अंतरराष्ट्रीय

सऊदी क्राउन प्रिंस को मिली छूट पर अमेरिका ने दिया नरेंद्र मोदी का उदाहरण
20-Nov-2022 10:51 AM
सऊदी क्राउन प्रिंस को मिली छूट पर अमेरिका ने दिया नरेंद्र मोदी का उदाहरण

अमेरिका की जो बाइडन सरकार की सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान को कानूनी प्रक्रिया से छूट देने की आलोचना के बाद अमेरिकी विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा है कि इससे पहले नरेंद्र मोदी समेत दूसरे राष्ट्राध्यक्षों को इसी तरह की इम्यूनिटी दी गई है.

शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक पत्रकार ने सवाल किया कि क्या दूसरे राष्ट्राध्यक्षों को भी ऐसी ही इम्यूनिटी मिलेगी. इसके जवाब में विभाग के प्रिंसिपल डिप्टी प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा, "ये पहली बार नहीं है जब अमेरिका ऐसा कर रहा है. ये बहुत पहले से और लगातार होता आया है."

उन्होंने कहा कि इम्यूनिटी पहले भी कई राष्ट्राध्यक्षों की दी जा चुकी है. उन्होंने कहा, "कुछ उदाहरण हैं. 1993 में हैती के राष्ट्रपति अरिस्टाइड, ज़िम्बाब्वे के राष्ट्रपति मुगाबे को 2001 में, 2014 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, 2018 में डीआरसी के राष्ट्रपति कबिला."

उन्होंने कहा, "ये एक आम चलन है कि हम राष्ट्राध्यक्ष, सरकार के प्रमुख और विदेश मंत्रियों को रियायत देते रहे हैं."

इसके बाद उस पत्रकार ने कहा कि जिन लोगों को पहले छूट दी गई है उनमें से किसी पर भी अमेरिका में रहने वाले किसी व्यक्ति की हत्या का आरोप नहीं था.

इसके जवाब में प्रवक्ता ने कहा, "ये इस बारे में नहीं है कि मामला किस तरह का है, न ही ये खाशोज्जी मामले को लेकर हमारी राय बताता है. ये फ़ैसला क्राउन प्रिंस के कानूनी पद और सरकार में उनकी भूमिका से जुड़ा है."

नरेंद्र मोदी पर लगा था वीज़ा बैन
साल 2005 में अमेरिका ने नरेंद्र मोदी पर वीज़ा बैन लगाया था. वो उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे. उन पर 2002 के गुजरात दंगों के कारण वीज़ा पर बैन लगाया था. 2014 में उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद ये बैन हटाया गया.

बाइडन सरकार ने गुरुवार को कहा था कि मोहम्मद बिन सलमान को वहां दायर कानूनी याचिकाओं से सुरक्षा दी जाएगी. खाशोज्जी की पत्नी ने इसकी तुरंत आलोचना की.

क्या है ख़ाशोज्जी का मामला?
ख़ाशोज्जी अमेरिकी अख़बार 'वॉशिंगटन पोस्ट' के पत्रकार थे और आख़िरी बार उन्हें 2 अक्टूबर 2018 को इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्य दूतावास में देखा गया था.

रिपोर्ट्स के मुताबिक़ उनके शव के टुकड़े करके इमारत से बाहर भेजा गया और कुछ भी नहीं मिला.

हत्या के कुछ सप्ताह बाद रियाद में एक निवेश सम्मेलन में क्राउन प्रिंस ने इसे एक जघन्य अपराध और दुखद घटना करार दिया था और ज़िम्मेदार लोगों को न्याय के दायरे में लाने का वादा किया था.

सितंबर 2019 में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने सार्वजनिक तौर पत्रकार जमाल ख़ाशोज्जी की हत्या की ज़िम्मेदारी ली.

मोहम्मद बिन सलमान ने कहा है कि वो पिछले साल सऊदी एजेंटों द्वारा की गई ख़ाशोज्जी की हत्या की ज़िम्मेदारी लेते हैं क्योंकि इसे उनके रहते ही अंजाम दिया गया.

क्राउन प्रिंस ने ये बातें ख़ाशोज्जी की हत्या के एक साल पूरा होने से पहले एक अक्टूबर को प्रसारित होने जा रही डॉक्युमेंट्री में कही थीं.

उन्होंने पीबीएस के मार्टिन स्मिथ से कहा, "यह मेरे रहते हुआ. मैं इसकी पूरी जिम्मेदारी लेता हूं क्योंकि यह मेरे रहते हुआ."

इस डॉक्यूमेंट्री का नाम 'द क्राउन प्रिंस ऑफ़ सऊदी अरेबिया' है.

इससे पहले सऊदी के अधिकारी ने जमाल ख़ाशोज्जी की हत्या के लिए दूसरों को ज़िम्मेदार ठहराया था. (bbc.com/hindi)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news