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जोड़ प्रत्यारोपण विशेषज्ञ ने मिनीमम कट तकनीकों की बताई खुबियां
रायपुर, 25 जून। अभी हॉल ही में रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल द्वारा भिलाई में एक कार्यक्रम रखा गया जिसमें जोड़ प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ. अंकुर सिंघल द्वारा सर्जरी लाभ हुए मरीजों को बुलाया गया था जिसमें मरीजों ने न केवल अपना अनुभव साझा किया बल्कि फैशन वॉक व डांस करके बताया कि वह पूरी तरह से फीट है। कुछ मरीज तो 80 से 85 साल के भी थे जिन्होंने बताया कि कैसे वे ऑपरेशन से पहले लकड़ी लेकर चलते थे और आज वे बिना सहारे के अच्छी तरह से चल पा रहे है ।
कई मरीज ऐसे थे जो व्हीलचेयर का सहारा लिया करते थे लेकिन वे भी अब ऑपरेशन के बाद सामान्य जीवन यापन कर रहे है। रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के जाने माने जोड़ प्रत्यारोपण सर्जन डॉ. अंकुर सिंघल द्वारा मरीजों का ईलाज मिनीमम कट तकनीक (रूष्टञ्ज) द्वारा किया जाता है । जिसमें मरीज को तीन घंटे बाद चलाया जाता है और उन्हें सीढ़ी पर चढ़ाया भी जाता है इस तकनीक द्वारा उनकी रिकवरी तेजी से होती है।
डॉ. सिंघल ने बताया कि मिनीमम कट तकनीक यह है कि इसमें छोटे चिरे का ऑपरेशन होता है, चमड़ी पर टांका नहीं लगाते, इससे मरीज को पेन कम होता है, उनकी फास्ट रिकवरी होती है, ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरुरत नहीं पड़ती है। इससे मरीज बहुत जल्द ठीक हो जाता है और लगभग एक महीने में नॉर्मल लाइफ में आ जाता है है।
जिन मरीजो के घुटने जो टेढ़े-मेढ़े थे वह भी ठीक हो गए है और वह रोजाना 4 से 5 किलोमीटर तक पैदल चल रहे कुछ मरीजों का जॉब भी लग चुका है क्योंकि घुटने व कूल्हे की तकलीफ की वजह से उनका जॉब छूट गया था। अब वह सभी मरीज बहुत खुश है क्योंकि वह अब आसानी से सीढ़ी चढ़ पा रहे है बल्कि दौडऩे भी लग गए है, प्रफुल्लित मन से डांस भी कर रहे हैं और उन्हें लगने लगा है कि वे अब पहले की तरह पूरी तरह फिट है ।