ताजा खबर
रायपुर, 16 जनवरी। चुनावी वर्ष शुरू होते ही शराबबंदी के अपने वादे पर सरकार ने हलचल बढ़ा दी है। सरकार ने अब शराबबंदी के असर के अध्ययन के लिए गठित समिति ने राज्यों का दौरा करने का फैसला किया है। पहले उन राज्यों में जाएगी जहां अभी शराबबंदी लागू है। कमेटी के अध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि, 21 जनवरी को 7 सदस्य टीम गुजरात जाएंगे।समिति में कुंवर सिंह निषाद, एसपी सिंह और जागेश्वर यादव सहित दस सदस्य हैं।
इस पर चर्चा में श्री शर्मा ने कहा, मोदी सरकार ने वन नेशन, वन राशन कार्ड बनाया है।उसी तरह से पूरे देश में शराबबंदी कर दें। जिससे किसी भी राज्य में इल्लीगल तरीके से जहरीली शराब का उपयोग ना हो।
वहीं विधायक सत्यनारायण शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि, शराबबंदी सामाजिक बुराई है, इसको सारे लोग स्वीकार भी करते हैं. जिस घर में शराब हो वह घर कंगाल है, इसके बाद भी लोग शराब पीते हैं. दुर्भाग्य की बात है. इसके लिए जन जागरण के माध्यम से समस्या का समाधान किया जा सकता है. इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है, जिसमें 10 सदस्य हैं. भारतीय जनता पार्टी को हमने कहा कि 2 नाम विधायक का दे दें, उन्होंने 2 नाम नहीं दिए. ताकि एक साथ विचार विमर्श कर सामूहिक रूप से निर्णय लिया जा सके।
कमेटी पहले गुजरात फिर बिहार दौरे पर जाएगी।वहां क्या परिस्थिति है उसका अध्ययन करेंगे। इसका मूल जो निराकरण निकलेगा, जन जागरण के माध्यम से होगा। यह एक ट्राइबल एरिया है, वहां कैसे करेंगे दिक्कत वाली बात यह भी आ रही है।इसमें कई जटिलताएं हैं।वही वरिष्ठ विधायक शर्मा ने सवाल उठाते हुए कहा कि, रमन सिंह 15 साल मुख्यमंत्री रहे अपने कार्यकाल में शराबबंदी क्यों नहीं की? मध्यप्रदेश में उनकी सरकार है, वहां क्यों शराबबंदी नहीं कर लेते? पूरे देश में एक साथ शराबबंदी हो तब इसका बेनिफिट आम जनता को मिलेगा. शराब की इल्लीगल तस्करी नहीं होगी. गुजरात में मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले से शराब की तस्करी हो रही है. क्या कोई दावे से कह सकता है कि, गुजरात में शराब उपलब्ध नहीं है. हर जगह शराब उपलब्ध है. यह एक सामाजिक बुराई है इसको एक साथ समाप्त किया जा सकता है.