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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 जनवरी। संपत्तिकर और यूजर चार्ज की हो रही वसूली से राजधानी के असंख्य परिवार त्रस्त हैं। बताया गया कि 10-15 हजार रुपए मासिक में जीविका चलाने वाले परिवारों को 68 से 98 हजार रूपए तक, कर चुकाना पड़ रहा है। जो कभी 4-5 हजार तक पटाया करते थे। चौबे कॉलोनी के पार्षद अमर बंसल ने इस वसूली को डकैती करार दिया है।
बंसल ने कहा कि नगर-निगम के राजस्व अमले की इस वसूली की कहीं कोई सुनवाई नहीं है। इस वसूली के लिए निगम की ओर से न तो कोई आदेश जारी किया गया है और न ही सरकार की ओर से अधिसूचना। इतनी भारी रकम का टैक्स वाउचर देखकर घर मालिकों के माथे पर बल पड़ रहे हैं। आपत्ति करने पर एक ही जवाब मिलता है कम्प्यूटर में जो एंट्री है उतना ही लिया जा रहा है। ऐसे सैकड़ों लोग अपने पार्षद के पास दौड़ लगा रहे है तो कुछ पार्षद, महापौर के उपकार तले दबे होने से कुछ नहीं कह-कर पा रहे तो कांग्रेस के पार्षद दलीय अनुशासन की वजह से चुप्पी साथे हुए हैं और वार्डवासी परेशान हाल घूम रहे। अंतत: टैक्स पटाना ही पड़ रहा है। क्योंकि निगम के अधिकारी बिना यूजर्स चार्ज के संपत्ति कर लेने से सीधे मना कर रहे हैं।
बता दें कि कांग्रेस ने चुनावी घोषणा पत्र में संपत्ति कर हाफ यूजर्स चार्ज माफ का वादा किया था। महापौर एजाज ढेबर ने भी वसूली बंद करने की बात कही थी लेकिन यह बोली, आदेश में न बदलने से निगम अमला टैक्स रेवेन्यू बढ़ाने वसूली कर रहा है।
एक अन्य पार्षद ने बताया कि जो पिछले वर्ष तक 5 हजार रुपए पटाता था उसे 90 हजार, 15 हजार वाल को 68 हजार, 4 हजार पटाने वाले को 98 हजार रुपए के टैक्स वाउचर दिए जा रहे हैं। इतनी बड़ी रकम, आखिर 15 हजार के वेतन का घर कहां से पटाएगा। अपने लोगों की इन्हीं दिक्कतों को देखते हुए एक पार्षद ने इन दिनों सोशल मीडिया कैपेन शुरू किया है।
उनका कहना है कि संपत्ति कर हाफ, यूजर्स चार्ज माफ का वादा केवल धोखा है। इस नाम से डकैती हो रही। लेकिन यह भी तय है कि रायपुर की जनता इस डकैती को कभी नहीं भूलेगी।