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मंगलवार को आई एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने अपने निजी स्टाफ़ के आठ सदस्यों को 20 समितियों का सदस्य बनाया है. ये समितियां राज्यसभा के तहत काम करती हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि ये जानकारी राज्यसभा के सचिवालय से जारी किए गए एक आदेश में सामने आई है.
कांग्रेस सासंद मनीष तिवारी ने इस पर ट्वीट करते हुए लिखा, "उपराष्ट्रपति काउंसिल ऑफ स्टेट का पदेन अध्यक्ष होता है, वह उपसभापति की तरह या उप सभापति के पैनल की तरह सदन का सदस्य नहीं होता. वह आख़िर कैसे अपने निजी स्टाफ़ को संसंद की स्थायी समिति में नियुक्त कर सकते हैं. यह संस्थागत ढांचे को बर्बाद करने जैसा नहीं है?"
द हिंदू की मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चार सदस्य सभापति के कार्यालय में कर्मचारी हैं और चार उप राष्ट्रपति सचिवालय में काम करते हैं.
इस फ़ैसले की विपक्ष आलोचना कर रहा है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश जो विज्ञान और तकनीक की स्थायी समिति की अध्यक्षता कर रहे हैं उन्होंने इस फ़ैसले को 'हैरान करने वाला' बताया है.
उन्होंने द हिंदू से बात करते हुए कहा, "एक स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप मैं ये नहीं समझ पा रहा हूं कि आखिर इस फ़ैसले के क्या फ़ायदे होंगे." (bbc.com/hindi)