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पुतिन ने निजी सेना के सशस्त्र विद्रोह को ‘विश्वासघात’ करार दिया, देश की रक्षा का संकल्प लिया
24-Jun-2023 9:27 PM
पुतिन ने निजी सेना के सशस्त्र विद्रोह को ‘विश्वासघात’ करार दिया, देश की रक्षा का संकल्प लिया

मॉस्को, 24 जून। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने निजी सेना ‘वैग्नर ग्रुप’ के प्रमुख येवेनी प्रीगोझिन द्वारा सशस्त्र विद्रोह की घोषणा को ‘विश्वासघात’ और रूस की ‘पीठ में छुरा घोंपने’ वाला कदम करार दिया।

प्रीगोझिन के लड़ाके यूक्रेन की सीमा पार कर रूस के दक्षिण में महत्वपूर्ण शहर में दाखिल हो चुके हैं। टेलीविजन पर प्रसारित संबोधन में पुतिन ने रूस की रक्षा करने का संकल्प लिया। प्रीगोझिन की इस बगावत को सत्ता में दो दशकों से अधिक समय में पुतिन के नेतृत्व के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया जा रहा है।

ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने खुफिया सूचनाओं का हवाला देते हुए कहा है कि प्रीगोझिन के नेतृत्व वाली निजी सेना मॉस्को से करीब 1,000 किलोमीटर से अधिक दूर दक्षिण में रोस्तोव-ओन-दोन शहर पहुंच चुकी है। इस शहर से रूस यूक्रेन में अपने सैन्य अभियान को संचालित कर रहा है।

रूस में तेजी से बदल रहे घटनाक्रम के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि मॉस्को पूरी तरह कमजोर हो चुका है और कीव यूरोप को ‘‘रूस की बुराइयों और अराजकता के फैलने’’ से बचा रहा है।

अपने संबोधन में, पुतिन ने प्रीगोझिन का नाम लिए बिना उसके विद्रोह को, ‘‘विश्वासघात’’ और ‘‘देशद्रोह’’ करार दिया। उन्होंने यह भी कहा, ‘‘विद्रोह की साजिश रचने वाले सभी लोगों को कठोर सजा भुगतनी होगी। सशस्त्र बलों और अन्य सरकारी एजेंसियों को आवश्यक आदेश जारी कर दिए गए हैं।’’

प्रीगोझिन ने खुद को देशभक्त बताया है। अपने टेलीग्राम चैनल पर ‘वैग्नर ग्रुप’ के प्रमुख प्रीगोझिन ने कहा, ‘‘जहां तक मातृभूमि से विश्वासघात की बात है, तो राष्ट्रपति गलत समझ रहे हैं। हम अपनी मातृभूमि के देशभक्त हैं।’’

प्रीगोझिन ने कहा कि उनके लड़ाके पुतिन के आग्रह पर नहीं लौटेंगे , क्योंकि ‘‘हम नहीं चाहते कि देश भ्रष्टाचार, धोखा और नौकरशाही के चंगुल में फंसा रहे।’’

प्रीगोझिन के लड़ाके यूक्रेन में रूसी सैनिकों के साथ मिलकर लड़ रहे हैं। फिलहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि उनके कदम का उद्देश्य क्या है, लेकिन विद्रोह रूसी सैन्य नेताओं के साथ प्रीगोझिन के टकराव बढ़ने का संकेत है, जिन पर उन्होंने यूक्रेन में युद्ध को विफल करने और क्षेत्र में अपनी सेना को कमजोर करने का आरोप लगाया है। प्रीगोझिन ने कहा, ‘‘यह कोई सैन्य तख्तापलट नहीं है, बल्कि न्याय के लिये अभियान है।’’

प्रीगोझिन ने कहा कि वह और उनके लड़ाके यूक्रेन की सीमा पार करके रूस के रोस्तोव-ओन-दोन शहर में दाखिल हो गए हैं तथा वहां के अहम सैन्य प्रतिष्ठानों को अपने नियंत्रण में ले लिया है। सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए कुछ वीडियो में टैंक सहित सैन्य वाहन सड़कों पर दिखाई दे रहे हैं।

प्रीगोझिन ने दावा किया कि यूक्रेन से रूस में दाखिल होते समय उनकी निजी सेना को जांच चौकियों पर युवा सैनिकों से किसी भी तरह के प्रतिरोध का सामना नहीं करना पड़ा। उन्होंने कहा कि उनके लड़ाके ‘‘बच्चों के खिलाफ नहीं लड़ रहे हैं।’’

सोशल मीडिया पर जारी वीडियो और ऑडियो पोस्ट में प्रीगोझिन ने कहा, ‘‘जो भी हमारे रास्ते में आएगा, हम उसे बर्बाद कर देंगे। हम आगे बढ़ रहे हैं और हम अंतिम छोर तक जाएंगे।’’

पुतिन ने विद्रोह की निंदा की, जो ऐसे समय में हुआ है, जब रूस ‘‘अपने भविष्य के लिए सबसे कठिन लड़ाई लड़ रहा है’’ क्योंकि पश्चिमी देशों की सरकारें मॉस्को पर प्रतिबंध लगा रही हैं और यूक्रेन को हथियार दे रही हैं। पुतिन ने आरोप लगाया, ‘‘पश्चिमी देशों का पूरा सैन्य, आर्थिक और सूचना तंत्र हमारे खिलाफ खड़ा कर दिया गया है।’’

सशस्त्र विद्रोह की घोषणा के बाद, संघीय सुरक्षा सेवा (एफएसबी) समेत रूस की सुरक्षा सेवाएं प्रीगोझिन की गिरफ्तारी के अभियान में जुट गई हैं। रूस ने ‘वैग्नर ग्रुप’ से उत्पन्न खतरे को कितनी गंभीरता से लिया है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अधिकारियों ने मॉस्को और उसके आसपास के क्षेत्रों में ‘आतंकवाद विरोधी शासन’ लागू करने की घोषणा की है, जिसके तहत वहां नागरिकों को हासिल कई अधिकारों को सीमित कर दिया गया है और सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ा दी गई है।

फिलहाल यह साफ नहीं है कि ‘वैग्नर ग्रुप’ के प्रमुख रूसी शहर में कैसे दाखिल हुए और उनके साथ कितने लड़ाके हैं। प्रीगोझिन ने आरोप लगाया कि उनका लक्ष्य रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू को दंडित करना है, क्योंकि रूसी सरकार के सैन्य बलों ने यूक्रेन में वैग्नर के शिविरों पर रॉकेट, हेलीकॉप्टर और तोपों से निशाना बनाने का आदेश दिया। प्रीगोझिन ने कहा कि रक्षा मंत्री शोइगू से मुलाकात के बाद सेना प्रमुख जनरल वेलेरी गेरासिमोव ने यह आदेश दिया था।

प्रीगोझिन ने यह भी दावा किया कि उनकी सेना ने एक रूसी सैन्य हेलीकॉप्टर को मार गिराया, जिसने नागरिकों के एक काफिले पर गोलीबारी की थी। हालांकि, इस दावे की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है। प्रीगोझिन ने कहा कि उनकी निजी सेना में 25,000 लड़ाके शामिल हैं और सेना से प्रतिरोध न करने का आग्रह किया।

रूस की संसद के निचले सदन के स्पीकर व्याचेस्लाव वोलोदिन ने कहा कि सांसद ‘‘सुरक्षा बलों की एकजुटता के लिए खड़े हैं’’ और पुतिन का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि ‘‘वैग्नर लड़ाकों को सही विकल्प चुनना होगा। अपने लोगों का साथ देते हुए कानून के पक्ष में रहना होगा, मातृभूमि की सुरक्षा और भविष्य की रक्षा के लिए, कमांडर-इन-चीफ के आदेशों का पालन करना होगा।’’

इस बीच, चेचन्या क्षेत्र के नेता रमजान कादिरोव ने पुतिन के प्रति अपना पूर्ण समर्थन व्यक्त किया है। कादिरोव ने सेना की आलोचना में प्रीगोझिन का पक्ष लिया था।

कादिरोव ने कहा, ‘‘हमारे पास लोगों द्वारा चुना गया प्रमुख कमांडर है, जो स्थिति को किसी भी रणनीतिकार और व्यवसायी से बेहतर जानता है। विद्रोह को कुचलने की जरूरत है।’’

प्रीगोझिन द्वारा बगावत के एलान का क्या असर होगा, फिलहाल यह साफ नहीं है, लेकिन इसकी वजह से यूक्रेन में रूस का अभियान और प्रभावित होने की आशंका है। ‘वैग्नर ग्रुप’ के लड़ाकों ने यूक्रेन युद्ध में अहम भूमिका निभाते हुए बखमूत शहर पर कब्जा करने में कामयाबी हासिल की थी, जो लंबी और भीषण लड़ाई का गवाह रहा था। इससे संयुक्त मोर्चा कायम रखने की पुतिन की क्षमता पर भी सवाल उठेंगे।

यूक्रेन युद्ध में रूस की तरफ से लड़ने के बावजूद प्रीगोझिन ने देश के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की आलोचना की है। उन्होंने अधिकारियों पर अक्षम होने और ‘वैग्नर’ बलों को हथियार व गोला-बारूद की आपूर्ति नहीं करने का आरोप लगाया है।

अपने टेलीग्राम चैनल पर जेलेंस्की ने विद्रोह का उल्लेख किया और कहा, ‘‘जो कोई भी बुराई का रास्ता चुनता है, वह खुद को नष्ट कर लेता है।’’

जेलेंस्की ने कहा, ‘‘लंबे समय तक, रूस ने अपनी कमजोरी और अपनी सरकार की मूर्खता को छुपाने के लिए दुष्प्रप्रचार का सहारा लिया। अब इतनी अराजकता है कि कोई भी झूठ इसे छिपा नहीं सकता।’’

उन्होंने कहा, ‘‘रूस की कमजोरी स्पष्ट है। रूस जितनी देर तक अपनी सेना और भाड़े के सैनिकों को हमारी जमीन पर रखेगा, बाद में उसे उतनी ही अधिक अराजकता, पीड़ा और समस्याएं होंगी।’’

प्रीगोझिन की घोषणा का युद्ध पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। लंदन स्थित थिंक टैंक ‘चैथम हाउस’ में यूक्रेन फोरम के प्रमुख ओरीसिया लुत्सेविच ने कहा कि रक्षा मंत्रालय और वैग्नर के बीच अंदरूनी लड़ाई रूसी सेनाओं के बीच भ्रम और संभावित विभाजन पैदा करेगी। (एपी)

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