराष्ट्रीय
नकदी के संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) की तरफ़ से बहुत बड़ी राहत मिली है. आईएमएफ़ पाकिस्तान को 1.2 अरब डॉलर का कर्ज़ देने के लिए तैयार हो गया है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने अपनी सरकार की ओर से देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की दिशा में इस कर्ज़ को एक बड़ा क़दम बताया है.
आर्थिक मुश्किलों से जूझता पाकिस्तान अभी बाढ़ की गंभीर चुनौती का भी सामना कर रहा है. मॉनसून की बारिश के बाद लगभग एक तिहाई पाकिस्तान पानी में डूबा हुआ है जिसका खेती पर गंभीर असर पड़ेगा.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, पाकिस्तान को आईएमएफ़ से मिल रहे इस 1.2 अरब डॉलर के राहत पैकेज के तहत सातवीं और आठवीं किस्त जल्द ही जारी की जाएगी. इस मदद के बाद पाकिस्तान पर लंबे समय से मंडरा रहा डिफॉल्टर होने का ख़तरा कुछ समय के लिए टल गया है.
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ़्ता इस्माइल ने आईएमफ़ से राहत दिलाने में मदद करने के लिए चीन, सऊदी अरब, क़तर और यूएई का शुक्रिया कहा है.
पाकिस्तान और आईएमएफ़ ने 2019 में छह अरब डॉलर का समझौता किया था लेकिन जनवरी 2020 में ये कार्यक्रम अटक गया. आईएमएफ़ ने कर्ज़ की नई किस्त जारी करने के लिए ईंधन की कीमतें बढ़ाने सहित कुछ शर्तें पाकिस्तान के सामने रखी थीं.
पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खाली हो चुका है और अब उसके पास केवल एक महीने का आयात-निर्यात करने जितनी ही विदेशी मुद्रा बची है. देश में महंगाई आसमान छूती जा रही है.