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'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायपुर, 2 जून। शराब घोटाले और मनीलॉन्ड्रिंग केस में सुप्रीम कोर्ट में विफल होने के बाद शुक्रवार को विशेष न्यायालय में भी अनवर ढेबर को कोई राहत नहीं मिली। आज सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत के समक्ष आरोपी आबकारी अफसर एपी त्रिपाठी ने कहा कि ईडी के अफसर छत्तीसगढ़ और झारखंड के सीएम का नाम लेने के लिए दबाव बना रहे हैं।
शराब घोटाला केस में ईडी ने आरोपी त्रिपाठी, अनवर ढेबर और अन्य को अदालत में पेश किया। इस दौरान विशेष न्यायाधीश के समक्ष त्रिपाठी ने अकेले में अपनी बात रखने की अनुमति मांगी। इस पर न्यायाधीश ने कहा कि जो भी कहना है, सबके सामने कहिए, अकेले में बात रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
त्रिपाठी ने सिलसिलेवार केस का ब्यौरा दिया और कहा कि 29 मई को उनके यहां ईडी ने छापेमारी की थी। उन्हें 30 को ईडी दफ्तर ले जाया गया और वहां सिद्दार्थ सिंघानिया और अन्य लोगों के चीखने चिल्लाने की आवाज सुनाई दे रही थी।
इसके बाद 31 मई की सुबह 7 बजे उन्हें घर जाने की अनुमति दी गई और फिर दोपहर 2 बजे फिर बुलाया गया। उन्हें धमकाया गया और पत्नी को बुलाया गया। मैं काफी दहशत में था और मुझे दबावपूर्वक छत्तीसगढ़ के सीएम और उनके बेटे के साथ ही झारखंड के सीएम का नाम लेने के लिए कहा गया। मैं किसी भी भ्रष्टाचार में शामिल नहीं हूँ और किसी का नाम लेने से मना करता रहा, और मेरी पत्नी को भी धमकी दी गई।
त्रिपाठी ने कहा कि वो शारीरिक और मानसिक रूप से पस्त पड़ गया था। फिर उन्हें एक कागज में दस्तखत करने के लिए कहा गया, क्या करता मैंने दस्तखत कर दिए। मुझे पढ़ने तक नहीं दिया गया।
आरोपी अनवर ढेबर ने कहा कि उनके परिवार को बदनाम किया गया है। सीएम का नाम लेने के लिए दबाव बनाया गया है। सौ करोड़ की प्रापर्टी अटैच करने की बात कहा गया है। इसमें से 30 करोड़ की प्रापर्टी से उनके और उनके परिवार का कोई लेना देना नहीं है। 22 करोड़ का होटल है जिसमें 20 करोड़ का लोन है। जो कि 2015 के पहले की है।उन्होंने ईडी पर परिवार को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। अनवर की तरफ से जमानत याचिका लगाई गई है जिस पर 13 जून को सुनवाई होगी।