अंतरराष्ट्रीय
दुनिया के सबसे चर्चित जहाज़ टाइटैनिक का मलबा दिखाने के लिए गहरे समुद्र में ले जाने वाली पनडुब्बी में अब संभवत: दस घंटे से कम की ऑक्सीज़न बची है.
बीते रविवार लापता हुई इस पनडुब्बी की तलाश में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है.
लेकिन अब तक इसकी लोकेशन और इसमें सवार लोगों की स्थिति के बारे में कुछ पता नहीं चल सका है.
माना जा रहा है कि इस पनडुब्बी में अब सिर्फ़ 10 घंटे से कम की ऑक्सीज़न बची है. इस वजह से हर बीतते पल के साथ बचाव अभियान में लगे लोगों के लिए चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं.
कनाडा की मेमोरियल यूनिवर्सिटी से जुड़े हायपरबेरिक मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ केन लेडेज़ ने बीबीसी को बताया है कि पनडुब्बी में सवार लोगों के लिए तेजी से ख़त्म होती ऑक्सीज़न ही एक मात्र संकट नहीं है.
इस बात की आशंका जताई जा रही हैं कि इस पनडुब्बी में बिजली जा सकती है. ये माना जा रहा है कि पनडुब्बी के अंदर बिजली से ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को नियंत्रित किया जाता है.
यही बात जोख़िम को बढ़ा रही है, क्योंकि जैसे जैसे ऑक्सीजन की मात्रा कम होती जाएगी, वैसे वैसे पनडुब्बी में सवार लोगों की ओर से हर सांस के साथ छोड़ी जाती कार्बन डाइ ऑक्साइड पनडुब्बी में पहले से मौजूद कार्बन डाइ ऑक्साइड की मात्रा बढ़ाती जाएगी.
और इससे उनकी ज़िंदगियों के लिए ख़तरा पैदा हो सकता है.
वह कहते हैं, “जैसे-जैसे कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा बढ़ती जाएगी, वैसे वैसे यह एक नशीली गैस जैसी होती जाएगी, यह एक एनेस्थेटिक गैस की तरह काम करेगी और आप सो जाएंगे.”
किसी व्यक्ति के खून में इस गैस की अधिक मात्रा होने की स्थिति को हायपरकेप्निया बताया जाता है. ऐसे में अगर उनका इलाज़ न किया जाए तो उनकी मौत हो सकती है.
इसके साथ ही सर्दी ज़्यादा होने की वजह से पनडुब्बी में सवार लोगों पर हाइपोथर्मिया का शिकार होने का ख़तरा मंडरा रहा है.
इस पनडुब्बी में पाकिस्तानी अरबपति शहज़ादा दाऊद, उनके बेटे सुलेमान, ब्रितानी व्यवसायी हामिश हार्डिंग समेत पांच लोग सवार हैं. (bbc.com/hindi)