ताजा खबर

नेपाल विमान हादसा: विमान का ब्लैक बॉक्स मिला, पता चलेगी हादसे की वजह?
16-Jan-2023 12:58 PM
नेपाल विमान हादसा: विमान का ब्लैक बॉक्स मिला, पता चलेगी हादसे की वजह?

नेपाल, 16 जनवरी ।  नेपाल के पोखरा हवाई अड्डे के क़रीब रविवार को एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
    हादसे की जगह से अब तक 68 शव बाहर निकाले गए हैं.
    72 सीटों वाले इस विमान में 68 यात्री और चालक दल के चार सदस्य थे सवार.
    विमान में पांच भारतीय नागरिक भी सवार थे.
    विमान में नेपाल के 53, रूस के चार, कोरिया के दो और आयरलैंड, अर्जेन्टीना, ऑस्ट्रेलिया और फ़्रांस के एक-एक यात्री सवार थे.
    नेपाल सरकार ने हादसे की जांच के लिए एक समिति बनाई है.
नेपाल के पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास हुए विमान हादसे की जांच के लिए गठित की गई जांच समिति दुर्घटनाग्रस्त हुए यती एयरलाइंस के विमान का ब्लैक बॉक्स के मिलने का इंतज़ार कर रही थी, जो सोमवार की सुबह मिल गया है. ब्लैक बॉक्स दुर्घटना स्थल पर मिला.

नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के प्रवक्ता जगन्नाथ निरौला ने बताया कि हादसे का शिकार हुए यती एयरलाइंस के विमान के मलबे में ब्लैकबॉक्स मिला है.

उन्होंने कहा, ''विमान का ब्लैक बॉक्स मिल गया है. विमान का पिछला हिस्सा कल नहीं मिल पाया था, लेकिन सोमवार को उसे ढूंढ लिया गया. ''

इसे विमान हादसे की वजह का पता लगाने में मदद मिलेगी.
अधिकारियों ने बताया कि बचावकर्मी रविवार देर रात तक हादसे में लापता लोगों की तलाश करते रहे, अब तक 68 लोगों के शव बाहर निकाले जा चुके हैं. चार शवों को ढूंढने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.
ब्लैक बॉक्स विमान के पिछले हिस्से में लगा होता है.

जांच समिति के सदस्य सचिव बुद्धिसागर लामिछाने ने बीबीसी नेपाली सेवा से कहा, "ब्लैक बॉक्स बताता है कि हादसे से पहले विमान किस स्थिति में था, विमान के किस हिस्से का क्या संकेत था. क्या हादसा अचानक हुई किसी गड़बड़ी के कारण हुआ? ब्लैक बॉक्स से पता चलेगा कि दुर्घटना के लिए बाहरी कारक ज़िम्मेदार थे या ये आंतरिक कारणों से हुआ."

लामिछाने का कहना है कि विमान के ब्लैक बॉक्स में फ़्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर दोनों होंगे, ऐसे में यह जांच में काफ़ी अहम होगा.

नेपाल में हुए विमान हादसे के बीच ये जानने की कोशिश करते हैं कि ब्लैक बॉक्स क्या होता है और ये किस तरह काम करता है.
नारंगी रंग का 'ब्लैक बॉक्स'
ब्लैक बॉक्स एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो किसी विमान के पिछले हिस्से में लगा रहता है. विमान दुर्घटना की स्थिति में ये उपकरण बहुत महत्वपू्र्ण होता है.

ख़ास बात ये है कि ब्लैक बॉक्स असल में काले रंग का नहीं होता है. ये गहरे नारंगी रंग का होता है.

इसे नारंगी रंग का इसलिए बनाया जाता है ताकि विमान दुर्घटना की स्थिति में झाड़ियों या कहीं धूल-मिट्टी में गिरने पर भी ये दूर से दिख जाए.

एक दर्जन से अधिक विमान दुर्घटनाओं की जांच में शामिल रहे एयरोनॉटिकल इंजीनियर रतीशचंद्र लाल सुमन ने बीबीसी नेपाली सेवा से बातचीत में कहा, "इसे विमान के पिछले हिस्से में इसलिए लगाया जाता है क्योंकि दुर्घटना की स्थिति में ये सबसे कम क्षतिग्रस्त होने वाला हिस्सा होता है."

आमतौर पर ब्लैक बॉक्स के दो हिस्से होते हैं- फ़्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर. हालांकि, सभी विमानों में ये दो हिस्से हों, ज़रूरी नहीं.

ब्लैक बॉक्स को इस तरह से बनाया जाता है कि ये अत्याधिक ऊंचे तापमान और गहरे पानी के अंदर भी नष्ट न हो पाए.

ब्लैक बॉक्स से आवाज़ और तरंगें निकलती रहती हैं जिससे गहरे पानी में गिरने के बाद भी इसे ढूंढा जा सकता है.
फ़्लाइट डेटा रिकॉर्डर

इसका काम असल में उड़ान के दौरान विमान की सारी तकनीकी गतिविधियों को रिकॉर्ड करना होता है. इसमें विमान के अन्य उपकरणों की स्थिति, ऊंचाई, दिशा, तापमान, गति, ईंधन की मात्रा, ऑटो-पायलट की स्थित सहित अन्य जानकारी रिकॉर्ड होती है.

रतीशचंद्र सुमन ने कहा, "अगर कोई उपकरण काम नहीं कर रहा है, तो उसे फ़्लाइट डेटा रिकॉर्डर के ज़रिए नोट कर लिया जाता है और उससे विमान के तकनीकी पहलुओं का विश्लेषण किया जाता है."

लेकिन कुछ छोटे और दो इंजन वाले विमानों में ये नहीं होता है. बीते साल दुर्घटनाग्रस्त होने वाले तारा एयर के विमान में ये उपकरण नहीं था.
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर

इस डिवाइस में आमतौर पर 25 घंटे की रिकॉर्डिंग अवधि होती है. इस डिवाइस में चार चैनल होते हैं, जो चार जगहों की वॉयस रिकॉर्ड करते हैं.

रतीशचंद्र सुमन के मुताबिक़, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में पायलट, कॉकपिट, टावर से कम्युनिकेशन और पैसेंजर अनाउंसर की आवाज़ें रिकॉर्ड होती हैं.

किसी दुर्घटना की जांच के दौरान, इसमें रिकॉर्ड हुई आवाज़ों को सुनकर विश्लेषण किया जाता है.

सुमन कहते हैं, "पायलट ने क्या कहा, उसने क्या सुना, क्या कुछ ग़लत था, उसने को-पायलट को सूचित किया या नहीं, यात्रियों और टावर की आवाज़ सुनने के बाद हमें बहुत कुछ पता चल जाएगा."
पहले जाना पड़ता था विदेश

नेपाल के पुराने हवाई जहाज़ों में ऐसी आवाज़ें मैग्नेटिक टेप पर रिकॉर्ड की जाती थीं और सुनने के लिए विदेश जाना पड़ता था.

नागरिक उड्डयन प्राधिकरण की हवाई दुर्घटना जांच शाखा में लंबे समय तक काम करने वाले इंजीनियर सुमन ने कहा कि वो साल 1992 में कॉकनी में दुर्घटनाग्रस्त हुए थाई एयर विमान के सीवीआर के साथ कनाडा गए थे.

उन्होंने कहा, "मैं ख़ुद ब्लैक बॉक्स लेकर कनाडा और फ़्रांस गया हूं, लेकिन अब ज़्यादातर काम नेपाल में होता है."

जांच समिति के सदस्य सचिव लामिछाने ने कहा कि नेपाल में ब्लैक बॉक्स का विश्लेषण किया जाएगा, लेकिन फ़्लाइट डेटा रिकॉर्डर के अध्ययन के लिए कुछ विदेशी विशेषज्ञों की मदद भी ली जाएगी.

लामिछाने ने कहा कि ब्लैक बॉक्स ने कई हवाई दुर्घटनाओं में सच्चाई का पता लगाने में मदद की, जिसमें काठमांडू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रनवे पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ तुर्की के विमान और काठमांडू हवाई अड्डे पर उतरते समय दुर्घटनाग्रस्त हुआ यूएस बांग्ला एयर भी शामिल है. (bbc.com/hindi)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news