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-कीर्ति दुबे
नई दिल्ली, 30 सितंबर। अबॉर्शन या गर्भावस्था को खत्म करना... कई देशों में ये हमेशा वाद-विवाद का विषय रहा है. हाल ही में, अमेरिका में गर्भपात के ख़िलाफ़ वहां के सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आया था जिसे लेकर अमेरिका में विरोध प्रदर्शन हुए और दुनिया भर में चर्चा.
अमेरिका में आए फ़ैसले को रूढ़िवादी और महिलाओं के अधिकार के ख़िलाफ़ बताया गया लेकिन भारत में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर ना सिर्फ़ स्पष्टता दी है बल्कि सुरक्षित गर्भपात के अधिकार के दायरे को भी बढ़ाया है.
सुप्रीम कोर्ट ने सभी महिलाओं को सुरक्षित और क़ानूनी गर्भपात का अधिकार देते हुए कहा है कि अविवाहित महिलाएं भी 24 हफ़्ते तक की गर्भावस्था को ख़त्म करवा सकती हैं.
कोर्ट ने ये भी कहा कि वैवाहिक जीवन में पति के ज़बरन शारीरिक संबंध बनाने की वजह से हुई गर्भावस्था भी एमटीपी एक्ट यानी मेडिकल टर्मिनेशन प्रेग्नेंसी क़ानून के दायरे में आती है. (bbc.com/hindi)